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क्या बीएचयू ने नीता अंबानी को भेजा विजिटिंग प्रोफेसर बनने का आधिकारिक निमंत्रण?

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि नीता अंबानी को बीएचयू (बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी) में विजिटिंग प्रोफेसर बना दिया गया है.

भारत के सबसे अमीर व्यक्ति तथा रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी आये दिन सुर्ख़ियों में रहते हैं. मुकेश की पत्नी नीता अंबानी खुद भी रिलायंस इंडसट्रीज़ की कई कंपनियों के व्यवस्थापन में काफी सक्रिय रहती हैं. यूं तो अंबानी परिवार और रिलायंस इंडस्ट्रीज के अंतर्गत आने वाले तमाम इंटरप्राइजेज सोशल मीडिया यूजर्स के बीच चर्चा का विषय बने रहते हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों में अंबानी परिवार तथा रिलायंस इंडस्ट्रीज को लेकर तमाम भ्रामक दावे भी शेयर किये जा चुके हैं.

बीते दिनों किसान आंदोलन के दौरान रिलायंस जिओ को लेकर तमाम भ्रामक दावे किये गए थे. मुकेश तथा नीता अंबानी को लेकर भी पूर्व में कई भ्रामक तथा गलत दावे शेयर किये चुके हैं. कभी सोशल मीडिया यूजर्स अंबानी परिवार द्वारा राम मंदिर के निर्माण में सोने-चांदी तथा पैसे दान करने का दावा करते हैं तो कभी नीता अंबानी के नाम पर चल रहे पैरोडी हैंडल्स से विवादित बयान को अंबानी परिवार का असल वक्तव्य बताते रहते हैं. इसी क्रम में सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि नीता अंबानी को बीएचयू (बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी) में विजिटिंग प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त किया गया है.

Fact Check/Verification

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च किया। जहां सर्च परिणामों में प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स में हमें इस बात की जानकारी प्राप्त हुई कि बीएचयू प्रसाशन के एक सदस्य द्वारा सच में नीता अंबानी को सामाजिक विज्ञान संकाय के महिला अध्ययन केन्द्र में विज़िटिंग प्रोफेसर बनाये जाने का न्यौता दिया गया था.

नीता अंबानी गूगल सर्च

The Lallantop में प्रकाशित एक खबर के अनुसार बीएचयू के सोशल साइंस फैकल्टी के डीन प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्र ने नीता अंबानी के व्यक्तिगत ईमेल आईडी पर यह निमंत्रण नहीं भेजा था बल्कि, रिलायंस फाउंडेशन की वेबसाइट पर कांटेक्ट अस पेज के अंतर्गत उपलब्ध ईमेल आईडी (contactus@reliancefoundation.org) पर यह निमंत्रण भेजा था. गौरतलब है कि अपनी इसी रिपोर्ट में The Lallantop ने एक सूत्र के हवाले से यह भी जानकारी दिया है कि जनरल ईमेल आईडी पर भेजा गया यह निमंत्रण आधिकारिक नहीं माना जा सकता है.

नीता अंबानी The Lallantop

इसके बाद हमें जागरण में प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई. जिसमे रिलायंस प्रवक्ता के हवाले से यह जानकारी दी गई है कि नीता अंबानी को बीएचयू में विजिटिंग प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त करने की यह खबर गलत है. गौरतलब है कि जागरण ने अपनी इस रिपोर्ट में बीएचयू के सोशल साइंस फैकल्टी के डीन प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्र द्वारा कथित तौर पर नीता अंबानी को भेजा गया निमंत्रण भी प्रकाशित किया है.

नीता अंबानी Jagran

इसके बाद हमने पूरे मामले पर विश्वविद्यालय परिवार का पक्ष जानने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से संपर्क करने का प्रयास किया। लेकिन संपर्क स्थापित नहीं हो सका. हालांकि हमें बीएचयू के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा इस मामले को लेकर शेयर किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। जिसमें बीएचयू प्रशासन ने उक्त दावे का खंडन किया है. बीएचयू के आधिकारिक ट्विटर पेज द्वारा शेयर किये उक्त ट्वीट में यह जानकारी दी गई है कि, “BHU स्थित सामाजिक विज्ञान संकाय के महिला अध्ययन केन्द्र में श्रीमती नीता अंबानी को विज़िटिंग प्रोफेसर बनाए जाने संबंधी मीडिया खबरों के संदर्भ में ये स्पष्ट किया जाता है कि इस बारे में कोई आधिकारिक निर्णय बीएचयू प्रशासन ने नहीं लिया है, और न ही ऐसा कोई प्रशासनिक आदेश जारी हुआ। BHU में विज़िटिंग प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए विद्वत परिषद् की मंज़ूरी आवश्यक होती है। इस मामले में न तो ऐसी कोई मंज़ूरी दी गई है और न ही इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विद्वत परिषद् के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत हुआ है।”

इसके बाद हमें इस विषय पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले PIB (प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो) द्वारा संचालित PIB Fact Check द्वारा 17 मार्च 2021 को शेयर किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। जिसमें उक्त खबर को गलत बताया गया है.

इसके बाद हमें फैक्ट चेकिंग संस्था Boomlive द्वारा इस विषय पर प्रकाशित एक लेख भी प्राप्त हुआ। यहाँ पूरे मामले को लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज तथा बीएचयू प्रशासन दोनों का पक्ष प्रकाशित किया गया है.

Conclusion

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साबित हो जाती है कि बीएचयू के सोशल साइंस फैकल्टी के डीन प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्र द्वारा नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनने के लिए निमंत्रण तो भेजा गया था। लेकिन यह निमंत्रण आधिकारिक निमंत्रण नहीं था बल्कि, एक अनौपचारिक ईमेल था, जिसे रिलायंस फाउंडेशन के एक प्रवक्ता ने आधिकारिक ना बताते हुए पूरी खबर का खंडन किया है. बीएचयू के आधिकारिक ट्विटर पेज द्वारा भी नीता अंबानी की नियुक्ति की इस खबर का खंडन किया गया था. अतः हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित होता है.

Result: Misleading

Sources

Official Twitter page of BHU

PIB Fact Check

Reliance Foundation

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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