Authors
Claim
नया भारतीय न्याय संहिता कानून लागू होने के बाद एक वकील ने दारोगा को ही घूसखोरी के आरोप में पकड़ लिया.
Fact
वायरल वीडियो करीब एक वर्ष पुराना है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग एक वर्दीधारी को पकड़ कर ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. वीडियो को इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि नया कानून भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद एक वकील ने दारोगा को ही घूसखोरी के आरोप में पकड़ लिया.
हालांकि हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो करीब एक वर्ष पुराना है, जब उत्तर प्रदेश की एंटी करप्शन यूनिट ने रिश्वत लेने के आरोप में लखनऊ के बीकेटी थाना के दारोगा को रंगे हाथ पकड़ा था.
गौरतलब है कि 1 जुलाई 2024 से देशभर में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता लागू किया गया है. नए न्याय संहिता ने पुराने आपराधिक कानून यानी भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह ली है.
वायरल वीडियो करीब 1 मिनट 42 सेकेंड का है, जिसमें कुछ लोग एक वर्दीधारी को पकड़ कर ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान एक व्यक्ति वकील की ड्रेस में भी नजर आ रहा है. वीडियो में लोग यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि रिश्वत लेने की वजह से विजिलेंस ने दरोगा को पकड़ा है. इसके अलावा वीडियो में लोग उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिंदाबाद वाले नारे भी लगाते हुए सुनाई दे रहे हैं.
वीडियो को वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “वकील साहब ने सही किया या गलत नये कानून के लागू होने का असर वकील साहब दरोग़ा को घूसखोरी के आरोप में पकड़कर ले जाते हुए”.
Fact Check/Verification
Newschecker ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए उसमें बोले जा रहे शब्दों की मदद से गूगल सर्च किया, तो 13 जून 2023 को दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो से जुड़े दृश्य फीचर इमेज के रूप में मौजूद थे.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, 13 जून 2023 को उत्तर प्रदेश की एंटी करप्शन टीम ने लखनऊ के बख्शी के तालाब (बीकेटी) थाने में तैनात तत्कालीन सब इंस्पेक्टर प्रदीप पांडेय को 13 हजार रूपए घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था. दरअसल सब इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार पांडेय ने एक जमीन विवाद को निपटाने के मामले में रकम की मांग की थी. जिसकी शिकायत एंटी करप्शन यूनिट से की गई की थी. इसके बाद अधिवक्ता की ड्रेस में आए एंटी करप्शन यूनिट के अधिकारियों ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया था.
इसी दौरान हमें अमर उजाला की वेबसाइट पर भी 14 जून 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में भी वायरल वीडियो वाले दृश्य मौजूद थे. रिपोर्ट के अनुसार, बीकेटी थाने के अंतर्गत आने वाले अस्सी गांव के एक शख्स रामबरन का जमीनी विवाद चल रहा था और इसकी शिकायत थाने में की गई थी. इस मामले की जांच कर रहे सब इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार पांडेय ने रिश्वत की मांग की थी, जिसकी शिकायत रामबरन ने एंटी करप्शन यूनिट से कर दी. जिसके बाद एंटी करप्शन यूनिट ने पैसे लेते हुए रंगे हाथ दारोगा प्रदीप कुमार पांडेय को पकड़ लिया. बाद में दारोगा के खिलाफ जानकीपुरम थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी.
इसके अलावा हमें इस मामले से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट NYOOZ UP नाम के यूट्यूब अकाउंट से 13 जून 2023 को अपलोड की गई भी मिली. इस रिपोर्ट में भी बताया गया था कि एंटी करप्शन यूनिट ने घूस लेते हुए दारोगा प्रदीप पांडेय को पकड़ा था.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि वायरल वीडियो करीब 1 वर्ष पुराना है, जब एंटी करप्शन यूनिट ने घूस लेते हुए दारोगा को पकड़ा था.
Result: False
Our Sources
Article Published by Dainik Bhaskar on 13th June 2023
Article Published by AMAR UJALA on 14th June 2023
Video Report by NYOOOZ UP- Uttarakhand on 13th June 2023
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