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सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र एसएससी और एचएससी बोर्ड परीक्षा के आवेदन फॉर्म का स्क्रीनशॉट शेयर कर यह दावा किया गया है कि ‘महाराष्ट्र सरकार ने माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परीक्षा फॉर्म पर धर्म के कॉलम में ‘हिंदू’ की जगह पर ‘नॉन माइनॉरिटी’ लिखा है।’
ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
वायरल पोस्ट को ट्विटर पर कई अन्य यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है।
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Fact Check/Verification
क्या सच में महाराष्ट्र सरकार ने राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परीक्षा फॉर्म पर धर्म के कॉलम में ‘हिंदू’ की जगह पर ‘नॉन माइनॉरिटी’ लिखा है? इसका सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। सबसे पहले हमने वायरल हो रहे दावे को कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल पर सर्च किया। इस दौरान हमें 3 दिसंबर 2020 को वायरल दावे से संबंधित टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित लेख के मुताबिक, बीजेपी नेता अतुल भाटखलकर (Atul Bhatkhalkar) द्वारा दावा किया गया था कि 10वीं और 12वीं के परीक्षा फॉर्म में हिंदू शब्द हटाकर गैर-अल्पसंख्यक कर दिया गया है। जिसका खंडन करते हुए राज्य सरकार ने कहा था कि यह सच नहीं है। वहीं, स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ (Varsha Gaikwad) ने कहा था कि फॉर्म 2013 से उपयोग में है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन की चेयरपर्सन शकुंतला काले (Shakuntala kale) के मुताबिक, ‘फॉर्म 2013 में तैयार किया गया था और 2014 की परीक्षाओं के बाद से इसका उपयोग किया जा रहा है। कॉलम का उद्देश्य केंद्र और राज्य अल्पसंख्यकों की आवश्यकताओं के अनुरूप है।’
लेख में प्राप्त जानकारी के मुताबिक, साल 2013 में पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी के सत्ता में रहने के दौरान यह बदलाव किया गया था। प्राप्त रिपोर्ट से यह बात स्पष्ट होती है कि उद्धव ठाकरे सरकार ने महाराष्ट्र एसएससी और एचएससी बोर्ड परीक्षा आवेदन पत्र में बदलाव नहीं किया।
इसके अलावा, हमें साल 2017 में mahahsscboard.in की वेबसाइट पर अपलोड किया गया एक फॉर्म मिला, जो वायरल दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। वेबसाइट पर अपलोड फॉर्म में हिंदू की जगह गैर-अल्पसंख्यक का विकल्प लिखा हुआ था।
mahahsscboard.in की वेबसाइट पर प्राप्त फॉर्म से यह बात स्पष्ट है कि साल 2014 से 2017 तक फॉर्म में कोई हिंदू विकल्प नहीं था और ना ही उस समय राज्य में ठाकरे का शासन था।
पड़ताल के दौरान प्राप्त जानकारी की पुष्टि के लिए न्यूजचेकर ने महाराष्ट्र शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष शरद गोसावी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “सोशल मीडिया पर गलत पोस्ट वायरल हो रही है। वर्तमान सरकार द्वारा फॉर्म में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।”
Conclusion
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों से यह साफ होता है कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार के सत्ता में आने के बाद से माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परीक्षा फॉर्म में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। सोशल मीडिया पर फॉर्म के साथ किया गया ‘महाराष्ट्र सरकार ने माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परीक्षा फॉर्म पर धर्म के कॉलम में ‘हिंदू’ की जगह पर ‘नॉन माइनॉरिटी’ लिखा है’ वाला दावा गलत है।
Result: Misleading
Our Sources:
Contact from Chairman of Maharashtra Board of Education
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