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क्या सऊदी अरब की हैं सोशल मीडिया पर वायरल हो रही योग कार्यक्रम की ये तस्वीरें?

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

दुनिया में 21 जून का दिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर देश में कई आयोजन भी किए जाते हैं। हालांकि कोरोना महामारी के चलते इस बार बड़े पैमाने पर लोगों ने घरों में रहकर योग किया। इसी मौके पर कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा योगा करते हुए तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों को इंटरनेट पर अपलोड करते हुए लिखा गया कि “सऊदी अरब की कुछ तस्वीरें उनके मुंह पर तमाचा हैं, जो कहते हैं कि योग केवल एक समुदाय से ताल्लुक रखता है।” पोस्ट के कैप्शन में इन तस्वीरों को सऊदी अरब का बताया जा रहा है।

पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।

सोशल मीडिया पर वायरल इन तस्वीरों को कई अन्य यूज़र्स ने भी शेयर किया है।

फेसबुक लिंक

 योग करते मुस्लिमों तस्वीरें

Fact check / Verification

इंटरनेट पर वायरल हो रही इन तस्वीरों को देखने पर लगा कि यह तस्वीरें पुरानी हो सकती हैं, क्योंकि तस्वीर में नजर आ रहे लोगों के चेहरे पर मास्क नहीं है। जिसके बाद हमने तस्वीरों को गूगल रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से एक-एक करके खोजना शुरू किया। इस दौरान योग करती हुई युवतियों की वायरल तस्वीर Zee News की वेबसाइट पर प्राप्त हुई, जिसे साल 2015 में प्रकाशित किया गया था।

 योग करते मुस्लिमों तस्वीरें

बकौल लेख, साल 2015 में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में 47 इस्लामिक देशों ने हिस्सा लिया। जिसके संदर्भ में यह तस्वीर इस्तेमाल की गयी थी। लेख में तस्वीर के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दी गयी थी, लिहाजा हमने वायरल तस्वीर की सटीक जानकारी के लिए गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया।

इस दौरान हमें यह वायरल तस्वीर Voanews.com नामक वेबसाइट पर मिली। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर साल 2015 में अहमदाबाद में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की है, जिसमें भारतीय युवतियों ने हिस्सा लिया था। वेबसाइट पर मिली जानकारी से पता चलता है कि वायरल हुई यह तस्वीर सऊदी अरब की नहीं है।

 योग करते मुस्लिमों तस्वीरें

पड़ताल के दूसरे चरण में हमने दूसरी तस्वीर को भी खोजना शुरू किया। इस दौरान यह तस्वीर साल 2017 में गल्फ न्यूज़ द्वारा प्रकाशित एक लेख में प्राप्त हुई।

 योग करते मुस्लिमों तस्वीरें

बकौल लेख, यह तस्वीर मौजूदा दिनों की नहीं, बल्कि साल 2017 की है, जब दाऊदी बोहरा मुस्लिम समाज के लोगों ने तीसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अबू-धाबी में एक योग कार्यक्रम का आयोजन किया था।

इसके साथ ही हमें यह तस्वीर DD News द्वारा ट्विटर पर अपलोड किए गए एक पोस्ट में भी मिली। उक्त तस्वीर को ट्विटर पर साल 2017 को पोस्ट किया गया था।

बता दें कि साल 2017 में सऊदी अरब में योग को ‘खेल गतिविधि‘ के रूप में मान्यता मिली थी। इसके साथ बीते 21 जून को सऊदी अरब और भारत के बीच योग को लेकर एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है। माना जा रहा है कि यह समझौता योग को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है।

Conclusion

पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से पता चला कि योग करते हुए मुस्लिमों की यह वायरल तस्वीरें मौजूदा दिनों की नहीं हैं। साथ ही एक तस्वीर भारत की है तो वहीं, दूसरी तस्वीर अबू धाबी की है। जिसे अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

Result- Misleading

Our Sources

https://gulfnews.com/going-out/society/bohra-community-organises-yoga-session-1.2046766

https://www.voanews.com/east-asia-pacific/india-readies-showcase-yoga-world#&gid=1&pid=1

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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