सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में बुलडोज़र द्वारा एक मजार को गिराते देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीरें उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर से हैं, जहां गोवर्धन परिक्रमा मार्ग स्थित कुछ अवैध मजारों को योगी सरकार द्वारा कल यानी 16 नवंबर साल 2020 को तुड़वा दिया गया है।
वायरल दावे का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
वायरल दावे को सोशल मीडिया पर सैकड़ों अन्य यूज़र्स द्वारा भी शेयर किया गया है।
Fact check / Verification
कोरोना काल के दौरान देश में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य हो गया है। ऐसे में वायरल तस्वीरों में दिख रहे लोगों के चेहरे पर न तो कोई मास्क दिख रहा था और न ही कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दिख रहा है।

इस बिंदु पर गौर करने के बाद हमें वायरल तस्वीरों के कुछ पुरानी होने की आशंका हुई। जिसके बाद हमने वायरल तस्वीरों के साथ शेयर हो रहे दावे की सत्यता जानने के लिए अपनी पड़ताल आरम्भ की। पड़ताल के दौरान सबसे पहले वायरल तस्वीरों में एक तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। लेकिन इस दौरान गूगल पर मिले परिणामों से हमें कोई उचित जानकारी नहीं मिली।

इसके बाद मामले की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने तस्वीर को कुछ संबंधित कीवर्ड्स के साथ भी गूगल पर खोजा। लेकिन इस दौरान भी वायरल दावे से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली।

अब हमने दूसरी वायरल तस्वीरों को एक-एक कर गूगल पर रिवर्स इमेज टूल व कुछ संबंधित कीवर्ड्स के माध्यम से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल तस्वीरें दो साल पुराने फेसबुक पोस्ट में मिली। वायरल तस्वीरों को फेसबुक पर साल 2018 में अपलोड किया गया था।

इसके साथ ही हमें वायरल तस्वीरें एक और फेसबुक पोस्ट पर मिली। जिसे साल 2018 में ही पोस्ट किया गया था।

इस दौरान फेसबुक पर हमें एक तस्वीर मिली, जहां मथुरा के मजार तोड़े जाने वाले इलाके के एक कन्हैया भोजनालय का मोबाइल नंबर दिया हुआ था।

हमने मामले की सटीक जानकारी के लिए उस भोजनालय के नंबर (9897432473) पर कॉल की। इस दौरान भोजनालय के मालिक ने हमें बताया कि अभी हाल ही में उनके इलाके में कोई मजार नहीं तोड़ी गयी है। साथ ही जानकारी दी कि वायरल तस्वीरें साल 2018 की हैं, जब भोजनालय के पास कुछ मजारें तोड़ी गई थीं।
मामले की पुष्टि के लिए हमने गोवर्धन थाने के सीओ से भी इस नंबर (9454401271) पर सीधी बात की। इस दौरान उन्होंने बताया कि वायरल दावा फर्जी है साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि एक साल से उनके इलाके में किसी भी मजार को तोड़ने का कोई अभियान नहीं चलाया गया।
Conclusion
पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमें पता चला कि वायरल तस्वीरें हाल की नहीं बल्कि साल 2018 की हैं। साथ ही मथुरा के गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर अभी हाल ही में किसी मजार को नहीं तोड़ा गया है।
Result: Misleading
Our Sources
https://www.facebook.com/BhartiyaSanskrati/posts/2024151520961432
https://www.facebook.com/Jodharamp/photos/pcb.455799478278060/455799418278066
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