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बाघिन द्वारा सूअर के बच्चों को पाले जाने का दावा करती इस पोस्ट का सच कुछ और है

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि प्रसव पीड़ा के कारण अपने शावकों को खो चुकी बाघिन को अवसादमुक्त करने के लिए बाघों की खाल जैसे कपड़ों में लिपटे सूअर के बच्चे दिए गए, जिन्हें अब वह अपना समझकर पाल रही है.

Instagram will load in the frontend.

सोशल मीडिया पर भावुक कर देने वाले दावों के वायरल होने की संभावना ज्यादा होती है. विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तमाम ऐसे दावे भी वायरल होते हैं, जिनमें किसी साधारण घटना को या तो बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है या उसे कोई काल्पनिक भावनात्मक पहलू दे दिया जाता है. इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स एक तस्वीर शेयर कर यह दावा कर रहे हैं कि प्रसव पीड़ा के कारण अपने शावकों को खो चुकी बाघिन को अवसादमुक्त करने के लिए बाघों की खाल जैसे कपड़ों में लिपटे सूअर के बच्चे दिए गए, जिन्हें अब वह अपना समझकर पाल रही है.

Fact Check/Verification

प्रसव पीड़ा के कारण अपने शावकों को खो चुकी बाघिन को अवसादमुक्त करने के लिए बाघों की खाल जैसे कपड़ों में लिपटे सूअर के बच्चे दिए जाने के नाम पर शेयर की जा रही इस तस्वीर की पड़ताल के लिए, हमने इसे गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें यह जानकारी मिली कि वायरल तस्वीर ना सिर्फ पुरानी है बल्कि इसके साथ शेयर किया जा रहा दावा भी भ्रामक है.

प्रसव पीड़ा के कारण अपने शावकों को खो चुकी बाघ को अवसादमुक्त करने के लिए बाघों की खाल जैसे कपड़ों में लिपटे सूअर के बच्चे दिए गए, जिन्हे अब वह अपना समझकर पाल रही है.
गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

Snopes द्वारा 1 जून, 2006 को प्रकाशित लेख में Pattaya Mail के एक लेख के हवाले से यह जानकारी दी गई है कि थाईलैंड के Sriracha Tiger Zoo में Saimai नामक मादा बाघ को उसके जन्म से लेकर 4 महीने तक एक सूअर ने स्तनपान कराया था. इसी वजह से बाघ (Saimai) का सूअरों तथा कुत्तों से सौहार्दपूर्ण तथा प्रेमभरा रिश्ता बन गया. बता दें कि Pattaya Mail ने यह लेख 9 मई से 15 मई, 2003 तक की समयावधि के बीच के अपडेट्स को लेकर प्रकाशित किया था.

Trinidad and Tobago स्थित Emperor Valley Zoo के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा 11 मई, 2014 को शेयर किए गए ट्वीट के अनुसार, यह तस्वीर 23 जनवरी, 2004 की है.

Emperor Valley Zoo द्वारा शेयर किया गया ट्वीट

ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करने वाली वेबसाइट Creation Ministries द्वारा 28-29 जून, 2005 को प्रकाशित लेख में यह दावा किया गया है कि बाघों तथा सूअरों के बीच एक दूसरे के बच्चों को स्तनपान कराने की यह प्रक्रिया चिड़ियाघर में 1997 से चली आ रही है.

इसके अतिरिक्त, Shutterstock की वेबसाइट पर हमें 27 मई, 2004 की एक तस्वीर प्राप्त हुई, जिसमें Sriracha Tiger Zoo में बाघ के वेश में सूअर के बच्चों को Saimai नामक इसी बाघ के ऊपर बैठा दिखाया गया है.

Shutterstock द्वारा प्रकाशित तस्वीर

Conclusion

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि प्रसव पीड़ा के कारण अपने शावकों को खो चुकी बाघिन को अवसादमुक्त करने के लिए, बाघों की खाल जैसे कपड़ों में लिपटे सूअर के बच्चे दिए जाने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में थाईलैंड के Sriracha Tiger Zoo में Saimai नामक मादा बाघ को उसके जन्म से लेकर 4 महीने तक एक सूअर ने स्तनपान कराया था, जिसकी वजह से बाघ (Saimai) का सूअरों तथा कुत्तों से सौहार्दपूर्ण तथा प्रेमभरा रिश्ता बन गया. बाघों तथा सूअरों के बीच एक दूसरे के बच्चों को स्तनपान कराने की यह प्रक्रिया Sriracha Tiger Zoo में कई बार देखने को मिली है.

Result: Partly False

Our Sources

Article published by Snopes on 1 June, 2006
Article published by Pattaya Mail in May 2003
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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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