Authors
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.
सोशल मीडिया पर दावा किया गया है कि बिहार चुनाव प्रचार में तेजस्वी यादव ने लोगों को नोट बांटे।
बीते 28 अक्टूबर को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान हो चुका है। सूबे की सत्ता पर काबिज होने के लिए सभी राजनैतिक दल एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। चुनाव के दौरान नेताओं द्वारा एक दूसरे पर निजी टिप्पणी से लेकर जुबानी जंग जारी है तो वहीं सोशल मीडिया यूजर्स भी पीछे नहीं हैं। बिहार चुनाव के दौरान कई फेक दावे सुर्ख़ियों में थे तो वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की नोट बांटते एक क्लिप वायरल हो गई। दावा किया गया है कि बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव लोगों को लुभाने के लिए पैसा बाँट रहे हैं। यह दावा सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों पर तेजी से शेयर किया जा रहा है। ट्वीट का आर्काइव लिंक यहाँ देखा जा सकता है। वायरल हो रहे कई अन्य ट्वीट्स नीचे देखे जा सकते हैं।
बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव द्वारा मतदाताओं को पैसा बांटे जाने सम्बन्धी दावा फेसबुक पर भी तेजी से शेयर होते हुए देखा जा सकता है। वायरल वीडियो में एक गाना भी चल रहा है। गाने के बोल कुछ इस तरह से हैं। “रिश्ता तो बना ले हमसे आराम पायेगा, तेरे हर सुख में हर दुख में ये काम आएगा।”
वायरल हुए कई अन्य दावों को यहाँ और यहाँ देखा जा सकता है।
Fact Check/Verification
एक तरफ जहाँ बिहार चुनाव की सरगर्मियां अपने चरम पर हैं तो वहीं आरजेडी नेता और पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री के उम्मीदवार तेजस्वी यादव की एक वीडियो वायरल है। वीडियो को बारीकी से देखने पर पता चलता है कि उन्होंने मास्क लगाया हुआ है और कुछ लोगों को पैसे जैसा कुछ बाँट रहे हैं। कोरोना महामारी के चलते फेसमास्क पहनना अनिवार्य है। और इस समय बिहार में चुनाव भी चल रहा है लिहाजा वीडियो को देखकर एक बार तो ऐसा लगा कि कि हो सकता है तेजस्वी ने लोगों को पैसा बांटे ही हो! लेकिन वीडियो को देखने पर पता चलता है कि इसे एडिट करते हुए इसमें वास्तविक बातचीत की जगह भजन/गाना मिक्स किया गया है। दावा तेजी से शेयर किया जा रहा था लिहाजा इसकी पड़ताल आवश्यक थी।
वायरल वीडियो को कुछ कीफ्रेम्स में तोड़ते हुए गूगल रिवर्स किया। इस दौरान कुछ ऐसा पता नहीं चल पाया जिससे यह साबित हो पाता कि तेजस्वी ने लोगों को पैसे बांटे हैं।
बिहार से सम्बंधित वायरल हुए दावे का फैक्ट चेक यहाँ पढ़ा जा सकता है।
वीडियो की सत्यता जानने के लिए कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से खोजना शुरू किया। इस दौरान एक यूट्यूब लिंक मिला। चैनल पर वायरल वीडियो को इसी साल 31 जुलाई को अपलोड किया गया था। First Bihar Jharkhand नामक इस चैनल पर अपलोड की गई वीडियो में बताया गया है कि तेजस्वी यादव बाढ़ पीड़ितों को पैसा बाँट रहे हैं। यूट्यूब पर मौजूद वीडियो करीब 15 मिनट की है। वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ पैसा लेने के लिए धक्का मुक्की कर रही है। साथ ही वीडियो में कोई गाना नहीं बज रहा है।
वीडियो को देखने के बाद इतना तो पता चल चुका था कि वायरल क्लिप विधानसभा चुनाव के लिए जारी हुई आचार संहिता से पहले ही इंटरनेट पर मौजूद है। अब कुछ अन्य कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट मिली।
रिपोर्ट को 31 जुलाई को प्रकाशित करते हुए बताया गया है कि तेजस्वी यादव ने बिहार के बाढ़ग्रस्त इलाके पूर्वी चम्पारण का दौरा करते हुए पीड़ितों को पैसे बांटे थे। रिपोर्ट के साथ वीडियो भी अटैच किया गया है।
31 जुलाई को news 24 बिहार द्वारा भी इस खबर को प्रसारित किया गया था। खबर में तेजस्वी यादव को पैसे बांटते हुए दिखाया गया है।
बिहार में चुनाव के लिए आचार संहिता कब लागू की गई थी इसकी जानकारी के लिए ECI की वेबसाइट पर खोजने पर पता चला कि चुनाव आयोग ने 25 सितम्बर को आचार संहिता लागू की थी। इसका मतलब यह हुआ कि तेजस्वी ने बिहार चुनाव में लोगों को पैसे नहीं बांटे हैं।
Conclusion
बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव द्वारा मतदाताओं को रुपया बांटे जाने वाला दावा हमारी पड़ताल में फेक साबित हुआ। पड़ताल के दौरान पता चला कि तेजस्वी यादव ने चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले राज्य में आयी बाढ़ से पीड़ित लोगों को पैसे बांटे थे।
Result- Misleading
Sources- NBT-https://navbharattimes.indiatimes.com/state/bihar/east-champaran/bihar-flood-rjd-leader-tejashwi-yadav-visited-east-champaran-today/videoshow/77284955.cms
News24-https://www.youtube.com/watch?v=hLi2Cz_ZbDE
First Bihar Jharkhand-https://www.youtube.com/watch?v=lHpx5pWnKeo
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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.