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Claim
अमरोहा के मुस्लिम बहुल इलाके में हिन्दुओं के घर पर पत्थर फेंका जा रहा है.
Fact
यह वीडियो अमरोहा जिले के बंबूगढ़ गांव का है. इस वीडियो में शामिल दोनों ही पक्ष हिंदू समुदाय के हैं.
एक मकान की छत से कुछ युवकों द्वारा ईंट-पत्थर बरसाने का एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है. वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि “इन्हीं वजहों से मुस्लिम बहुल इलाके में हिंदुओं के घर के बाहर मकान बिकाऊ है के पोस्टर लग जाते हैं”.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है. यह वीडियो अमरोहा जिले के बंबूगढ़ गांव का है. इस वीडियो में शामिल दोनों ही पक्ष हिंदू समुदाय से हैं. अमरोहा पुलिस ने भी इसकी पुष्टि की है.
वायरल वीडियो 1 मिनट 2 सेकेंड का है. इस वीडियो में कुछ लोग एक छत से नीचे ईंट फेंकते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान छत पर बड़ी संख्या में ईंट रखी हुई भी दिखाई दे रही है. इसके अलावा, वीडियो में सामने वाले एक मकान पर ‘मकान बिकाऊ है’ भी लिखा हुआ दिखाई दे रहा है.
वीडियो को ट्विटर पर एक ख़ास कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “मुस्लिम बहुल इलाकों में हिन्दुओ के घरों के बाहर “यह मकान बिकाऊ है” का पोस्टर क्यू लग जाता है, इस वीडियो से अच्छी तरह समझा जा सकता है। वीडियो अमरोहा का है!”
इस वीडियो को फ़ेसबुक पर इसी तरह के कैप्शन के साथ शेयर किया गया है.
Fact Check/Verification
Newschecker ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे ट्वीट पोस्ट को खंगाला. हमें पोस्ट के रिप्लाई सेक्शन में अमरोहा पुलिस द्वारा दिया गया रिप्लाई मिला.
अमरोहा पुलिस ने ट्वीट के जवाब में लिखा है, “उक्त प्रकरण दो माह पुराना है. ठेला खड़ा करने के विवाद में प्रथम पक्ष राजबीर पुत्र राम चरन व द्वितीय पक्ष नौरतन पुत्र चन्द्रसैन के मध्य झगड़े की सूचना पर पुलिस द्वारा पूर्व में नियमानुसार अभियोग पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की जा चुकी है”.
हालांकि, इस वीडियो के संबंध में ज्यादा जानकारी जैसे घटना की जगह और कारणों का उल्लेख नहीं किया गया है. इसलिए हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए वीडियो के कीफ्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया. इस दौरान हमें दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर 13 अक्टूबर 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो भी मौजूद था.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला देहात थाना क्षेत्र के गांव बंबूगढ़ का था, जहां 13 अक्टूबर 2023 की सुबह गांव के दो पक्षों में पुराने झगड़े को लेकर कहासुनी हुई और फिर यह मारपीट में बदल गई. इस दौरान दोनों पक्षों की तरफ से एक दूसरे के ऊपर पथराव किया गया. इस पथराव का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें एक पक्ष को अपने मकान की छत से ईंट फेंकते हुए देखा गया.
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस पथराव में कई लोगों को चोटें भी आई थी, जिन्हें बाद में पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. इस रिपोर्ट में नौगांवा सादात की सीओ अंजली कटारिया का बयान भी मौजूद है, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस घटना की सूचना मिलते ही तत्काल पुलिस बल भेजकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया और कुछ को हिरासत में लिया गया.
जांच में हमें इस संबंध में अमर उजाला की वेबसाइट पर 14 अक्टूबर 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट भी मिली. इस रिपोर्ट में घटना की विस्तृत जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, 10 अक्टूबर 2023 को बंबूगढ़ गांव के रहने वाले नरोत्तम और राजवीर के परिवारजनों के बीच घर के आगे ठेली खड़ा करने को लेकर विवाद हुआ था. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच मारपीट भी हुई थी. पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों के आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं की.
मारपीट की घटना के तीन दिन बाद ही दोनों पक्ष फिर से उलझ गए और दोनों पक्षों में जमकर लाठी डंडे चले एवं पथराव भी हुआ. इस दौरान एक पक्ष के राजवीर, अमित, विशाल, शीतल एवं दूसरे पक्ष के नरोत्तम, पुनीत, कंचन, दीपक और हिमांशी घायल हो गए. इस घटना की सूचना मिलने पर देहात थाना क्षेत्र की पुलिस मौके पर पहुंची और उन्होंने झगड़ा कर रहे लोगों को वहां से हटाया एवं घायलों को अस्पताल पहुंचाया.
पड़ताल के दौरान अपनी जांच को पुख्ता करने के लिए नौगांवा सादात की सीओ अंजली कटारिया से भी संपर्क किया तो उन्होंने वायरल सांप्रदायिक दावे का खंडन करते हुए कहा कि “इस विवाद में शामिल दोनों ही पक्ष एक ही समुदाय और एक ही जाति के हैं. ये दोनों पक्ष पड़ोसी हैं. क़रीब दो महीने पहले ठेली खड़ा करने को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ था और इस दौरान दोनों पक्षों की तरफ से पथराव भी हुआ था. हमने इस मामले में कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की थी और दोनों पक्षों के कुछ लोगों को जेल भी भेजा था”.
हमने जांच में उस मकान मालिक से भी संपर्क करने की कोशिश की है, जिसके घर पर “यह मकान बिकाऊ है” लिखा हुआ है. हमने मकान बेचे जाने के कारणों का पता लगाने के लिए उनसे संपर्क करने की कोशिश की है. उनका जवाब आने पर स्टोरी को अपडेट कर दिया जाएगा.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि वायरल सांप्रदायिक दावा फ़र्ज़ी है. इस विवाद में शामिल दोनों पक्ष एक ही समुदाय एवं जाति के हैं.
Result: False
Our Sources
Article Published by Dainik Bhaskar on 13th Oct 2023
Article Published by Amar Ujala on 14th Oct 2023
Telephonic Conversation With Naugawa CO Anjali Kataria
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