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तमिलनाडु के एक पादरी की वर्षों पुरानी तस्वीर किसान आंदोलन का बताकर सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ हुई वायरल

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति की तीन तस्वीरें शेयर हो रही हैं। इन तस्वीरों में व्यक्ति को अलग-अलग भेष में देखा जा सकता है। इन्हीं तस्वीरों को शेयर करते हुए यूज़र्स का दावा है कि यह व्यक्ति पहली तस्वीर में एक ईसाई पादरी बना हुआ है, दूसरी में कथावाचक है। वहीं आखिरी तस्वीर में व्यक्ति हरा गमछा डाले हुए किसान बना हुआ है। दावा किया गया है कि यह बहुरुपिया किसान है और किसान आंदोलन में शामिल भी है।

वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें

सोशल मीडिया पर वायरल दावे को कई अन्य यूज़र्स द्वारा भी शेयर किया गया है

Fact Check / Verification

कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक भाषण के दौरान ‘आंदोलनजीवी‘ नामक शब्द का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोगों का देश के किसी भी आंदोलन से कोई संबंध नहीं होता। लेकिन यही लोग हर प्रदर्शन और आंदोलन में नजर आ जाते हैं।

इसी के बाद से सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन को लेकर कई दावे वायरल हो रहे हैं। ऐसे में ट्विटर पर इन दिनों एक व्यक्ति की अलग-अलग भेष में तीन तस्वीरें शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ये व्यक्ति कभी कथावाचक बन जाता है, कभी ईसाई पादरी तो कभी आंदोलनकारी किसान

वायरल तस्वीरों को देख कर हमें इनके पुराना होने की आशंका हुई। जिसके बाद हमने पड़ताल शुरू की। पड़ताल के दौरान हमने एक-एक कर सभी तस्वीरों को गूगल पर रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया।

सबसे पहले हमने ईसाई वाली तस्वीर को गूगल पर खोजा। जहां हमने पाया कि यह तस्वीर यूट्यूब पर साल 2018 में अपलोड हुए एक वीडियो से ली गई है। प्राप्त वीडियो में व्यक्ति को किसी अन्य भाषा में माइक पर कुछ बोलते हुए सुना जा सकता है। लेकिन वीडियो के साथ अंग्रेजी भाषा में दिए गए कैप्शन से पता चला कि वीडियो में दिख रहे व्यक्ति ईसाई पादरी ‘Jegath Kasper‘ हैं जो मजदूर दिवस पर भाषण दे रहे हैं।

इसके बाद हमने दूसरी तस्वीर को गूगल पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें दूसरी तस्वीर भी Kalaivani Rasathi नामक यूट्यूब चैनल पर साल 2018 में अपलोड हुए एक वीडियो में मिली। यहाँ भी यह व्यक्ति किसी अन्य भाषा में भाषण देते हुए नजर आ रहे हैं।

किसान पादरी तस्वीर व्यक्ति

इसके बाद हमने गूगल पर तीसरी तस्वीर को भी खंगाला। इस दौरान हमें व्यक्ति की हरे गमछे वाली वायरल तस्वीर ANI की वेबसाइट पर 28 अप्रैल साल 2018 को छपे एक लेख में मिली। लेख के मुताबिक साल 2018 में Tamil maiya संगठन के सदस्य Jegath Kasper (ईसाई पादरी) मीडिया के सामने आरएसएस द्वारा ईसाई धर्म के लोगों के साथ किए जा रहे अत्याचारों पर अपनी बात रख रहे थे।

किसान पादरी तस्वीर व्यक्ति

इसके साथ ही हमें ANI के यूट्यूब चैनल पर भी एक वीडियो मिला। जहां उक्त मामले की जानकारी देते हुए बताया गया है कि तमिलनाडु के कन्याकुमारी में अरुलमिगु मुथरमन मंदिर के अंदर कुछ बदमाशों द्वारा दो पादरियों को बंधक बना लिया गया था। जिसके बाद तमिल मैया संगठन ने शनिवार को इस घटना की निंदा करते हुए चेन्नई में विरोध प्रदर्शन किया।

Conclusion

पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमें पता चला कि वायरल हो रही यह सभी तस्वीरें तमिलनाडु के पादरी Jegath Kasper की हैं। इसके साथ ही हमने पाया कि इन तस्वीरों का मौजूदा किसान अंदोलन से कोई संबंध नहीं है क्योंकि यह सभी तस्वीरें साल 2018 की हैं।

Result- False

Our Sources

https://www.aninews.in/news/national/general-news/pastors-manhandled-tamil-maiya-organisation-blames-rss-for-atrocities-against-christian-community201804281649010001/

https://www.youtube.com/watch?v=3lLb8ntu0nQ

https://www.youtube.com/watch?v=S7AG0VWVcMg

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Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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