Fact Check
दूध के टब में नहाते व्यक्ति का यह वीडियो केरल का नहीं, बल्कि तुर्की का है
Claim
केरल की एक दूध डेयरी के अंदर एक मुस्लिम व्यक्ति दूध में नहा रहा है।
Fact
यह दावा फ़र्ज़ी है। चार साल पुराना यह वीडियो तुर्की का है।
सोशल मीडिया पर 30 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एक व्यक्ति दूध से भरे टब में लेटकर नहाता नजर आ रहा है। दावा है कि वीडियो केरल की एक दूध डेयरी का है, जहाँ एक मुस्लिम व्यक्ति उस दूध में नहा रहा है जिसे पैक करके बाजार में बेचा जाएगा।
6 नवंबर 2024 के एक एक्स पोस्ट (आर्काइव) में वायरल वीडियो पर अंग्रेजी में लिखा है, (अनुवादित)’केरल में मुस्लिम आदमी दूध से नहा रहा है। वह उसे हलाल करना चाहता है।’ पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “केरल की एक दूध डेयरी (फैक्ट्री) का नजारा देखिए। जहां एक मुस्लिम व्यक्ति दूध के टब में नहा रहा है और वही दूध पैक करके बाजार में बेचा जा रहा है।”
ऐसे अन्य पोस्ट यहाँ, यहाँ और यहाँ देखें।

यह दावा हमें हमारे व्हाट्सएप टिपलाइन (9999499044) पर भी प्राप्त हुआ है।

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Fact Check/Verification
दावे की पड़ताल के लिए हमने वीडियो के की-फ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो के फ्रेम्स के साथ प्रकाशित कई रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें इस घटना को तुर्की के कोन्या शहर का बताया गया है। इन रिपोर्ट्स को यहाँ, यहाँ, यहाँ और यहाँ देखा जा सकता है।
इस घटना पर 13 नवंबर 2020 को इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि तुर्की के एक डेयरी प्लांट में दूध के टब में नहाते कर्मचारी ‘एमरे सयार’ का वीडियो उसी के साथी ने टिकटॉक पर शेयर किया था। वीडियो के वायरल होने के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह वीडियो कोन्या के सेंट्रल अनातोलियन प्रांत में रिकॉर्ड किया गया था, जिसके टिकटॉक पर वायरल होने पर इस डेयरी प्लांट को बंद कर दिया गया था।

संबंधित की-वर्ड सर्च करने पर हमें इस मामले पर 10 जून 2022 को तुर्की न्यूज़ वेबसाइट हुर्रियत डेली न्यूज़ और टीआरटी हेबर द्वारा प्रकाशित न्यूज़ रिपोर्ट मिली। इन रिपोर्ट्स से जानकारी मिलती है कि बाद में अदालत को बताया गया था कि कड़ाही में मौजूद सामग्री दूध नहीं बल्कि गर्म पानी और बचे हुए दूध का मिश्रण था। जिसके बाद अक्टूबर 2021 में अदालत ने दोनों आरोपियों सयार और वीडियो बनाने वाले उगुर को बरी कर दिया था। अदालत के फ़ैसले के बाद सयार ने कुल 120,000 तुर्की लीरा मुआवज़े की मांग के साथ मुकदमा दर्ज किया था। बाद में सयार ने यह केस जीत लिया, लेकिन कोन्या की अदालत ने उसे मुआवज़े के तौर पर सिर्फ़ 1,150 लीरा देने का आदेश दिया था।

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Conclusion
जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि तुर्की का पुराना वीडियो केरल की दूध डेयरी का बताकर सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
Result: False
Sources
Report published by The Indian Express on 13th November 2020.
Report published by The Hurriyet Daily News on 10th June 2022.
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