सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया है कि पीएम मोदी के पंजाब दौरे वाले दिन पंजाब में लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे। वायरल वीडियो में बाइक सवार कुछ युवक खालिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाते हुए नजर आ रहे हैं।
यूपी भाजपा के प्रदेश मंत्री एवं आईटी विभाग के प्रदेश प्रमुख संजय राय ने वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा “कल खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों को कांग्रेस सरकार ने गिरफ्तार क्यों नहीं किया?”
उपरोक्त पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।
सुधीर श्रीवास्तव नामक यूजर ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, *“ये वीडिओ देखकर पंजाब की जनता को अब फैंसला करना होगा कि पंजाब मे अमन शांति चाहिए या फिर वही आतंकवाद का दौर चाहिए।
#कांग्रेस_ही_कलंक_है”*
(उपरोक्त ट्वीट के शब्दों को अक्षरश: लिखा गया है।)
उपरोक्त पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।
फेसबुक पर टी20 न्यूज ने 7 जनवरी 2021 को वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “ पंजाब में खुले आम खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाये जा रहे है। कल की ये वीडिओ देखकर पंजाब की जनता को अब फैंसला करना होगा कि पंजाब मे अमन शांति चाहिए या फिर वही पुराना आतंकवाद का दौर चाहिए।”
(फेसबुक पोस्ट के कैप्शन को अक्षरश: लिखा गया है।)
एक अन्य ट्विटर यूजर ने वायरल वीडियो को अंग्रेजी कैप्शन के साथ शेयर करते हुए लिखा, “कांग्रेस सरकार ने कल खालिस्तान जिंदाबाद नारे लगाने वालों को क्यों नहीं पकड़ा।”
दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों की वापसी के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की पंजाब में 05 जनवरी, 2022 को पहली रैली प्रस्तावित थी। पीएम इस दौरान पंजाब के फिरोजपुर में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के उपग्रह केंद्र सहित, कुल 42,750 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखने वाले थे।
पीएम मोदी की पंजाब के फिरोजपुर में होने वाली रैली रद्द हो गई। इसका कारण किसान संगठनों का विरोध बताया जा रहा है। AAj Tak वेबसाइट पर 05 जनवरी, 2022 की प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने गुरदासपुर नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। हाईवे जाम होने के कारण पीएम मोदी का काफिला करीब 15 मिनट तक रुका रहा, लिहाजा फिरोजपुर की प्रस्तावित रैली रद्द करनी पड़ी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना को पीएम की सुरक्षा में “बड़ी चूक” बताया है और इस संबंध में पंजाब सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने मोदी के हवाले से लिखा, “अपने सीएम को धन्यवाद कहना कि मैं बठिंडा हवाई अड्डे तक जिंदा लौट पाया।” इस घटना के बाद पंजाब में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। इसी कड़ी में एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा कि ‘पीएम मोदी के पंजाब दौरे वाले दिन लगे पंजाब में लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे।’
Fact Check/Verification
पीएम मोदी के पंजाब दौरे वाले दिन पंजाब में लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे के दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो की पड़ताल के लिए, हमने inVid टूल की मदद से वीडियो के कुछ कीफ्रेम बनाये। इसके बाद एक कीफ्रेम के साथ गूगल रिवर्स सर्च किया।
इस दौरान हमें NARESH PAHWA नामक ट्विटर यूजर द्वारा किया गया एक रिट्वीट पोस्ट प्राप्त हुआ। यूजर ने @TheAngryLord नामक एक अन्य ट्विटर यूजर द्वारा 27 दिसंबर, 2021 को किए गए एक ट्वीट को रिट्वीट किया है, जिसमें एक वीडियो सलंग्न है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे वाले दिन कुछ युवकों ने खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए’ दावे के साथ वायरल हो रहे वीडियो से मिलता-जुलता है। इससे यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 जनवरी, 2022 के पंजाब दौर वाले दिन का नहीं है, बल्कि उससे कम से कम दो सप्ताह पहले से इंटरनेट पर मौजूद है।
अपनी पड़ताल में हमें @narendramodi177 नामक ट्विटर हैंडल द्वारा वायरल वीडियो के ट्वीट में एक कमेंट दिखा, जिसमें लिखा था कि वीडियो 26 दिसंबर 2021 का है और यह छोटे साहिबजादे की शहादत की याद में सरहिंद, फतेहगढ़ साहिब में निकाला गया था। उस कमेंट के साथ एक वीडियो भी संलग्न था जिस पर ये जानकारी पंजाबी में लिखी गई है।
Newschecker ने ‘केसरी मार्च’, ‘फतेहगढ़ साहिब’ और ‘खालिस्तान’ कीवर्ड का इस्तेमाल करते हुए वीडियो को पंजाबी भाषा में यूट्यूब पर खोजना शुरू किया। इस दौरान पता चला कि यह वीडियो ‘यूजर सिख इन कनाडा’ और महाकाल सिंह के यूट्यूब चैनल पर 27 दिसंबर, 2021 को अपलोड किया गया है।
हमें वायरल वीडियो फेसबुक पर भी प्राप्त हुआ, जिसे 27 दिसंबर, 2021 को Kaur Harmeet नामक यूजर ने 27 दिसंबर 2021 को अपलोड किया था। वीडियो के कैप्शन में लिखा है, ‘जब सीएम चन्नी गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में मत्था टेक रहे थे उस दौरान पंजाब के युवाओं ने साहिबजादों की याद में ‘केसरी मार्च’ निकाला और खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।’
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में ये स्पष्ट है कि वायरल वीडियो कम से कम दो सप्ताह पुराना है और पीएम मोदी के हालिया पंजाब दौरे का नहीं है। हालांकि, Newschecker यह प्रमाणित नहीं कर सका कि वीडियो वास्तव में 26 दिसंबर, 2021 का है या उसके पहले का है।
Result: Misplaced Context
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