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सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया गया है कि एक छोटी बच्ची ने गर्भवती महिला की जान बचाई। इस वीडियो में एक ऑटो रिक्शा सड़क किनारे खड़ा नज़र आ रहा है। उस ऑटो रिक्शा में एक गर्भवती महिला बैठी है, जो प्रसव पीड़ा से तड़पती नज़र आ रही है। ऑटो रिक्शा चालक सड़क से गुजरने वाली हर गाड़ी से मदद मांगता नज़र आता है। लेकिन कोई भी उसकी मदद करने नहीं आता है।
कुछ वक्त के बाद उस ऑटो रिक्शा के सामने एक कार रुकती है और उस से एक छोटी बच्ची उतरती है। छोटी बच्ची उस गर्भवती महिला को पानी पिलाती है और उसके बाद बच्ची की कार से एक व्यक्ति उतरता है। दर्द से कराह रही गर्भवती महिला को व्यक्ति गोद में उठाकर अपनी कार में बैठा देता है और हॉस्पिटल लेकर जाता है। वीडियो में दिखाया गया है कि एक छोटी बच्ची ने गर्भवती महिला की जान बचाई।
इस वीडियो क्लिप को पंजाब केसरी बिहार/ झारखंड ने अपने फेसबुक पेज से शेयर करते हुए लिखा,’छोटी बच्ची ने बचाई गर्भवती महिला की जान।’
उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।
उपरोक्त फेसबुक पोस्ट के आर्काइव को यहां देखा जा सकता है।
उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।
पंजाब केसरी ने इस वीडियो को अपने यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया है।
Crowdtangle टूल की सहायता से किये गए विश्लेषण के अनुसार, इस वीडियो को पिछले कुछ घंटों में फेसबुक पर कुल 6 बार पोस्ट किया गया है। जहां कुल 1159 इंटरैक्शन (रिएक्शन, कमेंट, शेयर) हैं।
उपरोक्त वीडियो को ट्विटर पर भी शेयर किया गया है।
12 अप्रैल 2005 को भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा जननी सुरक्षा योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना का उद्देश्य बच्चों के जन्म के समय मां एवं नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करना है। इस योजना के तहत गरीब महिलाओं को सरकारी अस्पतालों में बच्चों की डिलीवरी के लिए सरकार प्रोत्साहित करती है। इस योजना के अंतर्गत गरीब महिलाओं को 6000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है, जहाँ गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी होने पर उनके बैंक खाते में 6000 रुपये दिए जाते हैं। इसके लिए गर्भवती महिला को किसी भी सरकारी अस्पताल में खुद पंजीकृत करवाना होता है।
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया गया है कि एक छोटी बच्ची ने गर्भवती महिला की जान बचाई।
Fact Check/Verification
‘एक छोटी बच्ची ने गर्भवती महिला की जान बचाई’ शीर्षक के साथ वायरल हुए वीडियो का सच जानने के लिए, हमने इसे invid टूल की मदद से कुछ की-फ्रेम्स में बदला। इसके बाद एक की-फ्रेम के साथ गूगल रिवर्स सर्च किया। लेकिन हमें इस वीडियो से संबंधित कोई रिपोर्ट नहीं मिली।
इसके बाद हमने कुछ अन्य कीवर्ड्स के साथ गूगल पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें फेसबुक पर 3 मिनट 02 सेकंड का एक वीडियो प्राप्त हुआ। यह वही वीडियो है जो अभी वायरल है। जब हमने इसे पूरा देखा तो पाया कि यह जागरूकता के उद्देश्य से बनाया गया एक वीडियो है।
प्राप्त वीडियो में 3 मिनट पर हमने एक डिस्क्लेमर लिखा पाया, जिसमें लिखा गया है,- ‘This reel like video footage is published only for the purpose of educating the public by making them understand how the real world situations will be. During this video making, we have taken real incidents and picturised (them) to educate the public.’
जिसका हिंदी अनुवाद है-” यह रील लाइफ वीडियो फुटेज केवल जनता को शिक्षित करने के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है, ताकि उन्हें यह समझाया जा सके कि वास्तविक दुनिया की स्थिति कैसी होगी। इस वीडियो को बनाते हुए हमने वास्तविक घटनाओं को लिया है और जनता को शिक्षित करने के लिए इसको बनाया है।”
लेकिन इस डिस्क्लेमर को शेयर किए जा रहे वीडियो से हटा दिया गया है, जिस कारण से लोग इसको वास्तविक घटना मान रहे हैं और इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि छोटी बच्ची ने गर्भवती महिला की जान बचाई।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए कई अन्य दावों का फैक्ट चेक..
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह साफ़ हो गया कि ‘एक छोटी बच्ची ने बचाई गर्भवती की जान बचाई’ शीर्षक के साथ शेयर किया जा रहा वीडियो, जागरूकता के लिए बनाया गया है। इसका वास्तविक घटना से कोई सम्बंध नहीं है।
Result: Misleading
Our Sources
Self Analysis
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