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बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को नहीं दी गाली, भ्रामक दावा हुआ वायरल

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

सोशल मीडिया पर दक्षिण दिल्ली से भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के एक भाषण का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में सांसद को प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए कुछ कहते हुए सुना जा सकता है। इसी वीडियो को आम आदमी पार्टी समेत सेवामुक्त आईएएस सूर्य प्रताप सिंह और तमाम विपक्षी दलों के दिग्गज नेताओं ने सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया है कि सांसद ने किसानों के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए उन्हें भ***वा कहा है।

https://twitter.com/suryapsingh_IAS/status/1341382804148350979

वायरल दावे का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।

वायरल दावे को सोशल मीडिया पर कई अन्य यूज़र्स ने भी शेयर किया है

Fact check / Verification

नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर सैकड़ों किसान संगठनों द्वारा संसद से लेकर देश की सड़क तक संघर्ष जारी है। पिछले कई हफ़्तों से हरियाणा पंजाब समेत देश के कई राज्यों के किसानों का सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन चल रहा है।

एक वीडियो में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी प्रदर्शनरत किसानों के ऊपर टिप्पणी करते दिख रहे हैं। वीडियो को इंटरनेट पर वायरल कर कहा जा रहा है कि सांसद ने प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए उन्हें भ**वा कहा है।

इस दावे का सच जानने के लिए हमने पड़ताल आरम्भ की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले इस वीडियो को गौर से सुना इस दौरान हमें शक हुआ कि जिस शब्द को गाली (भ***वा ) के तौर पर बताया जा रहा वह असल में कुछ और है। लेकिन आवाज साफ़ न होने के कारण समझ नहीं आया की असली शब्द क्या है।

हमने वीडियो को सबसे पहले Invid टूल के माध्यम से कुछ कीफ्रेम्स में तोड़ा और फिर गूगल पर रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। लेकिन इस दौरान हमें गूगल पर दावे से सम्बंधित कोई परिणाम प्राप्त नहीं हुआ।

 भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी

वीडियो की जानकारी प्राप्त करने के लिए कीफ्रेम्स के साथ कुछ कीवर्ड्स की भी मदद ली। जहां हमें वायरल वीडियो क्लिप Ramesh badhuri के फेसबुक पेज पर प्राप्त हुआ। पेज पर इसे हाल ही में 21 दिसंबर को अपलोड किया गया है।

 भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी

प्राप्त वीडियो को 16 मिनट 44 सेकंड तक गौर से सुनने पर हमने जाना कि सांसद रमेश द्वारा बोले गए जिस शब्द को वायरल दावे में गाली बताकर शेयर किया जा रहा है वह असल में ‘ठलवे’ शब्द है। आम तौर पर दिल्ली और उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में ‘ठलवे’ या ‘ठलुआ’ ऐसे व्यक्ति को कहा जाता जिसके पास कुछ काम ना हो या जो खाली हो।

अब ‘ठलवा’ शब्द भी अपमानजनक है या नहीं, ये बहस का एक विषय जरूर हो सकता है। लेकिन जिस शब्द को लेकर सोशल मीडिया पर घमासान मचा हुआ है असल में उसे भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा ही नहीं है।

इसके बाद हमने सांसद रमेश बिधूड़ी से फ़ोन पर सीधा संपर्क करने का प्रयास किया। लेकिन उनसे फोन पर बात नहीं हो पाई।

पड़ताल के दौरान हमें आज तक की वेबसाइट पर इसी मामले को लेकर किया गया एक फैक्ट चेक प्राप्त हुआ। आज तक ने वायरल वीडियो को लेकर सांसद रमेश के भतीजे और सहायक अनुज बिधूड़ी से सीधा संपर्क किया है।

 भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी

जहां अनुज ने पोस्ट में कही जा रही बात को गलत बताया और कहा कि रमेश ने भाषण में ‘ठलवे’ शब्द कहा था। अनुज ने बताया कि रमेश खुद एक किसान परिवार से आते हैं तो वो किसानों के लिए ऐसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। इसके साथ ही आजतक की वेबसाइट पर जानकारी दी गयी है कि रमेश बिधूड़ी ने खुद भी एक न्यूज चैनल से बातचीत में ये कहा है कि उन्होंने भाषण के दौरान आंदोलन में बैठे कुछ लोगो के लिए ‘ठलवे’ शब्द का प्रयोग किया था।

Conclusion  

वायरल वीडियो की पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमें पता चला कि वायरल क्लिप के साथ किया जा रहा दावा गलत है। सांसद रमेश ने किसानों के लिए (भ**वे) जैसे अभद्र शब्द का इस्तेमाल नहीं किया।

Result -False

Our sources

https://www.aajtak.in/fact-check/story/fact-check-viral-post-social-media-bjp-mp-ramesh-bidhuri-farmers-protest-afwa-1182098-2020-12-24

https://www.facebook.com/watch/?v=3450722335024490&t=0

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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