मंगलवार, दिसम्बर 3, 2024
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उद्धव ठाकरे ने 1992 के दंगों के लिए मांगी माफी? नहीं, वायरल पेपर कटिंग फर्जी है

Authors

Believing in the notion of 'live and let live’, Preeti feels it's important to counter and check misinformation and prevent people from falling for propaganda, hoaxes, and fake information. She holds a Master’s degree in Mass Communication from Guru Jambeshawar University and has been a journalist & producer for 10 years.

Claim
राष्ट्रीय उजाला ने छापी ख़बर, उद्धव ठाकरे ने 1992 के दंगों के लिए मांगी माफी

Fact
वायरल पेपर कटिंग फर्जी है.

सोशल मीडिया पर एक पेपर कटिंग वायरल हो रही है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रीय उजाला नाम के अख़बार ने यह ख़बर जारी की है कि उद्धव ठाकरे ने 1992 के दंगों में शामिल होने के लिए माफ़ी मांगी है.

हालांकि हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल कटिंग फर्जी है और राष्ट्रीय उजाला ने साफ़ किया है कि उन्होंने इस तरह की कोई खबर नहीं छापी है.

वायरल पेपर कटिंग में हेडिंग के तौर पर लिखा हुआ है, “1992 के दंगों में शामिल होना गलती थी, माफ़ करो।”- उद्धव ठाकरे, मुस्लिम नेताओं के साथ हुई बैठक में उद्धव ठाकरे की माफी”. इसके अलावा नीचे खबर के तौर पर लिखा हुआ है, “- उद्धव ठाकरे को लेके एक सनसनीखेज खबर सामने आई है. मुस्लिम नेताओं के साथ हुई बैठक में उद्धव ठाकरे ने 1992 के दंगों में शामिल होने के लिए माफी मांगी है. इस बैठक में मुस्लिम बोर्ड के सज्जाद नोमानी के साथ मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल, आसिफ शेख, फारूक शाह और अन्य मुस्लिम नेता मौजूद थे. बैठक में मौजूद नेताओं ने उद्धव ठाकरे के माफी मांगने की खबर की पुष्टि की है. मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाकों में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. इस चुनाव के मद्देनज़र मुस्लिम धर्मगुरुओं और नेताओं ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. इस मौके पर मुंबई संसदीय क्षेत्र की समीक्षा की गई. यह बैठक को आदित्य ठाकरे के साथ साथ संजय राऊत और अनिल परब भी उपस्थित थे”.

इस पेपर कटिंग को वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया है.

उद्धव ठाकरे ने 1992 के दंगों के लिए मांगी माफी

Courtesy: X/ErDurgeshPande7

Fact Check/Verification

Newschecker ने सबसे पहले वायरल पेपर कटिंग में मौजूद टेक्स्ट को ध्यान से पढ़ा तो हमें कई तरह की विसंगतियां और वर्तनी की गलतियां देखने को मिली, जो आमतौर पर किसी अख़बार में देखने को नहीं मिलती है.

इसके बाद हमने राष्ट्रीय उजाला की वेबसाइट पर पिछले कुछ दिनों के ई-पेपर को खंगाला तो हमें इस तरह की खबर देखने को नहीं मिली. हालांकि इसी दौरान हमें उनके वेबसाइट पर जारी किया गया नोटिस देखने को मिला.

उद्धव ठाकरे ने 1992 के दंगों के लिए मांगी माफी

नोटिस में लिखा हुआ था “हमें यह जानकारी मिली है कि सोशल मीडिया पर श्री उधव ठाकरे के बारे में झूठी और दुर्भावनापूर्ण खबरें फैलाई जा रही हैं, जो गलत तरीके से राष्ट्रीय उजाला से जोड़ी जा रही हैं. हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारे प्रकाशन का इस बनावटी जानकारी से कोई संबंध नहीं है. यह जानबूझकर फैलाया गया गलत सूचना अभियान हमारे प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने और सार्वजनिक विश्वास को कमजोर करने का प्रयास है. हम इस झूठी खबर को बनाने, फैलाने और प्रचारित करने वाले सभी व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई शुरू कर रहे हैं. हम जनता से अपील करते हैं कि वे इन निराधार दावों को नकारें और ऐसी सामग्री को साझा करने या प्रचारित करने से बचे”.

इसके अलावा हमें उनके फेसबुक अकाउंट से 19 नवंबर 2024 को किया गया पोस्ट भी मिला, जिसमें लिखा हुआ था “सूचना. सभी को सूचित किया जाता है कि कुछ फेक न्यूज़ क्लिपिंग्स सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय उजाला समाचार पत्र के नाम से प्रसारित की जा रही हैं. यह स्पष्ट किया जाता है कि रिपोर्टर्स प्रणव डोगरा और अंकित पाठक का हमारे समाचार पत्र से कोई संबंध नहीं है. कृपया ऐसी भ्रामक खबरों पर ध्यान न दें और इनकी जानकारी मिलने पर तुरंत हमें सूचित करें”.

हमारी अभी तक की जांच से यह तो साफ़ हो गया कि राष्ट्रीय उजाला ने इस तरह की खबर को अपने पेपर में जगह दिए जाने वाले दावे का खंडन किया है.

इसके बाद हमने उद्धव ठाकरे और मुस्लिम नेताओं के बीच हुई मीटिंग वाले दावे की पड़ताल भी की. तो हमें इस दौरान शिवेसना उद्धव ठाकरे ग्रुप के इंस्टाग्राम अकाउंट से किया गया एक पोस्ट मिला, जिसमें उन्होंने इसी तरह के मराठी दावे को फर्जी बताया था.

इसके बाद हमने अपनी जांच में मौलाना सज्जाद नोमानी से भी संपर्क करने की कोशिश की है, उनका जवाब आने पर स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.

Conclusion

साक्ष्यों के अभाव के कारण हम यह तो पता नहीं लगा पाए कि उद्धव ठाकरे और मुस्लिम नेताओं के बीच ऐसी कोई मीटिंग हुई थी या नहीं, लेकिन हमारी जांच में मिले अन्य साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि वायरल पेपर कटिंग फर्जी है और राष्ट्रीय उजाला ने भी इसका खंडन किया है.

Result: False

Our Sources

FB post by Rashtriya Ujala on 19th Nov 2024
Notice on rashtiya uajla website 

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