नितीश कुमार के बिहार में रोजगार ना होने की वजह से युवा शराब की तस्करी करने को मजबूर.
बता दें कि इस ट्वीट को राजद की तमाम जिला इकाइयों के ट्विटर हैंडल्स से भी शेयर किया गया है.

चुनाव, जिसे लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व के रूप में देखा जाता है, लेकिन क्या होता है जब चुनाव फेक न्यूज़ और झूठी-गलत जानकारी की भेंट चढ़ जाता है? क्या होता है जब चुनावों के समय हर राजनैतिक दल अपने प्रचार प्रसार विभाग के माध्यम से झूठी जानकारी और फेक न्यूज़ की एक बड़ी खेप मतदाताओं तक पहुंचाते हैं. ऐसे में मतदाता के मष्तिष्क में भ्रामक जानकारी डालकर उसे गुमराह किया जाना क्या लोकतंत्र की असल व्याख्या के साथ वह न्याय कर पाता है जिसकी कल्पना भारत में लोकतंत्र के पैरोकारों ने की थी? बिहार चुनाव नजदीक है, मतदान तिथि की आधिकारिक घोषणा ना होने के बावजूद भी हर राजनैतिक दल अपने अपने चुनावी पैतरे का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं. कुछ समय पहले हुए दिल्ली के चुनावों में हमने आपको कई फैक्ट चेक रिपोर्ट्स के माध्यम से यह बताया था कि चुनावों के समय फेक न्यूज़ फैलाने के इस गोरखधंधे में लगभग सभी राजनैतिक दल कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस दावे की बात करें तो शरीर में बम की तरह शराब की बोतलें बांधे 5 युवाओं की एक तस्वीर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के फलस्वरूप बिहार के युवाओं की नौकरियां चली गई और इसी का नतीजा है बिहार के कुछ युवा शराब की तस्करी कर जीविकोपार्जन कर रहे हैं. इस दावे को राष्ट्रीय जनता दल की युवा इकाई, आईपीएस अधिकारी रूपिन शर्मा और पूर्व कांग्रेसी विधायक सत्यनारायण पटेल ने शेयर कर इस तस्वीर को बिहार का बताया।

Fact Check/Verification
वायरल दावे की पड़ताल के लिए जब हमने तस्वीर को गूगल पर ढूंढा तो हमें पता चला कि यह तस्वीर हाल फिलहाल की नहीं है बल्कि यह साल 2014 से ही इंटरनेट पर मौजूद है.
हालांकि 2014 में किये गए इस ट्वीट में भी तस्वीर के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन इतना तो स्पष्ट हो जाता है कि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन से इस तस्वीर का कोई संबंध नहीं है.
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए जब हमने वायरल तस्वीर को गूगल पर अलग-अलग कीवर्ड्स के साथ ढूंढा तो पता चला की इसी तस्वीर के एक दूसरे भाग को कई समाचार पत्रों ने अलग-अलग मौकों पर अलग-अलग दावे के साथ शेयर किया है. ऐसी ही कई मीडिया रिपोर्ट्स नीचे देखी जा सकती है.
https://www.patrika.com/varanasi-news/daru-bum-are-ready-to-bihar-for-alcohol-smuggling-1360227/
हालांकि इन मीडिया रिपोर्ट्स से हमें कोई भी ठोस जानकारी नहीं मिलती क्योंकि ये मीडिया रिपोर्ट्स ऊपर वर्णित उस ट्वीट के बाद प्रकाशित हुई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में वायरल तस्वीर को बिहार में शराबबंदी से जोड़कर दिखाया गया है जबकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार में शराबबंदी 5 अप्रैल 2016 को हुई थी और वायरल तस्वीर 2014 में किये गए एक ट्वीट में मौजूद है.
https://www.aajtaklite.com/story/862631
हमें अपनी पड़ताल के दौरान यह पता नहीं चल पाया कि वायरल तस्वीर कब और कहां से ली गई थी लेकिन वायरल तस्वीर की साल 2014 से ही इंटरनेट पर मौजूदगी यह स्पष्ट करती है कि राष्ट्रीय जनता दल की युवा इकाई, आईपीएस अधिकारी रूपिन शर्मा और पूर्व कांग्रेसी विधायक सत्यनारायण पटेल द्वारा किये गए दावे भ्रामक हैं. इस तस्वीर को लेकर हमारी पड़ताल जारी है और जैसे ही हमें इस तस्वीर से संबंधित कोई ठोस जानकारी प्राप्त होगी लेख को अपडेट किया जायेगा।
Result: Misleading
Sources:
Twitter User: https://twitter.com/schmmuck/status/515407029498679298