Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
सोशल मीडिया पर गणतंत्र दिवस की दो झांकियों की एक तस्वीर वायरल हो रही है। इनमें से एक तस्वीर मुस्लिम समाज की झांकी जैसी दिख रही है तो वहीं दूसरी तस्वीर एक मंदिर के मॉडल की झांकी की तरह प्रदर्शित की गई है। तस्वीर शेयर करने वाले यूज़र का दावा है कि जब यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी तब गणतंत्र दिवस में इस्लामिक इमारतों की झांकी बनती थी। लेकिन अब जब यूपी में भाजपा यानि योगी सरकार है तब राम मंदिर व ऋषियों की झांकी दिखाई जा रही है।
वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
Fact Check / Verification
हर साल 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली के राजपथ पर देश के सभी राज्य अपनी संस्कृति की झलक दिखाने के लिए झांकी प्रस्तुत करते हैं। इन्हीं झांकियों का बताकर दो तस्वीरें वायरल हैं।
तस्वीरों का सच पता लगाने के लिए हमने गूगल पर दोनों झांकियों की तस्वीर को रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। सबसे पहले हमने मंदिर व ऋषि मुनि के आधार पर बनी झांकी की तस्वीर को खोजा। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर NDTV की वेबसाइट पर कल यानि 26 जनवरी को छपे लेख में मिली।
लेख के मुताबिक यह तस्वीर उत्तर प्रदेश द्वारा प्रस्तुत की गयी है। जहाँ अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर तथा महाऋषि वाल्मीकि के मॉडल को दर्शाया गया है। अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर की इस झांकी को राज्य सभा टीवी द्वारा यूट्यूब पर अपलोड किए गए वीडियो में भी देखा जा सकता है।
इसके बाद हमने वायरल हो रही दूसरी तस्वीर की भी पड़ताल शुरू की। इस दौरान तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज टूल की मदद से खोजना शुरू किया। इस दौरान दूसरी वायरल तस्वीर Businessline की वेबसाइट पर प्राप्त हुई। यह तस्वीर साल 2011 में प्रकाशित की गई थी।
वेबसाइट के मुताबिक यह तस्वीर बिहार राज्य की है जब साल 2011 के गणतंत्र दिवस पर इसे राजपथ पर प्रदर्शित किया गया था।
पुष्टि के लिए हमने गूगल पर रिवर्स इमेज टूल के साथ कुछ कीवर्ड्स का भी इस्तेमाल किया। जिसके बाद हमें यूट्यूब पर एक वीडियो मिला जहां इस झांकी की झलक देखी जा सकती है। यूट्यूब पर इस वीडियो को 25 जुलाई साल 2017 को अपलोड किया गया था । लेकिन वीडियो के उल्लेख में जानकारी दी गई थी कि यह साल 2011 के गणतंत्र दिवस के दौरान हुए समारोह का वीडियो है।
यूट्यूब पर प्राप्त इस वीडियो से जानकारी मिली कि यह झांकी उत्तर प्रदेश की नहीं बल्कि बिहार की है। जहां बिहार के पटना शहर में स्थित ‘मनेर शरीफ’ में बने मखदूम दौलत के मक़बरे की झांकी को साल 2011 के गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के राजपथ पर प्रदर्शित किया गया था।
पड़ताल के दौरान हमें भारत सरकार की वेबसाइट पर एक प्रेस विज्ञप्ति प्राप्त हुई जहां 2011 के गणतंत्र दिवस पर बिहार की झांकी किस थीम पर बनाई गई थी उसकी जानकारी दी गई है। विज्ञप्ति के मुताबिक यह झांकी मनेर शरीफ के मक़बरे पर आधारित थी।
Conclusion
वायरल झांकियों की तस्वीर के साथ शेयर हो रहे दावे की पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से हमें पता चला कि इस्लामिक संस्कृति को दर्शाने वाली झांकी यूपी की नहीं बल्कि साल 2011 के गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के राजपथ पर प्रस्तुत हुई बिहार राज्य की झांकी है जिसे बिहार के मनेर शरीफ की थीम पर बनाया गया था।
Result- Misleading
Our Sources
https://pib.gov.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=69280
https://www.thehindubusinessline.com/economy/Republic-Day-parade/article20053199.ece/photo/8/
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.