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उत्तर प्रदेश में बढ़ती जनसंख्या को काबू करने के लिए योगी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट पेश कर दिया है। जिसके मुताबिक दो से ज्यादा बच्चे वाले लोगों को सरकारी नौकरी और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। योगी के इस फॉर्मूले को लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है, इसकी चर्चा चारों तरफ हो रही है। साथ ही इस फॉर्मूल को दूसरे राज्यों में भी लागू करने की मांग की जा रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक मुस्लिम परिवार की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है, ‘यह भारत के एक मुस्लिम परिवार की तस्वीर है। शख्स के दोनों पैर काम नहीं करते हैं, लेकिन फिर भी इसने 8 बच्चे पैदा किए हैं। अब इनको राशन देना सरकार की जिम्मेदारी है। इसलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर आना बेहद जरूरी है।’
पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
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हमारे द्वारा Crowd Tangle टूल की सहायता से किए गए एक विश्लेषण के मुताबिक, इस दावे को सैकड़ों लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। यूपी मुख्यमंत्री रिपोर्ट कार्ड नामक फेसबुक अकाउंट की पोस्ट को सबसे ज्यादा शेयर और लाइक किया गया है। लेख लिखे जाने तक यूपी मुख्यमंत्री रिपोर्ट कार्ड की पोस्ट को 1100 शेयर और 4700 लाइक्स मिले थे। जबकि, ट्विटर पर सुप्रीम कोर्ट के वकील Prashant Umrao की पोस्ट को सबसे ज्यादा शेयर और रीट्वीट किया गया है। लेख लिखे जाने तक पोस्ट को 3,564 रीट्वीट और 10 हजार से ज्यादा लाइक्स मिले थे।
Fact Check/Verification
वायरल दावे का सच जानने के लिए, हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट स्पेन की फोटोग्राफी मैगजीन Dodho की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट में वायरल तस्वीर को प्रकाशित करते हुए बताया गया है कि तस्वीर में नजर आ रहे शख्स का नाम मोहम्मद आलमगीर है। जिसने पोलियो के कारण अपने दोनों पैर खो दिए थे। आलमगीर म्यांमार के रहने वाले हैं। वहां पर चल रही हिंसा से प्रताड़ित होकर मोहम्मद आलमगीर ने बांग्लादेश के रिफ्यूजी कैंप Kutupalong, Cox’s Bazar में अपने परिवार के साथ शरण ली थी।
प्राप्त जानकारी के आधार पर, हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर इमेज स्टॉक रखने वाली वेबसाइट Getty Images पर मिली। जिसे 6 मार्च 2017 को पोस्ट किया गया था। तस्वीर को शेयर करते हुए, कैप्शन में बताया गया है कि म्यांमार की Burmese military निकासी अभियान के तहत रोहिंग्या मुसलमानों को देश से निकाल रही थी। जिसके कारण तकरीबन 70,000 से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमानों ने म्यांमार को छोड़कर बांग्लादेश के रिफ्यूजी कैंप Kutupalong, Cox’s Bazar में शरण ली थी। उन्हीं में से एक परिवार तस्वीर में नजर आ रहे मोहम्मद आलमगीर का भी है। दरअसल 2017 में रोहिंग्या चरमपंथियों ने म्यांमार के उत्तर रखाइन में पुलिस पोस्ट पर हमला कर 12 सुरक्षाकर्मियों को मार दिया था। जिसके बाद Burmese military ने जोरों-शोरों से रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ निकासी अभियान चलाया था। जिसके कारण लाखों रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार छोड़ बांग्लादेश चले गए थे।
पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि इस तस्वीर को कैमरे में कैद करने वाले बांग्लादेश के एक फोटो जर्नलिस्ट Probal Rashid हैं। राशिद द्वारा ली गई तस्वीरें कई सारी इंटरनेशनल मैगजीन और न्यूजपेपर में छपी हैं। उन्हें अपनी तस्वीर के लिए कई ऑवर्ड्स भी मिले हैं। राशीद द्वारा ली गई मोहम्मद आलमगीर के परिवार की ये तस्वीर Biennial Grant की एक फोटोग्राफी प्रतियोगिता का हिस्सा रह चुकी है।
Conclusion
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक, वायरल तस्वीर का भारत से कोई संबंध नहीं है। वायरल तस्वीर बांग्लादेश के एक रिफ्यूजी कैंप की है। साल 2017 में म्यांमार सेना ने रोहिंग्या मुसलमानों को देश से निकालने का अभियान चलाया था। ये वायरल तस्वीर उस दौरान बांग्लादेश के रिफ्यूजी कैंप में शरण लेने वाले एक रोहिंग्या मुस्लिम परिवार की है।
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Result: Misleading
Claim Review: भारत में रहने वाले मुस्लिम परिवार की है ये वायरल तस्वीर। Claimed By: Viral social media post Fact Check: Misleading |
Our Sources
Biennialgrant-https://www.biennialgrant.com/probal-rashid
Getty Images –https://www.gettyimages.in/detail/news-photo/portrait-of-mohammad-alamgir-and-his-family-mohammad-news-photo/673681312
BBC –https://www.bbc.com/hindi/international-41316498
Dodho-https://www.dodho.com/rohingya-refugees-bangladesh-probal-rashid/
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