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क्या कोरोना के इस संक्रमण काल की है सोशल मीडिया पर वायरल हुई यह तस्वीर?

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

कोरोना की दूसरी लहर ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की कमर तोड़ दी है। लगातार बढ़ती संक्रमितों की संख्या से जहां लोगों के मन में भय उत्पन्न हुआ है तो वहीं आए दिन मूलभूत सुविधाओं के अभाव में हजारों की संख्या में लोग दम तोड़ रहे हैं। केंद्र से लेकर राज्य सरकारों तक आक्सीजन/बेड सहित दवाओं की प्रचुरता से उपलब्धता के जो दावे किए जा रहे हैं शायद वे नाकाफी हैं। आज देश की स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर पहुँच चुकी है यह कहना भी अतिश्योक्ति नहीं होगी।

आए दिन सोशल मीडिया पर लोगों की कोरोना से होने वाली मौत के कई वीडियो वायरल होते हैं। जिनमें कई कंटेंट ऐसे होते हैं जो मन को द्रवित करने वाले होते हैं। इसी बीच एक बाइक पर महिला का शव ले जाते हुए एक तस्वीर वायरल है। दावा किया गया है कि महिला की मौत के बाद भी उसके शव को एम्बुलेंस नसीब नहीं हुई तो उसके बेटे और पति मजबूरी में शव को बाइक पर ले गए। दावा शेयर करते हुए देश के मौजूदा सिस्टम पर भी सवाल उठाए गए हैं।

Viral Twitter Post

सोशल मीडिया पर वायरल हुए दावे का आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।

बाइक पर महिला का शव ले जाते हुए वायरल तस्वीर को ट्विटर सहित फेसबुक पर भी सैकड़ों यूजर्स द्वारा शेयर किया गया है।

https://twitter.com/RoflNoman01/status/1387330224103116811

Fact Check/Verification

सोशल मीडिया पर इन दिनों कोरोना की वजह से कई ऐसे कंटेंट वायरल होते हैं जिन पर कोई भी आँख मूदकर भरोसा कर लेता है। कई मार्मिक दावे तो सच भी होते हैं, लेकिन कई भ्रामक या फिर झूठे भी होते हैं। लेकिन अक्सर मार्मिक अपील वाले दावों पर लोग जल्दी भरोसा कर लेते हैं। इस बार वायरल हुए दावे के मुताबिक, एम्बुलेंस ना मिलने की वजह से बाइक पर महिला की लाश को पिता और पुत्र अपने घर ले जा रहे हैं।

आज के मौजूदा हालात में कई ऐसे या इससे मिलते जुलते कंटेंट शेयर किए जाते हैं जो कमोवेश सच भी होते हैं। लेकिन वायरल तस्वीर में किसी ने भी मास्क नहीं लगाया है। इसलिए वायरल हुए दावे की पड़ताल आवश्यक थी। तस्वीर का सच जानने के लिए सबसे पहले हमने गूगल रिवर्स की मदद से खोजना शुरू किया। तस्वीर को रिवर्स करने पर पता चला कि वायरल हुई तस्वीर करीब 4 साल पुरानी यानी साल 2017 की है। तस्वीर को रिवर्स करने के दौरान हिंदुस्तान टाइम्स सहित कई मीडिया संस्थानों द्वारा प्रकाशित लेख मिले, जिनमें वायरल तस्वीर को अपलोड किया गया है।

बाइक पर महिला का शव

हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा जून साल 2017 में प्रकाशित लेख के मुताबिक, वायरल तस्वीर बिहार के पूर्णिया जिले की है। जहां एक मृत महिला के शव को घर पहुंचाने के लिए सरकारी अस्पताल द्वारा एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराया गया। जिसके चलते महिला के पति को मजबूरी में अपनी पत्नी का शव बाइक पर घर ले जाना पड़ा। रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्णिया के रहने वाले शंकर नाम के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी सुशीला को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन इलाज के दौरान उनकी पत्नी का निधन हो गया।

शंकर ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि उसने शव ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन से मदद मांगी थी। लेकिन वहां से कहा गया कि उसे खुद एम्बुलेंस का इंतजाम करना पड़ेगा। इसके बाद उसने एक एम्बुलेंस ड्राइवर से बात की तो उसने शव ले जाने के लिए 2500 रुपये मांगे। जिसे वह चुकाने में सक्षम नहीं था। इसके बाद अपने बेटे राजू की मदद से बाइक पर महिला का शव लेकर घर जाना उनकी मजबूरी हो गई।

बाइक पर महिला का शव

पड़ताल के दौरान हिंदुस्तान टाइम्स का एक और लेख प्राप्त हुआ। इस लेख में सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने ऐसी तस्वीर के सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। लेख के मुताबिक़, मुख्यमंत्री ने एक प्लान बनाने की बात करते हुए कहा था कि अस्पताल में मौत होने पर मृतक के शव को शमशान घाट या घर तक पहुँचाने की व्यवस्था निःशुल्क होनी चाहिए जब उसके परिजन परिवहन का किराया वहन करने में सक्षम न हों।

पड़ताल के दौरान दैनिक भाष्कर का भी एक लेख मिला। इस रिपोर्ट को भी साल 2017 में प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट में बाइक पर महिला का शव ले जाते मजबूर पति और बेटे के बारे में बताया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि महिला की सदर अस्पताल में हुई मौत के बाद एम्बुलेंस ड्राइवर ने शंकर नामक मजदूर व्यक्ति से शव को घर पहुंचने के लिए पैसों की मांग की थी। लेकिन शंकर के पास पैसे नहीं थे। इसलिए उसे एम्बुलेंस देने से मना कर दिया गया था।

इसे भी पढ़ें,.. एम्बुलेंस को लेकर वायरल हुए अन्य फेक दावों का फैक्ट चेक

बाइक पर महिला का शव

बाइक पर महिला की लाश ले जाने वाली वायरल तस्वीर को दैनिक जागरण भी अपने एक लेख में प्रकाशित किया है। वायरल तस्वीर को अपनी रिपोर्ट में प्रकाशित करते हुए इसे बिहार के पूर्णिया का बताया है। लेख में वही बातें बताई गई हैं जिसका वर्णन हम ऊपर कर चुके हैं।

बाइक पर महिला का शव

Conclusion

हमारी पड़ताल में पता चला कि बाइक पर महिला का शव ले जाने वाली वायरल तस्वीर कोरोना काल की नहीं बल्कि साल 2017 की है। उस समय दुनिया में कोरोना का कोई भी मामला नहीं था। यह तस्वीर इस समय गलत दावे के साथ वायरल हो रही है।

Our Sources

HT-https://www.hindustantimes.com/india-news

Dainik Jagran-https://www.jagran.com/bihar/purnea-death-16141951.html

Dainik Bhashkar-https://www.bhaskar.com/BIH-PAT-HMU-MAT-latest-patna-news-020501-2801534-NOR.html/

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

JP Tripathi
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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