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Claim
मोदी सरकार द्वारा बेंगलुरु में नए बंदरगाह की स्थापना हुई है। इस बंदरगाह की मदद से यात्रा और परिवहन जैसी मूलभूत जरूरतें आसान होंगी। दावा किया गया है कि सरकार की इस पहल से पेट्रोलियम उत्पाद भी सस्ता होगा।
Verification
सोशल मीडिया में वायरल हो रही बंदरगाह की एक तस्वीर के बारे में कई दावे किए जा रहे हैं। इस बंदरगाह को बेंगलुरु का बताया जा रहा है। दावा यह भी किया गया है कि इसके निर्मित हो जाने के बाद परिवहन और यात्रा जैसी मूलभूत जरूरतें आसान और सस्ती हो जाएंगी।
खबर की हकीकत जानने के लिए इस तस्वीर को अलग-अलग जगह पर ढूँढा तो पता चला कि इसे कई माध्यमों ने पोर्ट से संबंधित आर्टिकल के लिए इस्तेमाल किया है। gihub.org नामक वेबसाइट ने इस चित्र का इस्तेमाल किया है।
schumachercargo नाम की वेबसाइट ने भी इस चित्र का इस्तेमाल किया है।
ऐसे ही कई वेबसाइट के लेख पढ़ने पर World Maritime News वेबसाइट की ‘COSCO Shipping Ports Acquires 4.34 Pct Stake in Beibu Gulf Port’ न्यूज़ भी मिली, जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है और साथ ही जहाँ से यह तस्वीर ली गई है, फ़ोटो कर्टसी में उस वेबसाइट का नाम भी लिखा गया है।
इस वेबसाइट का नाम “Pixabay” है। Pixabay, मालिकाना लाइसेंस के साथ फोटो, इलस्ट्रेशन, ग्राफ़िक्स और फिल्म फुटेज अपलोड करने की इंटरनेशनल वेबसाइट है।
इस वेबसाइट पर जब हमने पोर्ट के नाम से यह तस्वीर खोजने की कोशिश की तो हमें यही फ़ोटो इस वेबसाइट के यूजर cegoh के पेज पर मिली। इस पोर्ट की दूसरी तस्वीर भी इसी तस्वीर के साथ मिल गई।
यूजर की जानकारी में वह सिंगापुर का बताया गया है। खबर की तह तक जाने के लिए गूगल अर्थ का इस्तेमाल किया। इस दौरान यह साफ़ हो गया कि यह तस्वीर सिंगापुर की है। खोजने के उपरान्त मिली PSA Corporation Ltd की तस्वीरें इस बात की गवाह हैं कि वायरल हो रहा चित्र बेंगलुरु का नहीं है।
इन दोनों तस्वीरों को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि दोनों तस्वीरें सिंगापुर के PSA Corporation Ltd कंपनी की है। बस तस्वीरों का एंगल अलग है। खोज के बाद यह साफ़ हो गया कि वायरल तस्वीर बेंगलुरु की ना होकर सिंगापुर की है।
Tools Used:
- Google Keywords Search
- Google Earth Search
- Yandex Search
Result: False