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सोशल मीडिया पर एक तस्वीर बहुत वायरल हो रही है जिसमें कुछ बच्चे केले के पत्तों पर खाना खाते हुए नज़र आ रहे हैं। खाना खा रहे बच्चों ने सफेद धोती और गमछा पहना हुआ है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर भारत की नहीं बल्कि जर्मनी की है, जहां बच्चे गुरुकुल में पढ़ते हैं और साथ में भोजन ग्रहण करते हैं।
वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न को यहां देखा जा सकता है।
देखा जा सकता है कि वायरल तस्वीर को फेसबुक पर भी अलग-अलग यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है।
ट्विटर पर भी इस तस्वीर को कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
Fact Check/Verification
जर्मनी में गुरुकुल का दावा करते हुए सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल को शुरु किया। Google Reverse Image Search की मदद से हमें कुछ परिणाम मिले।
पड़ताल के दौरान हमें एक फेसबुक पोस्ट भी मिली। The Latest Nationalist नामक यूज़र ने इस तस्वीर को 18 अक्टूबर, 2020 को शेयर किया था। तस्वीर को शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा, “भक्तिवेदांत गुरुकुल, मायापुर, पश्चिम बंगाल में हमारी अगली पीढ़ी।
ऊपर मिली जानकारी की मदद से हमने कुछ कीवर्ड्स से खोज शुरु की। जिसके बाद हमें Vedic Science और Hindu 2.0 द्वारा शेयर की गई फेसबुक पोस्ट मिली। दोनों पोस्ट में बताया गया है कि यह तस्वीर “भक्तिवेदांत गुरुकुल, मायापुर, पश्चिम बंगाल की है।
अब हमने Google Keywords Search की मदद से भक्तिवेदांत अकादमी को खंगाला। खोज के दौरान हमारे हाथ Bhaktivedanta Academy Mayapur की आधिकारिक वेबसाइट लगी। जहां हमने जाना कि भक्तिदेवांत गुरुकुल इस्कॉन द्वारा स्थापित की गई एक वैदिक शैक्षिक संस्था है।
अधिक खोजने पर हमें Bhaktivedanta Academy Mayapur का आधिकारिक फेसबुक पेज मिला। फेसबुक पेज खंगालने पर हमें अकादमी की तस्वीरें मिली। इन तस्वीरों को देखने के बाद अनुमान लगाया जा सकता है कि वायरल तस्वीरें भक्तिदेवांत गुरुकुल की हैं।
ट्विटर खंगालने पर हमें Iskcon,Inc के आधिकारिक हैंडल से किया गया एक ट्वीट मिला। 9 अक्टूबक, 2020 को सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों को ट्वीट किया गया था।
वायरल दावे की तह तक जाने के लिए हमने भक्तिदेवांत गुरूकुल के प्रिंसिपल से संपर्क किया। बातचीत में उन्होंने हमें बताया कि वायरल तस्वीर में नज़र आ रहे बच्चे उनकी अकादमी के ही हैं।
Conclusion
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि इस तस्वीर का जर्मनी से कोई लेना-देना नहीं है। पड़ताल में हमने पाया कि यह तस्वीर भक्तिवेदांत गुरूकुल, मायापुर, पश्चिम बंगाल की है।
Result: Misleading
Our Sources
FB: https://www.facebook.com/TheLastNationalist/photos/a.351395302309054/779914362790477/
Twitter: https://twitter.com/IskconInc/status/1314577608130977792
Bhaktivedanta Academy Mayapur: https://centres.iskcon.org/centre/bhaktivedanta-academy-mayapur/
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