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बिहार की नहीं है अस्पताल में मरीज का स्ट्रेचर खींचते अबोध बच्चे की यह वायरल वीडियो

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा एक बच्चे का वीडियो शेयर किया गया है। वीडियो में एक छोटे बच्चे को एक अस्पताल के गलियारे में मरीज का स्ट्रेचर खींचते हुए देखा जा सकता है। कांग्रेस पार्टी का दावा है कि यह वीडियो बिहार के किसी क्षेत्र का है। कांग्रेस पार्टी ने इस वीडियो को शेयर कर बीजेपी-जदयू की गठबंधन वाली सरकार पर निशाना साधा है।

ट्वीट के आर्काइव लिंक को यहाँ देखें।

सोशल मीडिया पर कई अन्य लोगों ने भी इस वीडियो को शेयर किया है

Fact check / Verification

चुनाव जीतने के लिए पक्ष और विपक्ष अक्सर हर तरह के हथकंडे अपनाते हैं। इन दिनों बिहार में विधानसभा चुनावों का दौर चल रहा है। चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर भ्रामक दावों की बाढ़ सी आ जाती है। बीते दिनों बिहार चुनाव को लेकर सोशल मीडिया पर कई भ्रामक खबरें वायरल हुई थी। जिनमें से अधिकतम भ्रामक खबरों का न्यूज़चेकर ने पर्दाफाश किया था। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक अस्पताल की वीडियो वायरल है। इसे देखने पर हमें इसके पुराना होने की आशंका हुई। जिसके बाद वायरल वीडियो का सच जानने के लिए हमने पड़ताल आरम्भ की।

पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVid टूल की सहायता से कुछ कीफ्रेम्स में तोड़कर गूगल पर रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खोजा। खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो का एक कीफ्रेम patrika.com नाम की वेबसाइट पर 20 जुलाई साल 2020 को छपे एक लेख में मिला।

 कांग्रेस अस्पताल बच्चे

प्राप्त लेख के मुताबिक वायरल वीडियो बिहार का नहीं बल्कि यूपी के देवरिया जिले का है। जिला अस्पताल में एक छह साल का बच्चा अपनी माँ के साथ अपने मरीज को स्वयं स्ट्रेचर पर खींच रहा है। लेख में आगे जानकारी दी है कि अस्पताल कर्मचारी को 30 रूपये की रिश्वत न मिलने पर वे स्ट्रेचर नहीं ले गए। वीडियो के वायरल होने के बाद जिले के डीएम ने खुद पीड़ित परिवार से मुलाक़ात की और मामले पर जांच बैठा दी थी।

उपरोक्त मिले तथ्यों की पुष्टि के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजा। इस दौरान हमें वायरल वीडियो अमर उजाला की वेबसाइट पर भी मिला, जहां वीडियो को वेबसाइट पर 20 जुलाई साल 2020 को अपलोड किया गया था। वेबसाइट पर प्राप्त वीडियो में भी घटना को यूपी के देवरिया जिला अस्पताल का बताया गया है।

 कांग्रेस अस्पताल बच्चे

बच्चे द्वारा अस्पताल में स्ट्रेचर खींचने वाले इस वायरल वीडियो की जानकारी लाइव हिंदुस्तान की वेबसाइट पर 20 जुलाई साल 2020 को छपे एक लेख से भी मिली। यहाँ भी इस तथ्य की पुष्टि की गयी है कि वायरल वीडियो देवरिया जिला अस्पताल का है।

 कांग्रेस अस्पताल बच्चे

लेख के अनुसार देवरिया के बरहज क्षेत्र के गौरा गांव निवासी छेदी यादव कुछ माह पहले मारपीट की एक घटना में घायल हो गए थे। उन्हें देवरिया जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती कराया गया। छेदी यादव की बेटी बिंदू ने मीडिया को बताया कि तीन-चार दिन से वह अपने पिता के साथ जिला अस्पताल में हैं।

वहां उन्हें ड्रेसिंग के लिए बीच-बीच में ड्रेसिंग रूम में ले जाना होता है। अस्पताल के कर्मचारी हर बार स्ट्रेचर के लिए 30 रुपए की मांग करते हैं। परिवार की स्थिति बार-बार इतने रुपए देने की नहीं थी, ऐसे में परिवार ने रिश्वत देने से मना कर दिया। इसपर अस्पताल कर्मियों ने छेदी को ड्रेसिंग के लिए ले जाने से मना कर दिया। जिसके बाद यह वीडियो वायरल हो रहा है।

Conclusion

वायरल वीडियो की पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमें पता चला कि वायरल वीडियो की घटना बिहार की नहीं बल्कि यूपी के देवरिया जिला अस्पताल की है।

Result – Misleading

Our Sources

https://www.amarujala.com/video/uttar-pradesh/six-year-old-child-drag-the-stretcher-due-to-did-not-give-bribe-to-hospital-staff-in-deoria-in-up

https://www.patrika.com/gorakhpur-news/minor-pull-stretcher-in-district-hospital-deoria-video-viral-6283161/

https://www.livehindustan.com/uttar-pradesh/story-bribe-allegation-in-deoria-district-hospital-six-years-old-innocent-brought-patient-on-stretcher-3362414.html

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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