Authors
Claim
एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति) ने ट्वीट कर लिखा, “हम हिंदू नहीं”.
Fact
यह ट्वीट एसजीपीसी के असल X अकाउंट से नहीं, बल्कि पैरोडी अकाउंट से शेयर किया गया है.
सोशल मीडिया पर पंजाब समेत कई अन्य राज्यों के ऐतिहासिक गुरुद्वारों को संभालने करने वाली समिति शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) का एक कथित ट्वीट काफी वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा हुआ है कि “हम हिन्दू नहीं. हरी मंदिर में किसी भी हिंदू प्रतीकवाद का स्वागत नहीं है”.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि यह ट्वीट शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के असल X अकाउंट से नहीं बल्कि पैरोडी अकाउंट से शेयर किया गया है.
दरअसल बीते दिनों अर्चना मकवाना नाम की एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर द्वारा अमृतसर के गोल्डन टेम्पल में योग करने का मामला सामने आया था. मकवाना ने योग करते हुए अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की थी, जिसके बाद एसजीपीसी ने अमृतसर के ई-डिविजन थाने में शिकायत दर्ज कराई. वहीं पंजाब पुलिस ने इस मामले में अर्चना मकवाना को नोटिस भी भेजा है. हालांकि, अर्चना ने एक वीडियो पोस्ट कर एसजीपीसी को एफआईआर वापस लेने को कहा है और साथ ही यह कहा है कि नहीं तो उनकी लीगल टीम इसका जवाब देगी. इसी पूरे मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स एसजीपीसी और गुरूद्वारे को लेकर पोस्ट कर रहे हैं.
वायरल ट्वीट में मौजूद तस्वीर में एक सिख व्यक्ति मुस्लिम टोपी पहने एक शख्स को कुछ खिलाते दिखाई दे रहा है. इस तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, “हम हिन्दू नहीं.हरी मंदिर में किसी भी हिंदू प्रतीकवाद का स्वागत नहीं है”. इस ट्वीट को लोग असल मानकर शेयर कर रहे हैं.
Fact Check/Verification
Newschecker ने वायरल ट्वीट की पड़ताल के लिए सबसे पहले उक्त X अकाउंट को खंगाला. इस दौरान हमें बायो में बतौर नाम “Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee Parody” लिखा हुआ दिखाई दिया. इस अकाउंट का हैंडल “@SGPCAmritsar_” है. साथ ही नीचे “पैरोडी अकाउंट” भी लिखा हुआ है.
इसके अलावा हमने यह भी पाया कि वायरल ट्वीट 22 जून 2024 को किया गया था.
एसजीपीसी की वेबसाइट को खंगालने पर वहां उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स के जिक्र मिले. जिनमें X अकाउंट भी मौजूद था.
जब हमने उक्त X अकाउंट को खंगाला तो पाया कि इसमें बतौर नाम “Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee” भी लिखा हुआ है. इसका हैंडल @SGPCAmritsar है. इसके अलावा बायों में यह भी लिखा हुआ है कि यह एसजीपीसी अमृतसर का आधिकारिक हैंडल है. इसके अलावा इसमें उनके कार्यालय के पते का भी ज़िक्र है.
आप नीचे मौजूद तस्वीरों में भी दोनों X अकाउंट के बीच का अंतर देख सकते हैं.
इसके बाद हमने एसजीपीसी से भी संपर्क किया. उनके प्रवक्ता ने बताया कि “वायरल ट्वीट एसजीपीसी के हैंडल से नहीं किया गया है. यह एक फर्जी अकाउंट है और हमने इस हैंडल के खिलाफ पंजाब पुलिस के समक्ष अप्रैल माह में शिकायत भी दर्ज कराई थी. लेकिन अभी तक कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है”.
जांच में हमने वायरल ट्वीट में मौजूद तस्वीर के बारे में भी पता लगाया. इस दौरान हमें यह तस्वीर किसान एकता मार्च नाम के X अकाउंट पर मिली, जिसे साल 2021 में शेयर किया गया था. ट्वीट में मौजूद कैप्शन के अनुसार, यह तस्वीर दिल्ली की सीमा पर 2020-2021 में चले किसान आंदोलन के दौरान सिंघु बॉर्डर पर एक रोजा-इफ्तार कार्यक्रम के दौरान की है. इस तस्वीर में नारंगी रंग की पगड़ी में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी मौजूद हैं.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि वायरल ट्वीट एसजीपीसी के आधिकारिक X अकाउंट से नहीं, बल्कि पैरोडी अकाउंट से किया गया है.
Result: Missing Context
(हमारी सहयोगी वसुधा बेरी के इनपुट्स के साथ)
Our Sources
Official X account of SGPC
Telephonic Conversation with SGPC Spokesperson
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