Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
शांतिदूतों ने आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या कर दी।
ट्वीट के आर्काइव लिंक को यहाँ देखे
जानिए वायरल दावा
सोशल मीडिया पर एक मृत व्यक्ति की खून से लथपथ तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर शेयर करने वाले यूज़र का दावा है कि मृत व्यक्ति आरएसएस कार्यकर्ता हैं, जिनकी शांतिदूतों ने हत्या कर दी।
Verification
ट्विटर पर मृत आरएसएस सदस्य की तस्वीर के साथ वायरल हो रहे दावे को कई अन्य यूज़र्स ने भी शेयर किया है।
तस्वीर की सत्यता जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल शुरू की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले तस्वीर को Google पर खोजा। खोज में मिले परिणामों से हमें तस्वीर को कोई सटीक जानकारी नहीं मिल पायी।
वायरल तस्वीर की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने तस्वीर को Google पर कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से दोबारा खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर तो नहीं मिली लेकिन OneIndiaTamil द्वारा किये गए एक ट्वीट में हमें वायरल दावे से संबंधित खबर प्राप्त हुई। ट्वीट में OneIndia Tamil की वेबसाइट पर छपे एक लेख का लिंक भी दिया गया है। ट्वीट में यह बताया गया है कि तमिलनाडु में 65 वर्षीय आरएसएस कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या कर दी गयी ।
OneIndia की वेबसाइट पर छपी खबर को समझने के लिए हमने अपनी टीम से तमिल भाषा की सहयोगी गायत्री जयचंद्रन से सहायता ली।
इस दौरान उन्होंने यह बताया कि खबर में जानकारी दी गयी है कि मरने वाले 65 वर्षीय गोपालन हैं। वे आरएसएस कार्यकर्ता थे और जिन्हें एक संपत्ति विवाद के चलते मार दिया गया।
उपरोक्त प्राप्त खबर में दी गयी जानकारी की पुष्टि के लिए हमने Google पर और बारीकी से खोजा। इस दौरान हमें Newstm Desk नाम की वेबसाइट पर उक्त घटना से संबंधित लेख मिला। लेख किसी अन्य भाषा में प्रकाशित हुआ था इसलिए लेख को समझने के लिए हमने एक बार फिर अपने सहयोगी की सहायता ली। उन्होंने बताया कि उक्त लेख में यह जानकारी दी गयी है कि 65 वर्षीय आरएसएस कार्यकर्ता गोपालन की हत्या का आरोप बीजेपी नेता (सर्वानन) पर है।
उपरोक्त तथ्यों के अलावा हमें वायरल दावे पर एक तमिल भाषा की वेबसाइट Youturn.in पर फैक्ट-चेक भी प्राप्त हुआ। जहां वायरल दावे को गलत ठहराते हुए यह बताया गया है कि RSS कार्यकर्ता की हत्या में कोई साम्प्रदायिक रंग नहीं है।
पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स की मदद से हमें पता चला कि मृत आरएसएस कार्यकर्ता गोपालन की हत्या की खबर को सांप्रदायिक रंग देकर सोशल मीडिया पर शेयर करने वाला दावा भ्रामक है। असल में 65 वर्षीय आरएसएस कार्यकर्ता गोपालन की हत्या का आरोप बीजेपी नेता सर्वानन पर है जिसने संपत्ति विवाद के चलते ऐसा किया।
Tools Used
- Google Search
- Twitter Advanced Search
- Reverse Image Search
Result: Misleading
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.