Authors
Claim
दुबई के मुस्लिम संगठन ने भारत में वोट डालने आए मुस्लिमों के लिए किया आर्थिक सहायता का ऐलान.
Fact
नहीं, वायरल लेटर फर्जी है.
सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि दुबई के एक मुस्लिम संगठन ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने गए मुसलमानों के लिए आर्थिक मदद का ऐलान किया है.
हालांकि, हमने अपनी अपनी जांच में पाया कि वायरल लेटर फर्जी है. लेटर में दिए गए मोबाइल नंबर और पता इस कथित संगठन के नहीं हैं.
गौरतलब है कि 7 मई को लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान संपन्न हुआ. इस दौरान 93 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई, जिनमें से गुजरात की 25 सीटें, कर्नाटक की 14 सीटें, महाराष्ट्र की 11 सीटें, उत्तर प्रदेश की 10 सीटें, मध्य प्रदेश की 9 सीटें, छत्तीसगढ़ की 7 सीटें और बिहार की 5 सीटों के अलावा कई अन्य राज्यों की भी कुछ सीटें शामिल थीं. इस दौरान करीब 62.1% वोटिंग दर्ज की गई.
वायरल लेटर में सबसे ऊपर अंग्रेजी में “Association of Sunni Muslims” लिखा हुआ है और उसके नीचे इसका अनुवाद हिंदी और अंग्रेज़ी में भी है. इसके अलावा, पते के तौर पर “#2-11th street, Khalid Bin Walid Road, Plot no. Umm Hurair One, Dubai, United Arab Emirates” और जारी करने की तारीख 29 अप्रैल 2024 लिखी हुई है.
लेटर में मौजूद अंग्रेजी और उर्दू टेक्स्ट का हिंदी अनुवाद है, “एसोसिएशन ऑफ सुन्नी मुस्लिम (दुबई) ने कर्नाटक और अन्य राज्यों में 7 मई को भारतीय चुनावों में वोट देने वाले मुसलमानों के लिए टिकट बुकिंग और पहले से बुक किए गए टिकटों के लिए पूर्ण वित्तीय सहायता की घोषणा की है. ऐसा करने का मुख्य उद्देश्य इन चुनावों में फासीवादी ताकतों को हराना और मुसलमानों के सच्चे दोस्त भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को सत्ता में बहाल करना है”. इसके अलावा, लेटर में कर्नाटक के हुबली, कारवार और शिमोगा जिले के लोगों के लिए तीन अलग-अलग मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं. वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है।
Fact Check/Verification
Newschecker ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले लेटर में मौजूद मुस्लिम संगठन के बारे में खोजा। इस दौरान हमें दुबई के एसोसिएशन ऑफ सुन्नी मुस्लिम संगठन से जुड़ी कोई जानकारी इंटरनेट पर नहीं मिली.
इसके बाद हमने वायरल लेटर में मौजूद पते की मदद से उक्त संगठन को खंगाला तो पाया कि यह पता संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी दुबई में स्थित पाकिस्तानी दूतावास के मुख्यालय का है.
वायरल लेटर में मौजूद मोबाइल नंबर भी हैं फर्जी
हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए वायरल लेटर में मौजूद नंबरों से भी संपर्क किया. इस दौरान हमने लेटर में सबसे ऊपर मौजूद नम्बर जो कथित तौर पर मोहम्मद फैयाज़ नाम के किसी शख्स का था, उससे व्हाट्सएप की मदद से संपर्क किया. इस दौरान हमने पाया कि यह नंबर कॉफ़ी मशीन बेचने वाली कंपनी Dallmayr के नाम से रजिस्टर्ड है. इस दौरान हमें कंपनी का इंस्टाग्राम अकाउंट भी मिला. इस अकाउंट के बायो में वह नंबर मौजूद है, जो वायरल लेटर में भी है.
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इसके बाद हमने उक्त कंपनी से भी संपर्क किया तो उन्होंने हमें यह स्पष्ट किया कि “हम लेटर में ज़िक्र किए गए संगठन से संबंधित नहीं हैं। हमारा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है”.
हमने अपनी जांच में वायरल लेटर में मौजूद दोनों अन्य नंबरों से भी संपर्क करने की कोशिश की है. उनका जवाब आने पर स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट हो गया कि वायरल लेटर फर्जी है, क्योंकि पत्र में जिस संगठन के बारे में दावा किया गया है उसकी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद नहीं है।
Result: False
Our Sources
Address mentioned on Google
Telephonic Conversation with mentioned number
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