Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.
Claim
मुज़फ्फर नगर के पुरकाज़ी में,
दलित युवक की बे-रहमी से पिटाई साथ ही ”जय श्रीराम-जय भोलेनाथ” के लगवाए नारे!!
इस अफसोसनाक खबर से थोड़ा कंफ्यूज़ हूँ,
#क्या_दलित_मुस्लिम_होते_हैं_हिन्दू_नहीं_?
Verification–
सोशल मीडिया में आए दिन दलितों पर अत्याचार के कई झूठे सन्देश वायरल होते देखे जा सकते हैं। फेसबुक और ट्विटर पर इस तरह की कथित घटनाओं से कई बार साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का भी खतरा बन जाता है।
इसी तरह का एक सन्देश ट्विटर पर शेयर किया जा रहा है। खुद को आम आदमी पार्टी से जुड़े होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने कुछ ऐसा ही एक सन्देश शेयर किया है। ट्विटर पर उत्तर प्रदेश आप पार्टी का सह प्रभारी बताने वाले शकील मलिक ने अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसौदिया के साथ प्रोफाइल में अपनी फोटो भी अपलोड की है।
एक अखबार की कटिंग के साथ ये महाशय 3 जुलाई 2019 को दावा कर रहे हैं कि मुजफ्फरनगर में एक दलित को ‘जय श्रीराम’ ना कहने पर जमकर पिटाई की गई। यह घटना जिले के पुरकाज़ी का बताते हुए शकील ने लिखा है कि क्या दलित मुस्लिम होता है?
हिन्दू-मुस्लिम का सवाल पूछने वाले इन महोदय द्वारा ट्विटर पर शेयर किए दावे का सच जानने की कोशिश आरम्भ की। आरंभिक पड़ताल के दौरान कुछ ज्यादा हाथ नहीं लगा लेकिन जो कुछ भी प्राप्त हुआ उसका स्क्रीनशॉट नीचे देखा जा सकता है।
क्या सच में हालिया दिनों में मुजफ्फरनगर के किसी इलाके में इस तरह की कोई घटना हुई? इसकी पड़ताल के दौरान
नवजीवन इंडिया का एक लेख मिला। वास्तव में यह लेख करीब 18 महीने यानि डेढ़ साल पहले का है। 17 जनवरी साल 2018 को अपलोड किए गए इस लेख में बताया गया है कि कथित हिंदूवादी लोगों ने एक दलित की जय श्रीराम ना कहने पर पिटाई कर दी।
गूगल खंगालने पर पता चला कि इस खबर को कई समाचार माध्यमों ने प्रमुखता से कवर किया था।
न्यूज़ 18 इंडिया द्वारा अपलोड किए गए लेख में वीडियो भी अटैच किया गया है। इस वीडियो में कुछ लोग हेलमेट पहने एक युवक की बेरहमी से पिटाई करते नज़र आ रहे हैं।
पिटाई करते लोग बार-बार युवक से ‘जय श्रीराम और काली माता की जय’ के नारे भी लगवाते नज़र आ रहे हैं। लेख के मुताबिक़ दलित युवक भीम आर्मी से ताल्लुक रखता है और उस पर देवी देवताओं के पोस्टर फाड़ने का आरोप था। पूरी खबर यहां पढ़ी और देखी जा सकती है।
पड़ताल में हमने
अमर उजाला समाचार पत्र को भी खंगाला। इस दौरान समाचार पत्र का 18 जनवरी साल 2018 का
आर्काइव प्राप्त हुआ। स्क्रीनशॉट नीचे देखा जा सकता है।
आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश का राज्य सह-प्रमुख बताने वाले महाशय शकील मलिक ने ‘हिन्दू-दलित-मुस्लिम’ का ऐसा दावा किया है जिससे समाज की गंगा-जमुनी तहज़ीब पर असर पड़ सकता है। वास्तव में यह खबर सही है और इसमें दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा चुकी है। लेकिन जिस तरह से इस पुरानी खबर को शेयर किया गया है वह भ्रम तो पैदा ही करता है, साथ ही ऐसे सन्देश से सामाजिक ताना बाना बिगड़ने की आशंका भी प्रबल हो जाती है।
Tools Used
- Google search
- Twitter Advance search
Result: Misleading
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.