Authors
An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.
बीते शुक्रवार को पाकिस्तान (Pakistan) के पेशावर (Peshawar) में हुए बम धमाके के बाद सोशल मीडिया पर एक घायल बच्चे की विचलित कर देने वाली तस्वीर वायरल है. बच्चे के चेहरे पर खून लगा हुआ है और चारों तरफ पट्टी बंधी हुई है. उसकी आंखों से आंसू निकलते हुए भी देखे जा सकते हैं.
तस्वीर को पेशावर में हुए बम धमाके से जोड़ा जा रहा है. ट्विटर पर एक यूजर ने इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है, “इन्हें किस जुर्म में मारा गया..?? मस्जिद में नमाज़ की हालत में नमाज़ियो का क़त्ल ए आम करने वाले मुसलमान कैसे…??? रसूल अल्लाह सल्ललाहू अलैही व आलेही के उम्मती कैसे..?? #peshawarShiaGenocide #Peshawarblast”.
ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
इस तस्वीर को पेशावर धमाके का बताकर अलग-अलग कैप्शंस के साथ फेसबुक और ट्विटर पर शेयर किया जा रहा है।
ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
4 मार्च 2022 को पेशावर की एक शिया मस्जिद में जोरदार बम धमाके से शहर दहल उठा. यह धमाका एक आत्मघाती हमलावर ने किया, जिसमें कम से कम 61 लोगों की जान चली गई और लगभग 200 लोग घायल हो गए. इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है. इसी घटना से जोड़कर सोशल मीडिया पर यह तस्वीर वायरल हो रही है.
Fact Check/Verification
वायरल तस्वीर को गूगल पर रिवर्स सर्च करने पर हमें “पॉलिटिक न्यूज स्पेस” नाम की एक वेबसाइट की फोटो गैलरी मिली. इस फोटो गैलरी में वायरल तस्वीर मौजूद है. साथ में लिखा है कि ये तस्वीर सीरिया (Syria) के इदलिब (Idlib) शहर की है, जहां जनवरी 2020 में हुए हवाई हमलों में यह बच्चा घायल हो गया था.
फोटो गैलरी में तस्वीर के साथ न्यूज एजेंसी एएफपी (AFP) और गेटी इमेजेस (Getty Images) को क्रेडिट दिया गया है. कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें यह तस्वीर गेटी इमेजेस की वेबसाइट पर भी मिल गई. यहां भी तस्वीर को इदलिब शहर का ही बताया गया है.
गौरतलब है कि इदबिल पर हवाई हमले 11 जनवरी, 2020 को सरकार को समर्थन करने वाली सेनाओं द्वारा किए थे. तस्वीर को एएफपी के फोटोग्राफर ओमार हज कदऔर (Omar Haj Kadour) ने खींचा था. गेटी इमेजेस की वेबसाइट पर इस जख्मी बच्चे की एक दूसरी तस्वीर को भी देखा जा सकता है, जिसमें वह अस्पताल में बिस्तर पर लेटा हुआ दिख रहा है.
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट हो जाता है कि वायरल तस्वीर का पाकिस्तान के पेशावर में हुए बम धमाके से कोई लेना-देना नहीं है. यह तस्वीर दो साल से ज्यादा पुरानी है और सीरिया की है, ना कि पाकिस्तान की.
Result: False Context/False
Sources
Photo Gallery of Politic News Space
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