सोशल मीडिया पर पीएम नरेंद्र मोदी का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में पीएम मोदी बोल रहे हैं, “यहां भी खुदा, वहां भी खुदा, जहां आज नहीं खुदा, वहां कल खुदेगा।” इस वीडियो को वाराणसी के ज्ञानवापी में हुए हालिया सर्वे से जोड़ते हुए शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर Ajeet Madhukar Jatav ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘जय हो #मोदी जी की
यहां भी खुदा वहां भी खुदा। जहां नही खुदा है, वहां कल खुदेगा #ज्ञानवापी हमारा है.’
इसी तरह कई अन्य फेसबुक यूजर्स ने भी इस वीडियो को ज्ञानवापी मस्जिद के हालिया विवाद से जोड़कर शेयर किया है।
ट्विटर पर भी इस वीडियो को ज्ञानवापी में हुए सर्वे से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
बीते सप्ताह वाराणसी कोर्ट के निर्देश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद में लगातार तीन दिनों तक सर्वे हुआ। सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने वहां शिवलिंग मिलने का दावा किया है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आखिरी दिन यानी बीते सोमवार को कोर्ट ने जिला प्रशासन को निर्देश देते हुए उस जगह को सील करने को कहा, जिस जगह पर शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है। ज्ञानवापी में मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने शिवलिंग मिलने वाले दावे को खारिज करते हुए उसे वजूखाने के बीच में लगा एक फव्वारा बताया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी कोर्ट को आज आदेश दिया है कि 20 मई तक इस मामले की सुनवाई को रोक दिया जाए।
टाइम्स नॉउ की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान हिंदू पक्ष ने सर्वे की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि इसकी खुदाई होने पर सच्चाई सामने आएगी।
आजतक की एक खबर के मुताबिक, मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व की मांग को लेकर मथुरा कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि के पास बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की भी मांग की गई है। आज यानी 19 मई को कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए इसे सुनवाई के योग्य माना है।
इसके अलावा न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अखिल भारत हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने जामा मस्जिद के चबूतरों और सीढ़ियों के नीचे हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां होने का दावा किया है। उन्होंने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर जामा मस्ज़िद के चबूतरों और सीढ़ियों की खुदाई कराने की अपील की है। इसी बीच यह दावा शेयर कर कहा जा रहा है कि पीएम मोदी ने विवादित धार्मिक स्थलों की खुदाई की बात को पहले ही बता दिया था।
Fact Check/Verification
सच जानने के लिए गूगल पर ‘मोदी खुदा’ कीवर्ड को खोजने पर हमें The Volt नामक यूट्यूब चैनल पर 17 मार्च 2017 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। वीडियो के कैप्शन में लिखा है, ‘पीएम मोदी ने वाराणसी में कहा कि ये अखिलेश का प्रदेश है, जहां हर जगह खुदा हुआ है।’ यह वही वीडियो है जो अभी सोशल मीडिया पर वायरल है।
पड़ताल के दौरान हमें इस संबंध में न्यूज 18 द्वारा 5 मार्च 2017 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव के समय पीएम मोदी वाराणसी में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पिछली सरकारों को खूब लताड़ा। बतौर रिपोर्ट, पीएम मोदी ने कहा, “बनारस की तुलना दुनिया के किसी शहर से नहीं की जा सकती है। मैं जितना भी काम आपके लिए करूं वो कम है। उत्तर प्रदेश में जितनी सरकारें आईं और गईं उन्होंने बनारस के लिए छोटे-छोटे काम किए। इन छोटे-छोटे कामों से बनारस की तस्वीर नहीं बदलेगी। बनारस को कायाकल्प की जरूरत है। इसके लिए बड़ी योजनाएं और नई तकनीक की जरूरत है।” इसके आगे उन्होंने कहा, “यहां भी खुदा, वहां भी खुदा’ वाला हाल है। मैंने बनारस को तारों के जाल से मुक्ति दिलाने का काम शुरू कराया, लेकिन यूपी की अखिलेश यादव ने उसमें रुचि नहीं दिखाई।” News18 द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में मोदी के भाषण का वीडियो भी संलग्न है।
इसके अलावा, हमने ट्विटर पर कुछ कीवर्ड की मदद से सर्च किया। हमें BJP के ट्विटर हैंडल द्वारा 5 मार्च 2017 को पीएम मोदी द्वारा वाराणसी में दिए गए भाषण का पूरा वीडियो प्राप्त हुआ। वीडियो में 10 मिनट 30 सेकेंड से पीएम मोदी को यह कहते सुना जा सकता है, “मैं उत्तर प्रदेश में जब से घूम रहा हूं, खासकर के सांसद बनने के बाद हमारे एमपी लोग मिलने आते हैं। उनकी बात करने की शैली बड़ी मजेदार होती है। वे बोलते हैं साहब, अरे उत्तर प्रदेश का आपको कहां पता है। मैंने कहा बताइए। अरे हमारा तो उत्तर प्रदेश ऐसा है कि यहां भी खुदा, वहां भी खुदा। जहां नहीं खुदा है वहां कल खुदेगा। अब ये हाल किसने बनाकर रखा है। ये बनारस में जो तारों के जाल लटकते रहते हैं, उसके कारण बिजली का नुकसान होता है, लाइनों का नुकसान होता है, शहर का नुकसान होता है और लाइन लॉस (बिजली की कमी) होता है। जब मैंने ये सब देखा तो पहली मीटिंग में कहा था कि ये मैं ठीक करूंगा। अब तक 100 किलोमीटर केबल मैं डाल चुका हूं। कुल 300 किलोमीटर डालना है। एक तिहाई काम हुआ है अभी दो तिहाई बाकी है। लेकिन ये सरकार (सपा सरकार) ऐसी है कि उसको खुशी होनी चाहिए थी कि चलो भाई प्रधानमंत्री ने रूचि लेकर के उनके सांसद के नाते इतना पैसा दिल्ली से दे रहे हैं, इतना अच्छा काम हो रहा है लेकिन केबल डालने के बाद वहां जो रोड ठीक करना चाहिए वो नहीं करते हैं। “
यह भी पढ़ें: कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर में पंडाल के रंग को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ भ्रामक दावा
बता दें, यूपी में 2012 से मार्च 2017 तक अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी की सरकार सत्ता में थी। 11 मार्च 2017 को यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे, जिसमें बीजेपी ने 300 से अधिक सीटें हासिल कर सरकार बनाई थी। पीएम मोदी ने अपने इस चुनावी भाषण में किसी भी धार्मिक स्थल को लेकर ये बयान नहीं दिया बल्कि उन्होंने बनारस की सड़कों और मौजूदा व्यवस्थाओं को लेकर ‘खुदा’ शब्द का प्रयोग करते हुए तत्कालीन सरकार को आड़े हाथों लिया था।
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट है कि पीएम मोदी के पांच साल पुराने भाषण के वीडियो को ज्ञानवापी में हो रहे हालिया सर्वे से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। पांच साल पहले पीएम मोदी ने अपने भाषण में यूपी की तत्कालीन सपा सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने किसी विवादित धार्मिक स्थल को लेकर यह बयान नहीं दिया था। अब इस पांच साल पुराने वीडियो के एक हिस्से को शेयर कर सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाया जा रहा है।
Result: False Context/Missing Context
Our Sources
Video Published by YouTube Channel The Volt on March 17, 2017
Report Published by News18 Report on March 5, 2017
Tweet by BJP on March 5, 2017
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: [email protected]