Authors
An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.
Claim
पीएम मोदी की डिग्री फर्जी है, क्योंकि उनकी 1983 की गुजरात यूनिवर्सिटी वाली डिग्री पर जिस वाइस चांसलर के. एस. शास्त्री के हस्ताक्षर हैं उनका कार्यकाल 1981 में ही खत्म हो गया था.
Fact
1983 में गुजरात यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के. एस. शास्त्री ही थे. उनके कार्यकाल का जो फोटो वायरल है वह गुजरात की एक अन्य यूनिवर्सिटी का है, जहां उन्होंने 1980 से 1981 तक वाइस चांसलर के पद पर काम किया था.
सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की डिग्री को लेकर बवाल मचा हुआ है. 2016 में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे को उठाया था. हाल ही में उन्होंने दोबारा शक जाहिर किया है कि प्रधानमंत्री की डिग्री फर्जी है.
2016 में बवाल होने के बाद तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने के नरेंद्र मोदी के नाम पर बनी दिल्ली यूनिवर्सिटी और गुजरात यूनिवर्सिटी की दो डिग्रियों की कॉपी जनता के बीच पेश की थी.
अब इन्हीं में से गुजरात यूनिवर्सिटी वाली डिग्री की एक फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है. दावा है कि मोदी की ये डिग्री फर्जी है, क्योंकि 1983 में जारी की गई इस डिग्री पर जिस वाइस चांसलर के. एस. शास्त्री के हस्ताक्षर हैं उनका कार्यकाल 1981 में ही खत्म हो गया था.
वायरल पोस्ट में दो तस्वीरों का एक कोलाज है, जिसमें से एक में पीएम मोदी के नाम वाली डिग्री का सर्टिफिकेट है. डिग्री ‘Entire Political Science’ विषय की है और इसमें जारी करने की तारीख 30 मार्च 1983 लिखी है. डिग्री पर के. एस. शास्त्री नाम के वाइस चांसलर (कुलपति) के हस्ताक्षर हैं.
कोलाज की दूसरी फोटो में एक व्यक्ति की ब्लैक एंड वाइट फोटो है और नीचे लिखा है, “Prof. K.S. Shastri”, Vice Chancellor (22-08-1980 to 13-07-1981). फेसबुक और टि्वटर पर इस पोस्ट को शेयर करते हुए पीएम मोदी की डिग्री को फेक बताया जा रहा है.
Fact Check/Verification
सबसे पहले हमने गूगल पर प्रोफेसर ‘के एस शास्त्री’ नाम के इस ‘वाइस चांसलर’ को सर्च किया. हमें सूरत की ‘वीर नर्मद साउथ गुजरात यूनिवर्सिटी’ (VNSGU) की वेबसाइट पर यूनिवर्सिटी के पुराने सभी कुलपतियों की लिस्ट मिली. वेबसाइट पर इन सभी कुलपतियों के नाम के साथ इनके कार्यकाल की तारीखें भी लिखी हैं.
इनमें से एक, प्रोफेसर के.एस. शास्त्री भी हैं, जिनके नाम के साथ वही फोटो और कार्यकाल की तारीखें देखी जा सकती हैं जो वायरल पोस्ट में हैं. देखने में ऐसा लग रहा है कि वायरल पोस्ट में के. एस. शास्त्री वाला जो स्क्रीनशॉट है वह इसी वेबसाइट से लिया गया है.
यहां बता दें कि गुजरात यूनिवर्सिटी और VNSGU, दोनों अलग-अलग यूनिवर्सिटी हैं. गुजरात यूनिवर्सिटी अहमदाबाद में स्थित है, वहीं VNSGU सूरत में. यहां इतनी बात स्पष्ट हो जाती है कि के.एस. शास्त्री 1980 से 1981 तक VNSGU के वाइस चांसलर रहे हैं, ना कि गुजरात यूनिवर्सिटी के.
तो फिर डिग्री पर किस के.एस.शास्त्री के हस्ताक्षर हैं?
पीएम मोदी की बताई जा रही डिग्री पर भी VNSGU के वाइस चांसलर रहे के.एस. शास्त्री के हस्ताक्षर हैं. दरअसल, शास्त्री VNSGU के बाद 1981 में ही गुजरात यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर बन गए थे. वह 1987 तक इस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे थे. इस बात की जानकारी गुजरात यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर मौजूद सभी कुलपतियों की लिस्ट में दी गई है.
प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री 1983 की है. उस समय प्रोफेसर के.एस. शास्त्री ही गुजरात यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर थे. VNSGU वाले के.एस. शास्त्री और गुजरात यूनिवर्सिटी वाले के.एस. शास्त्री एक ही व्यक्ति हैं, इस बात की पुष्टि ‘SOMLALIT EDUCATION AND RESEARCH FOUNDATION’ नाम की इस दूसरी संस्था की वेबसाइट से हो जाती है.
अहमदाबाद स्थित इस शैक्षणिक संस्था की वेबसाइट पर बताया गया है कि इसके चेयरमैन प्रोफेसर के.एस. शास्त्री हैं. वेबसाइट पर शास्त्री की फोटो के साथ बताया गया है कि वह गुजरात यूनिवर्सिटी और साउथ गुजरात यूनिवर्सिटी (VNSGU) के वाइस चांसलर रह चुके हैं.
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Conclusion
कुल मिलाकर निष्कर्ष निकलता है कि 1983 में गुजरात यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के.एस.शास्त्री थे. उनके कार्यकाल का जो फोटो वायरल है वह गुजरात की एक दूसरी यूनिवर्सिटी का है, जहां उन्होंने 1980 से 1981 तक वाइस चांसलर के पद पर काम किया था. हालांकि, हम स्वतंत्र रूप से पीएम मोदी के बताए गए इस डिग्री सर्टिफिकेट की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं कर सकते.
Result: False
Our Sources
Information available on the website of Gujarat University and VNSGU
Information available on the website of ‘SOMLALIT EDUCATION AND RESEARCH FOUNDATION’
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