शनिवार, नवम्बर 2, 2024
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म्यांमार की पूर्व प्रमुख नेता आंग सान सू ची की फोटोशॉप्ड तस्वीर गलत दावे के साथ हुई वायरल

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित म्यांमार की पूर्व स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची पर, उनके कार्यकाल के दौरान रोहिंग्या मुस्लिमों का नरसंहार करने और लाखों की संख्या में उनके पलायन करने पर मजबूर करने का आरोप लगा है। मामला इतना संगीन था कि इसकी सुनवाई संयुक्त राष्ट्र के इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में हुई थी। हालांकि बाद में संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में सू ची ने इन सभी आरोपों को नकारते हुए खुद को निर्दोष कहा था। 

सोशल मीडिया पर म्यांमार सर्वोच्च नेता रही आंग सान सू ची की एक कथित तस्वीर तेजी से शेयर की जा रही है। तस्वीर में उन्हें जेल की सलाखों के पीछे कैदियों के लिबास में बैठे हुए देखा जा सकता है। इंटरनेट पर इस तस्वीर को शेयर करते हुए यूज़र्स द्वारा दावा किया गया है, ” म्यांमार और रोहिंग्या मुसलमानों के साथ बर्बरता करने के बाद अब म्यांमार की पूर्व स्टेट काउंसलर और राजनेता सू ची यूँ जेल की कोठरी में बंद हैं।”

वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।

‘आंग सान सू ची’ की इस कथित तस्वीर को, लेख लिखे जाने तक 161 रिट्वीट के साथ 247 लाइक मिल चुके हैं. वहीं कई अन्य यूज़र्स ने भी इस तस्वीर को वायरल दावे के साथ शेयर किया है।

Fact Check / Verification

पूर्व में म्यांमार की सर्वोच्च नेता रही आंग सान सू ची की वायरल तस्वीर को देखने पर हमें इसके एडिटेड होने की आशंका हुई, इसलिए क्या वायरल तस्वीर, सू ची की ही है, इसका सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। सबसे पहले हमने पोस्ट से संबंधित कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से गूगल पर खोजना शुरू किया।

इस प्रक्रिया में हमें news.yahoo.com की वेबसाइट पर 13 जुलाई साल 2021 को प्रकाशित हुआ एक लेख मिला। लेख के मुताबिक, म्यांमार सरकार ने सू ची पर भ्रष्टाचार सहित कई अन्य आरोप लगाए हैं।

म्यांमार की पूर्व पीएम आंग सान सू ची की वायरल तस्वीर

लेख में बताया गया है कि सू ची, पर पहले से ही देशद्रोह, अवैध रूप से वॉकी-टॉकी का आयात करने और पिछले साल चुनावों के दौरान कोरोनोवायरस प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का मुकदमा चल रहा है। 

लेख में आगे जानकारी दी गयी है कि ऐसे में उनके वकील, ‘खिन माउंग जॉ’ ने मीडिया को बताया कि सू ची पर भ्रष्टाचार के चार और आरोप लगाए गए हैं। इसके साथ ही लेख में जानकारी दी गयी है कि फरवरी, साल 2021 में म्यांमार में हुए तख्तापलट के बाद से ही सान सू ची अपने घर में नजरबंद हैं।

गौरतलब है कि सू ची फरवरी में हुए तख़्तापटल के बाद से ही घर पर नजरबंद हैं, लेकिन वायरल तस्वीर में उन्हें जेल की सलाखों के पीछे दिखाया गया है। इसलिए वायरल हो रही तस्वीर का सच जानने के लिए, हमने अब तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया।

खोज के दौरान हमें lsureveille.com नामक वेबसाइट पर 02 जुलाई, साल 2018 को प्रकाशित एक लेख में वायरल तस्वीर से हूबहू मेल खाती एक दूसरी तस्वीर मिली। लेकिन प्राप्त तस्वीर में ‘आन सान सू’ नहीं, बल्कि किसी अन्य महिला को उनके स्थान पर देखा जा सकता है।

म्यांमार की पूर्व पीएम आंग सान सू ची की वायरल तस्वीर

प्राप्त तस्वीर को गौर करने पर हमें वायरल तस्वीर के फोटोशॉप्ड होने का शक हुआ। जिसके बाद हमने दोनों ही तस्वीरों की तुलना की। दोनों तस्वीरों में फर्क साफ़ देखा जा सकता है।

म्यांमार की पूर्व पीएम आंग सान सू ची की वायरल तस्वीर

Conclusion

पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमें पता चला कि यह वायरल तस्वीर ‘आंग सान सू ची’ की नहीं, बल्कि किसी अन्य युवती की है। पड़ताल के मुताबिक, फरवरी में म्यांमार में हुए तख्तापलट के बाद से ‘सान सू ची’ घर पर ही नजरबन्द हैं।

Result- False

Our Sources

https://news.yahoo.com/myanmar-junta-hits-suu-kyi-084216002.html

https://www.lsureveille.com/daily/opinion-female-prisons-inadequate-increase-recidivism-rates/article_6c10d960-7977-11e8-872c-0b8380df471e.html

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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