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Fact Check: सीताराम येचुरी का अंतिम संस्कार ईसाई रीति-रिवाजों के अनुसार किये जाने का दावा फर्जी

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
सीताराम येचुरी का अंतिम संस्कार ईसाई रीति-रिवाज के अनुसार किया गया।
Fact
सीताराम येचुरी के पार्थिव शरीर को एम्स में दान कर दिया गया था।

भारत के वामपंथी नेताओं में से एक सीताराम येचुरी का निमोनिया के कारण 12 सितंबर 2024 को 72 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन के बाद से एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीर में सीताराम येचुरी का शव एक ताबूत में रखा नजर आ रहा है और उनके पास भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा खड़े नजर आ रहे हैं। तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि सीताराम येचुरी का अंतिम संस्कार ईसाई परंपरा के अनुसार किया गया है। हालाँकि, न्यूज़चेकर ने अपनी जांच में इस दावे को फ़र्ज़ी पाया है।

एक्स पोस्ट (आर्काइव) के कैप्शन में लिखा गया है, “नाम था सीताराम येचुरी अंतिम संस्कार हुआ ईसाई रीति रिवाज से , इसलिए नाम से कंफ्यूज मत हो ऐसे अनगिनत बैठे हैं जो हिन्दू नाम सिर्फ हिन्दुओ को धोखा देने के लिए रखे हैं …लेकिन उनकी निष्ठा चर्च के प्रति हैं।”

Courtesy: X/@rajudasji99

Fact Check/Verification

दावे का सच जानने के लिए हमने तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान यह तस्वीर हमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा द्वारा 13 सितंबर, 2024 को किये गए एक्स पोस्ट में दिखी। एक्स पोस्ट के कैप्शन में उन्होंने लिखा है (अनुवादित) “पूर्व राज्यसभा सांसद और सीपीआई (एम) के महासचिव स्वर्गीय श्री सीताराम येचुरी जी के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। हम दोनों की विचारधाराएँ अलग-अलग थीं। वे विचारों के प्रति अधिक झुकाव रखने वाले व्यक्ति थे, लेकिन साथ ही, वे उन लोगों के साथ भी संबंध बनाए रखते थे, जिनके विचार उनसे अलग थे। वे असहमत होने पर भी सहमत होने में विश्वास करते थे और अक्सर कहा करते थे कि यही लोकतंत्र की खूबसूरती है। ईश्वर उन्हें शांति प्रदान करें और उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।”

एएनआई द्वारा 14 सितम्बर 2024 को इस तस्वीर के साथ प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि, यह तस्वीर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पूर्व महासचिव सीताराम येचुरी को दिल्ली के वसंत कुंज स्थित उनके आवास पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा पुष्पांजलि अर्पित करने के दौरान की है। इस तस्वीर के साथ प्रकाशित अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में भी सीताराम येचुरी का अंतिम संस्कार ईसाई रीति-रिवाजों के अनुसार किये जाने का जिक्र नहीं मिलता है।

जांच में आगे हमने पाया कि सीताराम येचुरी के पार्थिव शरीर को एम्स को दान किया गया था। ‘द हिंदू’ द्वारा 13 सितंबर 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि सीताराम येचुरी का कोई अंतिम संस्कार नहीं किया गया है, बल्कि उनकी इच्छा के अनुसार उनके शरीर को चिकित्सा अनुसंधान के लिए एम्स को दान कर दिया गया है। 

द हिंदू वेबसाइट से लिया गया स्क्रीनशॉट

एम्स ने सीताराम येचुरी के निधन के बाद दिए एक बयान में कहा है कि, “परिवार ने उनके शरीर को शिक्षण और अनुसंधान उद्देश्यों के लिए एम्स, नई दिल्ली को दान कर दिया है।” जांच के दौरान हमें इस बात की पुष्टि कई मीडिया रिपोर्ट्स से भी मिलती है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि उनका कोई दाह संस्कार नहीं हुआ था और उनका शरीर एम्स को दान कर दिया गया था। इस पर प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स यहाँयहाँ और यहाँ पढ़ें।

ज्ञात हो कि सीताराम येचुरी एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे। 2017 में अपने संसदीय संबोधन में येचुरी ने कहा था कि उनका जन्म एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। संबोधन के दौरान उन्होंने कहा था, “मैं मद्रास जनरल अस्पताल, जिसे अब चेन्नई कहा जाता है, मद्रास में जनरल अस्पताल, में एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में पैदा हुआ हूँ…”

संसद टीवी द्वारा यूट्यूब वीडियो से लिया गया स्क्रीनशॉट

संबोधन में आगे उन्होंने कहा था कि “मेरी शादी जिनसे हुई है उनके पिता इस्लामी सूफी हैं, जिनका उपनाम चिश्ती है, चिश्ती-सूफी। उनकी मां राजपूत हैं, लेकिन मैसूरी राजपूत हैं, जो 8वीं शताब्दी में वहां चली गई थीं। अब हम 21वीं सदी में हैं। दक्षिण भारतीय ब्राह्मण परिवार में जन्में लड़के ने इस महिला से शादी की है! मेरे बेटे को किस नाम से जाना जाएगा?… मेरे बेटे को भारतीय होने के अलावा और कुछ नहीं कहा जा सकता।”

वर्ष 2018 में एक साक्षात्कार के दौरान, येचुरी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया था, “मेरे दादा के नाम पर मेरा नाम सीतारामराव रखा गया था, लेकिन मैंने जाति का बंधन हटा दिया और अपना नाम जारी रखा। इसलिए सीताराम ही रहा।”

वर्ष 2017 में मुसलमानों पर पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की टिप्पणी की आलोचना करते हुए उन्होंने एक एक्स पोस्ट में खुद को नास्तिक बताया था। येचुरी ने एक्स पोस्ट में लिखा था, “जो भारतीय हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख या नास्तिक हैं (मेरे जैसे) वे सभी भारतीय नागरिक हैं।”

Conclusion

जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि सीताराम येचुरी का अंतिम संस्कार ईसाई रीति-रिवाज के अनुसार किये जाने का दावा फ़र्ज़ी है। उनके पार्थिव शरीर को एम्स में दान कर दिया गया है।

Result: False

Sources
Report By ANI, Dated September 14, 2024
Report By The Hindu, Dated September 15, 2024
YouTube Video By Sansad TV, Dated August 10, 2017

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