Authors
An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.
सोशल मीडिया पर यूपी के एक स्कूल की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं। तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है कि यह एक सरकारी स्कूल है जो योगी सरकार के कार्यकाल में बना है। तस्वीरों के साथ दिल्ली के सरकारी स्कूलों पर भी तंज कसा जा रहा है।
इन तस्वीरों को भाजपा नेता अरुण यादव सहित कई अन्य यूजर्स ने भी शेयर किया है।
ट्वीट के आर्काइव को यहां देखा जा सकता है।
ट्वीट के आर्काइव को यहां देखा जा सकता है।
दरअसल, पिछले दिनों New York Times में दिल्ली के सरकारी स्कूलों को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। आम आदमी पार्टी जहां इसे अपनी उपलब्धि बता रही थी, वहीं बीजेपी सरकार दावा कर रही थी कि ये पैसा देकर छपवाया गया विज्ञापन है। इसके अलावा, बीजेपी नेताओं ने रिपोर्ट में मौजूद स्कूलों को दिल्ली का प्राइवेट स्कूल बताया था। इसको लेकर वायरल हुए दावे का Newschecker द्वारा फैक्ट चेक भी किया गया था। इसी बीच बीजेपी से जुड़े नेता और कई सोशल मीडिया यूजर्स ने एक स्कूल की तस्वीरों को शेयर कर दावा किया कि अगर यह दिल्ली का स्कूल होता तो अभी तक इस पर अंतर्राष्ट्रीय अखबारों में सुर्खियां बनती।
Fact Check/Verification
दावे की सत्यता जानने के लिए हमने वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स सर्च किया। हमें Whatsappguru नामक एक ब्लॉगसाइट पर वायरल तस्वीर मिली, जिसे 9 अक्टूबर 2016 को अपलोड किया गया था। इसके अनुसार, ये सम्भल जिले के असमोली ब्लॉक के इटायला माफ़ी में स्थित एक प्राथमिक विद्यालय है, जो वहां के प्रधानाध्यापक कपिल कुमार के अथक प्रयासों से काफी बेहतर स्थिति में हो गया है। इसके साथ ही उनके द्वारा स्कूल के लिए किए गए कार्यों की उपलब्धियां भी लिखी गई हैं।
प्राप्त ब्लॉग से मदद लेते हुए हमने गूगल पर ‘यूपी संभल सरकारी स्कूल’ कीवर्ड को गूगल सर्च किया। हमें अमर उजाला द्वारा 17 जनवरी 2017 को प्रकाशित एक वीडियो रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में बताया गया है कि यूपी के सम्भल जिले में एक ऐसा सरकारी स्कूल है जो देश के प्राइवेट स्कूलों को चुनौती देने के साथ ही अन्य सरकारी विद्यालयों के लिए उदाहरण बन गया है। वीडियो रिपोर्ट में वायरल तस्वीरें मौजूद हैं। अमर उजाला के अलावा वन इंडिया हिंदी ने भी 2016 में प्रकाशित अपनी एक रिपोर्ट में इस स्कूल का जिक्र किया था कि कैसे ये स्कूल प्राइवेट स्कूल को टक्कर दे रहा है। इस रिपोर्ट में भी वायरल तस्वीरों को देखा जा सकता है।
बता दें कि यूपी में 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण किया था। ये तस्वीरें इंटरनेट पर उसके पहले से मौजूद हैं।
इसके अलावा, हमें ‘Prathmik Vidyalaya, itayla mafi’ के फेसबुक पर भी वायरल तस्वीरें प्राप्त हुईं। Newschecker ने अधिक जानकारी के लिए इस फेसबुक पेज पर दिए नंबर पर कॉल किया। हमारी बात स्कूल के प्रधानध्यापक कपिल कुमार से हुई। उन्होंने हमें बताया, “सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें वायरल हैं, वे साल 2015 की हैं। मैं 2010 में इस स्कूल से जुड़ा था। उस वक्त स्कूल की व्यवस्था ठीक नहीं थी। तब केवल 46 छात्र ही स्कूल में थे जिनमें से 20 छात्र ही स्कूल आते थे। हमने धीरे-धीरे इसमें बदलाव लाने का प्रयास शुरू किया। सरकार की तरफ से भी स्कूल में मौजूद छात्रों की संख्या के हिसाब से ही अनुदान आते थे। जैसे स्कूल में अगर 100 से कम छात्रों की संख्या है तो प्रतिवर्ष 25 हजार दिए जाएंगे, 100-200 छात्र हैं तो प्रतिवर्ष 50 हजार दिए जाएंगे और संख्या उससे ऊपर है तो 75 हजार दिए जाते हैं। अभी हमारे स्कूल में 300 छात्र हैं। 2013 में मैं इंचार्ज प्रिंसिंपल बन गया था और स्कूल के मूलभूत ढांचे को बेहतर बनाने की पहल हमने तभी से शुरू कर दी थी। उस वक्त मैंने 20-25 हजार अपने पैसे लगाकर स्कूल की मरम्मत कराई। 2015 में स्कूल का फुल टाइम प्रिंसिपल बनने के बाद छह महीने बाद ही मैंने स्कूल के बदलाव के लिए काफी कार्य किए और उसमेंं मेरे करीब 20-25 लाख रुपये खर्च हुए। इसमें सरकार से हमें ये मदद मिली कि हमारे ग्राम प्रधान ने स्कूल के फर्श पर टाइल्स लगवा दी थी। लेकिन उसके पहले बाकी सारे काम हो चुके थे।”
कपिल कुमार ने हमारे साथ विद्यालय की 2010 की तस्वीर भी साझा की। उनके मुताबिक, उस वक्त स्कूल की व्यवस्था दुरुस्त नहीं थी।
उन्होंने हमें बताया, “जब उन्होंने 2015 में लगभग सारा काम करा दिया था तो सितंबर-अक्टूबर में जिले के तत्कालीन डीएम भूपेंद्र एस चौधरी ने इसका उद्घाटन किया। विद्यालय में सर्वप्रथम बॉयोमैट्रिक हमारे विद्यालय लगा था। मुझे समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान उत्कृष्ट विद्यालय का पुरस्कार मिला। उसके बाद 2017 में हमारे विद्यालय को योगी आदित्यनाथ ने स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार से सम्मानित किया। वहीं, 2019 में मुझे राज्य अध्यापक पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।”
Conclusion
इस तरह हमारी जांच में स्पष्ट हो जाता है कि वायरल हुई तस्वीरें यूपी के संभल जिले के सरकारी स्कूल की हैं और इंटरनेट पर 2016 से मौजूद हैं। अब इन्हीं तस्वीरों को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
Result: Partly False
Our Sources
Blog Published on October 9, 2016
Report Published in Amar Ujala on January 19, 2017
Report Published in Oneindia Hindi on October 19, 2016
Facebook Post by Prathmik Vidyalaya, itayla mafi
Telephonic Conversation with Principal of Prathmik Vidyalaya, Itayla mafi Kapil Kumar
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