Claim
नेहरू का वंशज 72000 सालाना इसलिए दे रहा है क्योंकि खुद जवाहर लाल नेहरू आजाद हिन्द फ़ौज का खजाना लूटने में शामिल थे! एक समाचार पत्र की कटिंग के साथ इस बात के खुलासे का दावा सोशल मीडिया पर किया जा रहा है।
Verification
शेयर चैट पर हमें पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू के बारे में वायरल होती एक खबर मिली। अख़बार की एक कटिंग में लिखा है कि आजाद हिन्द फ़ौज के खज़ाने की लूट में शामिल थे नेहरू! इस लाइन के ऊपर नेता जी की मौत पर लिखी किताब के हवाले से ख़बर की बात कही गई है। पड़ताल के लिए हमने इसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो कुछ ख़ास हाथ नहीं लग पाया। इमेज रिवर्स के दौरान मिले तथ्यों का स्क्रीनशॉट नीचे देखा जा सकता है।
आजाद देश के पहले पीएम के बारे में कही जा रही इस बात को खंगालने के लिए गूगल में कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से खोजना शुरू किया। ‘जवाहर लाल नेहरू आज़ाद हिन्द फ़ौज खजाना चोरी’ गूगल में डालकर सर्च किया तो हमारे सामने वायरल हो रही तस्वीर के सन्दर्भ में कई वेबसाइट्स खुल कर सामने आ गईं। स्क्रीनशॉट नीचे क्लिक कर देखा जा सकता है।
खोज के दौरान मिली वेबसाइट
पत्रिका की हेडलाइन है, ‘खुलासा आज़ाद हिन्द फ़ौज को लूटने वाले को नेहरू ने दिया था इनाम’। पत्रिका ने अपने लेख में इस बात का भी जिक्र किया है कि आजाद हिन्द फ़ौज के खज़ाने को लूटे जाने की खबर काफी दिनों से लोगों में चर्चा का विषय थी लेकिन सबूत नही थे। बतौर पत्रिका, नेता जी से जुड़े दस्तावेजों के सार्वजानिक होने के साथ ये बात साफ़ हो चुकी है कि आजाद हिन्द का खजाना लूटा गया था।
खोज के दौरान हमें
जनसत्ता समाचार का एक लिंक मिला जिसमें कहा गया है कि नेता जी के खजाने को लूटने वाले को नेहरू ने किया था सम्मानित। आर्टिकल यह भी लिखता है कि नेता जी के करीबियों ने ही उनके खजाने को लूटा था और नेहरू सरकार आँख मूदे बैठी रही। जनसत्ता के मुताबिक़ File No 25/4/NGO VOL-3 में नेता जी के खजाने से जुड़ी जानकारी लिखी गई है। पत्र के मुताबिक़ नेहरू ने खजाना लूटने वाले एस एस अय्यर को साल 1953 में पब्लिसिटी अडवाइजर बनाया था।
खोज के अगले पड़ाव पर हमें
इंडिया टुडे हिंदी की वेबसाइट मिली जिसने विस्तार से पूरी घटना और इससे जुड़े सार्वजनिक हुए दस्तावेजों के बारे में बताया है।
दस्तावेजों के मुताबिक़ नेहरू ने आज़ाद हिन्द का खज़ाना लूटने वालों को सम्मानित किया था लेकिन सार्वजनिक हुए दस्तावेजों में ये कहीं नहीं मिलता कि नेहरू परोक्ष रूप से इस लूट में शामिल थे।
Result: Misleading