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An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर दावा किया गया कि बड़ी संख्या में लोग ईवीएम की निगरानी करने निकल पड़े हैं। वायरल वीडियो में लोगों की भीड़ ‘अखिलेश भईया जिंदाबाद’ के नारे लगाती नजर आ रही है।
एक फेसबुक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “तानाशाही को सबक सिखाने जनता खुद रोड पर आ चुकी है।”
(उपरोक्त फेसबुक पोस्ट के कैप्शन को अक्षरश: लिखा गया है।)
वहीं, एक अन्य फेसबुक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “तानासाही सरकार को सबक सिखाने जनता खुद रोड पर आ चुकी है !”
(उपरोक्त फेसबुक पोस्ट के कैप्शन को अक्षरश: लिखा गया है।)
(उपरोक्त ट्वीट का आर्काइव लिंक यहाँ देखा जा सकता है।)
ट्विटर यूजर हंसराज मीना ने भी वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “तानासाही सरकार को सबक सिखाने जनता खुद रोड पर आ चुकी है !” हालाकिं, उन्होंने बाद में अपना ट्वीट डिलीट कर दिया, जिसका आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।
यूपी में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 8 मार्च, 2022 को पत्रकार वार्ता करते हुए वाराणसी समेत प्रदेश के कई जिलों में चुनाव में हुई धांधली का आरोप लगाया था। उन्होंने सपा के कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों को काउंटिंग सेंटर पर पहरा देने की बात कही थी। वहीं, अखिलेश यादव के बयान पर सफाई देते हुए 09 मार्च 2022 को चुनाव आयोग ने एक पत्र जारी कर साफ किया था कि वाराणसी में गाड़ी से बरामद हुई ईवीएम मशीनें, मतगणना की ट्रेनिंग के लिए लाई गई थी और ये मतदान के दौरान इस्तेमाल में नहीं थीं। इसके अलावा वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने एक पत्र जारी कर जानकारी दी कि जिला प्रशासन की ओर से हुई लापरवाही के बाद वाराणसी में ईवीएम के नोडल प्रभारी नलिनी कांत सिंह को हटा दिया गया है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर दावा किया गया कि बड़ी संख्या में लोग ईवीएम की निगरानी करने निकल पड़े हैं।
Fact Check/Verification
बड़ी संख्या में लोग ईवीएम की निगरानी करने निकल पड़े हैं, दावे के साथ वायरल वीडियो का सच जानने के लिए हमने इसे inVid टूल की मदद से कुछ की-फ्रेम्स में बदला। एक की-फ्रेम के साथ Yandex सर्च किया। इस दौरान हमें aRjUn yADaV Up72 द्वारा 9 जुलाई 2021 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया एक वीडियो प्राप्त हुआ। वीडियो के मुताबिक, यूपी के बस्ती जिले के दुबौलिया ब्लॉक में तालेवान यादव द्वारा पर्चा दाखिल करने के दौरान उनके समर्थन में निकले लोग। aRjUn yADaV Up72 द्वारा अपलोड किए गए इस वीडियो में वायरल वीडियो का अंश देखा जा सकता है।
हमने ‘बस्ती जिले के दुबौलिया ब्लॉक में तालेवान यादव’ कीवर्ड की मदद से फेसबुक पर सर्च किया। इस दौरान हमें बाराबंकी से सपा के विधान परिषद सदस्य राजेश यादव द्वारा 9 जुलाई 2021 को अपलोड किया गया एक वीडियो प्राप्त हुआ। वीडियो में लिखे कैप्शन के मुताबिक, “जब सरकार खुद अन्याय करने लगे तो उनका सिंहासन हिलाने जनता ऐसे ही आती है।जनपद बस्ती के दुबौलिया ब्लॉक से समाजवादी पार्टी प्रत्याशी श्री तालेवान यादव (अंकल जी) को भाजपाई गुण्डे जब नामांकन नही करने दिये तो आसपास के हजारों की संख्या में लोग तालेवान जी के समर्थन में निकल पड़े, फिर भाजपाई गुण्डों की क्या मजाल ब्लॉक परिसर के कोसों तक नजर नही आये।” राजेश यादव द्वारा अपलोड किए गए वीडियो में सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का अंश देखा जा सकता है।
पड़ताल के दौरान हमें दैनिक जागरण द्वारा 10 जुलाई, 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। बतौर रिपोर्ट, यूपी के बस्ती स्थित दुबौलिया में ब्लॉक प्रमुख पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले हुए बवाल और हिसंक घटनाओं के दो मामलों में पुलिस ने 720 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। बतौर रिपोर्ट, इसमें सपा नेता तालेवन यादव और उनकी पत्नी सहित 40 लोगों को नामजद किया गया था।
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Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि बड़ी संख्या में लोग ईवीएम की निगरानी करने निकल पड़े हैं, दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो एक साल पुराना है। इसका हालिया विधानसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है।
Result: False Context/False
Our Sources
Video Uploaded On YouTube by Ariun Yadav UP 72 on 9 July 2021
Video Posted By MLC Rajesh Yadav Facebook Page on 9 July 2021
Report Published By Dainik Jagran on 10 July 2021
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