Authors
Claim
उत्तर प्रदेश के बरेली में एक शिक्षिका ने कमरे में बंद करके मुस्लिम छात्र अब्दुल रहमान को पीटा.
Fact
बरेली की इस घटना में पीड़ित बच्चे का नाम ना ही अब्दुल रहमान है और ना ही वह मुसलमान है.
सोशल मीडिया पर एक बच्चे की घायल पीठ की तस्वीर इस दावे से वायरल हो रही है कि उत्तर प्रदेश के बरेली में एक शिक्षिका ने कमरे में बंद करके मुस्लिम छात्र अब्दुल रहमान को पीटा.
पीठ पर लगे चोट के निशान वाली इस तस्वीर को वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “UP: बरेली में शिक्षिका ने कमरे में बंदकर मुस्लिम छात्र को जमकर पीटा. क्योलड़िया के बिहारीपुर में छात्र अब्दुल रहमान को जामुन, नींबू तोड़ने से मना करने पर बेरहमी से पीटा गया. शिक्षिका ने मार-मारकर पीठ की खाल उधेड़ दी। पीड़ित छात्र के परिजनों ने मुकदमा दर्ज कराया”.
Fact Check/Verification
Newschecker ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया. इस दौरान हमें 23 जुलाई 2024 को दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल तस्वीर वाले दृश्य भी मौजूद थे.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला बरेली जिले के भदपुरा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बिहारीपुर अब्दुल रहमान का है. जहां बीते 20 जुलाई को विद्यालय की एक शिक्षिका रचनी गंगवार ने कक्षा 4 के एक छात्र को जामुन तोड़कर लाने के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया. इस दौरान गांव वालों के पूछने पर उसने शिक्षिका का नाम भी बता दिया, जिससे शिक्षिका गुस्सा हो गई और उन्होंने उक्त छात्र को पीटा. इसके बाद बच्चे ने घर जाकर अपने माता-पिता को इसकी जानकारी दी. बाद में उक्त छात्र की घायल पीठ वाली तस्वीर वायरल हो गई तो जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षिका रचनी गंगवार को सस्पेंड कर दिया और खंड शिक्षा अधिकारी को जांच के आदेश दिए.
हालांकि, रिपोर्ट में शिक्षिका रचनी गंगवार का पक्ष भी मौजूद था. उन्होंने मीडिया के सामने यह कहा था कि उन्हें गांव की राजनीति में फंसाया जा रहा है. उन्होंने पीड़ित छात्र के माता-पिता से माफ़ी मांग ली है और उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं.
इसी संबंध में हमें अमर उजाला की वेबसाइट पर 23 जुलाई को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में बताया गया था कि प्राथमिक विद्यालय बिहारीपुर अब्दुल रहमान में अनुसूचित जाति के छात्र की पिटाई के मामले में शिक्षिका रचनी गंगवार को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस मामले में पीड़ित छात्र के परिजन ने मामले में पुलिस के समक्ष शिकायत भी दर्ज कराई है.
इस मामले में की गई एफआईआर खंगाला तो हमें 21 जुलाई 2024 को बरेली के क्योलड़िया थाने में दर्ज की गई रिपोर्ट मिली, जिसमें पीड़ित छात्र की माता ने शिक्षिका के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट और भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत शिकायत दर्ज कराई थी. एफआईआर में यह भी लिखा गया था कि शिक्षिका ने उसके 9 वर्षीय पुत्र को जाति सूचक गाली (जाटव) दी थी.
हमने पीड़ित छात्र की मां से भी संपर्क किया. उन्होंने भी यह बताया कि उसके पुत्र की पिटाई 20 जुलाई को हुई थी और वे मुस्लिम नहीं, बल्कि जाटव जाति से ताल्लुक रखते हैं.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि वायरल दावा गलत है. पीड़ित छात्र मुस्लिम नहीं, बल्कि जाटव जाति से ताल्लुक रखता है, एवं उसके गांव का नाम बिहारीपुर अब्दुल रहमान है.
Result: False
Our Sources
Article Published by Dainik Bhaskar on 23rd July 2024
Article Published by Amar Ujala on 23rd July 2024
Telephonic Conversation with Victim Mother
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