Fact Check
Fact Check: SBI की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि मोदी सरकार में बोलने की आजादी नहीं है? यहां पढ़ें सच

Claim
SBI की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा है कि मोदी सरकार में बोलने की आजादी नहीं है.
Fact
यह दावा भ्रामक है. अरुंधति भट्टाचार्य ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.
सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि SBI की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा है कि मोदी सरकार में बोलने की आजादी नहीं है.
अरुंधति भट्टाचार्य साल 2013 में भारतीय स्टेट बैंक की प्रमुख बनने वाली पहली महिला थीं. SBI चेयरपर्सन के तौर पर अपने चार वर्ष के कार्यकाल के बाद साल 2017 में सेवानिवृत हुई अरुंधति भट्टाचार्य ने Piramal Group, Wipro Limited जैसी कंपनियों के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के तौर पर भी अपनी सेवा दी. उनके LinkedIn पेज पर मौजूद जानकारी के अनुसार वह वर्तमान में Salesforce नामक कंपनी की चेयरपर्सन तथा CEO एवं SWIFT India नामक कंपनी की चेयरपर्सन होने के साथ ही Reliance Industries Limited के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स में भी शामिल हैं. गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी की घोषणा के दौरान अरुंधति भट्टाचार्य SBI प्रमुख के पद पर आसीन थी.
इसी क्रम में सोशल मीडिया तथा मैसेजिंग ऐप्स यूजर्स यह दावा कर रहे हैं कि SBI की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा है कि मोदी सरकार में बोलने की आजादी नहीं है.

Fact Check/Verification
SBI की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य द्वारा मोदी सरकार में बोलने की आजादी ना होने की बात कहने के नाम पर शेयर किए जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए, हमने ‘SBI की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा है कि मोदी सरकार में बोलने की आजादी नहीं है’ तथा ‘former chairperson of SBI Arundhati Bhattacharya criticized Modi government’ कीवर्ड को गूगल पर ढूंढा. बता दें कि इस प्रक्रिया में हमें एक भी ऐसी मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जो वायरल दावे का समर्थन करती हो.

उपरोक्त सर्च प्रक्रिया से प्राप्त परिणामों में मिले The Economic Times द्वारा 16 मार्च, 2018 को प्रकाशित लेख के अनुसार, अरुंधति भट्टाचार्य ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों में बहुधा नेतृत्व परिवर्तन तथा इनमे बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के मामलों को लेकर अपनी बात रखी थी. हालांकि, लेख के अनुसार उन्होंने तत्कालीन ज्वलंत मुद्दों जैसे कि सरकारी बैंकों के निजीकरण और केंद्रीय बैंक की शक्तियों के लिए RBI तथा वित्त मंत्रालय के बीच हो रही खींचतान को लेकर कोई बात नहीं कही थी.

India Today द्वारा 27 अक्टूबर, 2017 को प्रकाशित लेख के अनुसार, अरुंधति भट्टाचार्य ने नोटबंदी को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी थी. बता दें कि इसके अतिरिक्त कई अन्य लेखों में नोटबंदी एवं अन्य मुद्दों को लेकर अरुंधति भट्टाचार्य का बयान प्रकाशित है, लेकिन किसी भी लेख में उनके द्वारा मोदी सरकार में बोलने की आजादी ना होने की बात कहने का कोई जिक्र नहीं है.
इसके अतिरक्त, हमने अरुंधति भट्टाचार्य के LinkedIn पेज पर शेयर किए गए पोस्ट्स को भी खंगाला. लेकिन हमें एक भी ऐसा पोस्ट नहीं मिला, जिसमें वायरल दावे का समर्थन करती जानकारी प्रकाशित की गई हो.
Conclusion
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि SBI की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य द्वारा मोदी सरकार में बोलने की आजादी ना होने की बात कहने के नाम पर शेयर जा रहा यह दावा गलत है. असल में उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.
Result: False
Our Sources
Arundhati Bhattacharya’s LinkedIn page
Media reports
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