मंगलवार, अप्रैल 23, 2024
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क्या मौजूदा किसान आंदोलन की है जियो सिम कार्ड जलाते हुए किसान की यह वायरल तस्वीर?

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

केंद्र सरकार द्वारा बनाये नए नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों को कल यानि 9 दिसंबर को सरकार से लिखित प्रस्ताव मिला, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया है। सरकार ने MSP, मंडी सिस्टम पर अपनी ओर से कुछ संशोधन सुझाए थे। लेकिन किसान नेताओं ने इसे ख़ारिज कर दिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि पूरे देश में हम आंदोलन को और तेज करेंगे साथ ही जिओ कंपनी का बहिष्कार भी करेंगे। इसी के बाद से सोशल मीडिया पर एक पंजाबी व्यक्ति द्वारा जिओ सिम के पैकेट को जलाने वाली एक तस्वीर वायरल होने लगी। दावा किया जाने लगा कि किसानों ने 9 दिसंबर को पहली बार जिओ कंपनी के बहिष्कार का एलान किया है।

वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।

सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट को कई अन्य यूज़र्स ने भी शेयर किया है

Fact check / Verification

नए कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को शांत करने के लिए केंद्र सरकार की वार्ता अबतक विफल रही है। किसानों के आंदोलन को शांत करने के लिए कल यानि 9 दिसंबर को सरकार ने उन्हें लिखित प्रस्ताव दिया था। लेकिन किसान और सरकार की कई शर्तों पर सहमति नहीं बन पायी। किसान नेताओं ने प्रस्ताव को ठुकराते हुए सरकार पर दवाव बनाने के लिए आंदोलन को तेज करने तथा जिओ कंपनी के बहिष्कार का ऐलान किया है।

इसी के संदर्भ में सोशल मीडिया पर जिओ कंपनी के सिम को जलाने वाले किसान की एक तस्वीर वायरल कर कहा जाने लगा कि 9 दिसंबर को पहली बार किसानों द्वारा जिओ कंपनी का बहिष्कार शुरू हुआ और कल ही वायरल तस्वीर में दिख रहे किसान ने जिओ कंपनी का सिमकार्ड जलाया। इसी तस्वीर की सत्यता जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल शुरू की।

पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले गूगल पर वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। लेकिन खोज के दौरान हमें तस्वीर की कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई।

किसानों जिओ बहिष्कार

इसके बाद हमने गूगल पर इस बात की जानकारी प्राप्त करने के लिए खोजना शुरू किया कि, क्या किसानों ने पहली बार जिओ कंपनी का बहिष्कार किया है। हमें IndiaToday की वेबसाइट पर 2 अक्टूबर साल 2020 को प्रकाशित एक लेख मिला। जहां यह जानकारी दी गयी थी कि पंजाबी किसानों ने कल से पहले यानि 9 दिसंबर के पहले अक्टूबर माह में भी जिओ सिम का बहिष्कार किया था।

किसानों जिओ बहिष्कार

इसके साथ ही हमें Times of India की वेबसाइट पर भी एक 2 अक्टूबर साल 2020 को छपा एक लेख मिला। जहां इस बात की जानकारी दी गयी है कि पंजाब के किसानों ने अक्टूबर माह में भी रिलायंस का बहिष्कार किया था।

किसानों जिओ बहिष्कार

इसके बाद वायरल तस्वीर कब की है इस बात की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने गूगल पर तस्वीर को रिवर्स इमेज टूल व कुछ संबंधित कीवर्ड्स के माध्यम से खोजने का प्रयास किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर The Tribune नामक यूट्यूब चैनल पर 30 सितंबर साल 2020 को अपलोड हुए एक वीडियो में मिली।

किसानों जिओ बहिष्कार

प्राप्त वीडियो में वायरल तस्वीर वाले पंजाबी किसान को यहाँ देखा जा सकता है। देखा जा सकता है कि जिओ कंपनी के सिमकार्ड को जलाने वाले किसान की उक्त तस्वीर इंटरने पर सितंबर माह से ही मौजूद है।

Conclusion

वायरल तस्वीर की पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से पता चला कि जिओ सिम कार्ड को जलाने वाले किसान की यह तस्वीर हाल-फिलहाल की नहीं बल्कि 30 सितंबर साल 2020 की है।

Result- Misleading

Our sources

https://www.youtube.com/watch?v=6g0aTtgUeYc

https://timesofindia.indiatimes.com/city/ludhiana/sim-satyagraha-has-farmers-in-punjab-turning-against-corporates/articleshow/78440002.cms

https://www.indiatoday.in/india/story/sim-satyagrah-punjab-farmers-destroy-reliance-jio-sim-cards-protest-against-corporates-farm-laws-1727545-2020-10-02


किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in


Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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