Claim
सोशल मीडिया में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ लोग एक व्यक्ति को दौड़ाकर पीटते नज़र आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि व्यक्ति की पिटाई करने वाले लोग बीजेपी के समर्थक हैं और इस वीडियो को दुनियाभर में शेयर करने की बात कही जा रही है। पोस्ट किया गया ट्वीट इंग्लिश में है लिहाज़ा हमने इसे हिंदी भाषा में सरल और संक्षिप्त रूप में वर्णित किया है।
(Original Tweet)
Please forward this video around the Globe what the bjp followers are doing.Just like ISIS,This video should go to all of Asia,America, Africa,Europe,Australia n the UNITED NATIONabout these groups founded n funded by the BJP(ISIT)knownas INDIAN STATE OF INTERNATIONAL TERRORISM
Verification
भीड़ द्वारा एक व्यक्ति पर प्राण घातक हमले का दिल दहला देने वाला वीडियो सन्देश तेजी से वायरल हो रहा है। कैप्शन में कहा गया है कि यह घटना भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों द्वारा अंज़ाम दिया जा रहा है। साथ ही इसे दुनियाभर में शेयर करने के अलावा इंडियन स्टेट ऑफ़ इंटरनेशनल टेररिज़्म जैसे काल्पनिक संगठनों से भी तुलना की गई है।
वायरल क्लिप की सच्चाई क्या है इसकी पड़ताल शुरू करने पर कुछ ख़बरों के लिंक खुलकर सामने आये। लेकिन इसे कहाँ और किन परिस्थितियों में शूट किया गया है इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाए थी।
ट्वीट को खंगालने पर हमारी नज़र कुछ कुछ यूजर्स द्वारा किये गए रिप्लाई पर गई। यूजर्स के मुताबिक़ यह वीडियो चेन्नई लॉ कॉलेज में हुए जातिवादी संघर्ष का है और काफी पुराना है।
रिप्लाई में मिले तथ्यों से हमने कड़ी जोड़ते हुए कीवर्ड्स के सहारे बारीकी से गूगल खंगाला तो पता चला कि यह वीडियो करीब 10 साल पुराना और चेन्नई का है। इस दौरान कई ख़बरों के लिंक खुलकर सामने आये।
हमारी पड़ताल के दौरान
न्यू इंडियन एक्सप्रेस का एक लेख प्राप्त हुआ जिसमें साफ किया गया है कि साल 2008 में चेन्नई स्थित लॉ कॉलेज में जातीय संघर्ष और गुटबाज़ी के चलते कॉलेज कैम्पस में एक धड़े ने चितिराय सिल्वन नमक युवक पर जानलेवा हमला बोल दिया था। इसमें 3 युवकों को गंभीर चोटें आई थी। हालांकि कहीं भी इस बात का जिक्र नज़र नहीं आता कि हमला करने वाले लोग बीजेपी से ताल्लुक रखते थे।
खबर की पड़ताल के दौरान हमें यूट्यूब पर साल 2008 में अपलोड किया गया एक वीडियो प्राप्त हुआ। इस वीडियो के कैप्शन में अम्बेडकर लॉ कॉलेज में हुए लाइव क्लैश की वायरल हो रही क्लिप देखी जा सकती है।
वायरल क्लिप की तह तक जाने के लिए की गई पड़ताल के दौरान सीएनएन द्वारा साल 2008 में अपलोड किया गया हूबहू वीडियो प्राप्त हुआ। इस वीडियो में बताया गया है कि यह घटना जातीय संघर्ष से सम्बंधित है। खबर में कहा गया है कि कॉलेज कैम्पस में हुए संघर्ष में 3 युवाओं को गंभीर चोटें आयी थी। हालांकि पूरा वीडियो देखने के बाद भी किसी जगह बीजेपी के समर्थकों द्वारा घटना को अंजाम दिए जाने की बात नहीं कही गई है।
खबर की पड़ताल के दौरान सामने आया कि यह घटना आज से करीब 11 साल पुरानी है। क्लेम के मुताबिक़ इस घटना को बीजेपी समर्थकों ने अंज़ाम दिया था जो सरासर गलत है। इस घटना के पीछे की वजह जातीय संघर्ष था। हमारी पड़ताल में साफ़ हो गया कि सोशल मीडिया में किया जा रहा दावा झूठा है।
Tools Used
- inVID
- Google Reverse Image
- Google Keywords
- Twitter Search
- YouTube Search
Result: Misleading