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Fact Check
बरेली में हुई हिंसा में शामिल मौलाना तेजस्वी यादव से मिलकर यूपी पुलिस की पिटाई की व्यथा बता रहे हैं.
यह वीडियो बिहार के मधुबनी में हुई एक घटना से जुड़ा है. इसका उत्तर प्रदेश की किसी भी घटना से कोई संबंध नहीं है.
उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘आई लव मुहम्मद’ को लेकर हुए प्रदर्शन से जोड़कर एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है, जिसमें एक व्यक्ति आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के सामने रोते-बिलखते अपनी व्यथा सुना रहा है. दावा किया जा रहा है कि यह व्यक्ति उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई हिंसा में शामिल रहे बिहार के मौलाना हैं, जिन्हें यूपी पुलिस ने बुरी तरह पीटा और बाद में उन्होंने तेजस्वी यादव से मिलकर अपना दुख साझा किया.
हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि वायरल दावा ग़लत है. दरअसल, यह वीडियो बिहार के मधुबनी में हुई एक घटना से संबंधित है. इसका उत्तर प्रदेश की किसी भी घटना से कोई संबंध नहीं है.
26 सितंबर को बरेली में ‘I Love Muhammad’ पोस्टर को लेकर हुए प्रदर्शन के बाद तनाव पैदा हो गया था. इस घटना के बाद पुलिस ने कई लोगों को गिरफ़्तार भी किया. यह वीडियो इसी संदर्भ में शेयर किया गया है.
एक एक्स यूज़र ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “बरेली हिंसा में योगी पुलिस द्वारा दिए गए सेवाकार्यों का तेजस्वी यादव से बखान करता हुआ बिहार का एक मौलाना. बेचारे का कुसूर बस इतना था की हिंसा में शामिल होने के लिए बिहार से बरेली गया था.” पोस्ट का आर्काइव यहां देखें. ऐसे ही दावों वाले अन्य पोस्ट यहां, यहां, यहां, यहां और यहां देखें.

वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल लेंस के ज़रिये सर्च करने पर हमें इसका लंबा वर्ज़न ‘रनकट’ नाम के यूट्यूब चैनल पर 4 फ़रवरी 2025 को पोस्ट हुआ मिला. वीडियो का शीर्षक है “बिहार इमाम से मिलने पहुंचे तेजस्वी यादव । बिहार में मस्जिद के इमाम को पुलिस ने बेरहमी से पीटा.”
वीडियो के शुरुआत में ही वायरल क्लिप वाला हिस्सा आता है, जिसमें व्यक्ति उसके साथ हुई पुलिस द्वारा अत्याचार की घटना बयान करता दिखता है. वीडियो के साथ जानकारी दी गई है कि बिहार में तेजस्वी यादव एक इमाम से मिले, जिसे पुलिस ने बेरहमी से पीटा था.
इस बारे में न्यूज़ रिपोर्ट्स की जांच करने पर पता चला कि यह घटना बिहार के मधुबनी ज़िले की है. मोहम्मद फिरोज नाम के व्यक्ति ने पुलिस पर यातना देने का आरोप लगाया था, जिसके बाद आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव 3 फ़रवरी को उनसे मिलने उनके घर पहुंचे.
एबीपी न्यूज़ की 5 फ़रवरी की रिपोर्ट के मुताबिक़, 30 जनवरी को मधुबनी के बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के कटैया गांव निवासी मोहम्मद फिरोज ने वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस द्वारा मारपीट किए जाने का आरोप लगाया था. उन्होंने एसपी को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की थी. पुलिस का कहना था कि वाहन जांच के दौरान मोहम्मद फिरोज भागने लगे थे, इसलिए उन्हें पकड़ा गया.
एसपी के निर्देश पर जांच के बाद पांच पुलिसकर्मियों, एएसआई मुकेश कुमार, हवलदार रंजीत, सिपाही विक्रम कुमार, चौकीदार सुरेश पासवान और चौकीदार सुरदीप मंडल को दोषी पाया गया और तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.
द हिंदू और ज़ी न्यूज़ की रिपोर्ट्स में बताया गया है कि तेजस्वी यादव द्वारा पीड़ित मोहम्मद फिरोज से मुलाक़ात के दौरान उन्होंने बताया कि पुलिसवालों ने उनके बाल और दाढ़ी खींची, थप्पड़ मारे और लकड़ी के डंडे से तब तक पीटा जब तक वह टूट नहीं गया. उन्हें शुरुआत में पानी भी नहीं दिया गया. पुलिस ने उनकी आस्था का मज़ाक उड़ाया और 25,000 की वसूली की, फिर उन्हें रिहा किया गया.

इन सभी न्यूज़ रिपोर्ट्स में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इमाम के साथ यह घटना मधुबनी ज़िले के बेनीपट्टी थाना क्षेत्र की है.
गौरतलब है कि यह वीडियो फ़रवरी से ऑनलाइन मौजूद है, जबकि बरेली की घटना 26 सितंबर को हुई थी. यानी यह वीडियो बरेली की घटना से 6 महीने पहले का है.
यह भी पढ़ें: तेजस्वी यादव पर हमलावर मुकेश सहनी का पांच साल पुराना वीडियो हालिया बताकर वायरल
स्पष्ट है कि यह वीडियो बिहार के मधुबनी में एक इमाम के साथ हुई एक घटना से संबंधित है. इसका यूपी की किसी घटना से कोई संबंध नहीं है.
Sources
YouTube video by RUNCUT, Feb 4, 2025
Report by Jagran, Feb 4, 2025
Report by ABP News, Feb 5, 2025
Report by The Hindu, Feb 4, 2025
Report by Zee Salaam, Feb 3, 2025
Report by Times of India, Sep 27, 2025
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