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Claim
नसरल्लाह की मौत के बाद लेबनान में शिया-सुन्नी के बीच दंगे शुरू हो गए हैं.
Fact
वीडियो करीब छह वर्ष पुराना है.
सोशल मीडिया पर एक झड़प का वीडियो इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि हिजबुल्लाह प्रमुख नसरल्लाह की मौत के बाद लेबनान में शिया-सुन्नी के बीच दंगे शुरू हो गए हैं.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो करीब छह वर्ष पुराना है, जब 2018 के लेबनान के चुनाव में हिजबुल्लाह और अमल मूवमेंट की जीत के बाद उसके समर्थकों एवं तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी फ्यूचर मूवमेंट के समर्थकों के बीच झड़प हो गई थी.
गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए इजरायली हमले में चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत हो गई. इससे पहले पेजर और वाकी-टॉकी में हुए धमाकों में भी कई हिजबुल्लाह लड़ाकों की मौत हो गई थी.
वायरल वीडियो करीब 33 सेकेंड का है, जिसमें एक सड़क पर कई लोग मौजूद हैं और उनके बीच झड़प होती हुई दिखाई दे रही है. झड़प के दौरान कई मोटर साइकिल सवार वहां से भागते हुए भी दिखाई दे रहे हैं.
इस वीडियो को वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “लेबनान में शिया सुन्नी दंगा शुरू हो गया. सुन्नी मुसलमान अब शिया मुसलमानो को जो हिज्बबुलाह के समर्थक है उनको मार मार कर अपने इलाके से भगा रहे हैं”.
इसके अलावा यह वीडियो इसी तरह के दावे से फेसबुक पर भी वायरल है.
Fact Check/Verification
Newschecker ने वीडियो की पड़ताल के लिए उसके कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया. इस दौरान हमें लेबनान के एक मीडिया आउटलेट Saida TV के फेसबुक अकाउंट से 7 मई 2018 को अपलोड किया गया वीडियो मिला. इस वीडियो में वायरल वीडियो वाले कई दृश्य मौजूद थे. वीडियो के कैप्शन में लिखा गया था, “आयशा बक्कर में फ्यूचर और हिजबुल्लाह समर्थकों के बीच झड़प”.
ऊपर मिली जानकारी के आधार पर कीवर्ड सर्च किया तो MTV नाम की एक वेबसाइट पर भी वायरल वीडियो से मिलते दृश्यों वाला वीडियो 7 मई 2018 को अपलोड किया हुआ मिला. वीडियो के साथ मौजूद टेक्स्ट में लिखा हुआ था कि आयशा बक्कर में उस वक्त भी झड़प हो गई, जब हिजबुल्लाह के झंडे लिए हुए 200 से ज्यादा मोटर साइकिल सवार सलीम सलेम टनल से रास इ नबेह और आयशा बक्कर होते हुए अकराफिह की तरह बढ़ रहे थे.
पड़ताल के दौरान एक न्यूज वेबसाइट पर भी इससे जुड़ी रिपोर्ट 8 मई 2018 को प्रकाशित मिली. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि 7 मई 2018 की शाम को लेबनान संसदीय चुनाव परिणाम सामने आने के बाद राजधानी बेरुत में हिजबुल्लाह और अमल मूवमेंट के समर्थकों और फ्यूचर मूवमेंट के समर्थकों के बीच झड़प हो गई थी. फ्यूचर मूवमेंट ने एक बयान जारी कर इसकी निंदा भी की थी. बयान में कहा गया था कि हिजबुल्लाह समर्थकों ने बेरूत के आयशा बक्कर इलाके में सरेआम गोलीबारी की और पूर्व प्रधानमंत्री रफीक हरीरी की मूर्ति पर भी हमला किया.
उस हमले के बाद तत्कालीन सरकार ने 72 घंटों तक डाउनटाउन इलाके में मोटर साइकिल के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके अलावा तनाव वाले इलाके में आर्मी भी तैनात कर दी गई थी.
इसके अलावा हमें एक अन्य न्यूज रिपोर्ट में भी वायरल वीडियो वाले दृश्य मिले. इस न्यूज रिपोर्ट में बताया गया था कि अमल मूवमेंट के नेता व स्पीकर नबीह बेर्री ने भी बयान जारी कर इस झड़प की निंदा की थी और कहा था कि “हम राजधानी बेरूत की कुछ सड़कों पर हुए घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, जिसके दौरान कुछ गुंडों ने अमल मूवमेंट और हिजबुल्लाह की उपलब्धियों को नुकसान पहुंचाया”.
खोजने पर हमें वीडियो में दिख रहा स्थान गूगल मैप्स पर मौजूद स्ट्रीट व्यू में भी मिला. यह स्थान बेरुत के अल कस्सर मस्जिद के पास है.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि वायरल वीडियो हालिया नहीं, बल्कि करीब 6 वर्ष पुराना है और इसका लेबनान के हालिया घटनाक्रम से कोई संबंध नहीं है.
Result: Missing Context
Our Sources
Video Posted by SAIDA TV on 7th May 2018
Article Published by MTV on 7th May 2018
Article Published by Horray.nt on 8th May 2018
Article Published by naharnet.com on 8th May 2018
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