Authors
An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.
Claim
यूपीए सरकार ने साल 2012 में 3000 करोड़ रुपये की लागत से नया संसद भवन बनाने का प्रस्ताव रखा था।
Fact
यूपीए सरकार के दौरान नए संसद भवन के निर्माण की लागत को लेकर भ्रामक दावा किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यूपीए सरकार ने साल 2012 में 3000 करोड़ रुपये की लागत से नया संसद भवन बनाने का प्रस्ताव रखा था। साथ ही कहा जा रहा है कि इसके 11 साल बाद नरेंद्र मोदी की सरकार ने संसद भवन का निर्माण मात्र 971 करोड़ रुपये में पूरा कर दिया।
Fact Check/Verification
दावे की सत्यता जानने के लिए हमने कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया। हमें इंडिया टुडे की वेबसाइट पर साल 2012 में छपी एक रिपोर्ट मिली। इसमें एक नए संसद भवन बनाए जाने की आवश्यकता का उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, तत्कालीन लोकसभा स्पीकर ने इसके लिए एक समिति का गठन किया है जो नए भवन के निर्माण की समीक्षा करेगी।
पड़ताल के दौरान हमें संसद भवन की वेबसाइट पर एक डॉक्यूमेंट मिला, जिसके अनुसार नए संसद भवन के लिए तत्कालीन लोकसभा स्पीकर ने उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया था।
इसके बाद साल 2015 में तत्कालीन लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने नए संसद भवन के निर्माण का सुझाव दिया। टाइम्स ऑफ इंडिया की साल 2015 में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, सुमित्रा महाजन ने इसके लिए उस वक्त केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को एक पत्र भी लिखा था। रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि मीरा कुमार का नए संसद भवन बनाने का प्रस्ताव समर्थन नहीं मिलने के कारण ठंडे बस्ते में चला गया था।
इसके अलावा, मीरा कुमार ने 31 मार्च 2023 को एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में भी इस बात का जिक्र किया कि उन्होंने नए संसद भवन का सुझाव दिया था। हालांकि, उन्होंने अपने इस इंटरव्यू में इसकी लागत को लेकर कोई बात नहीं की।
हमने मामले की अधिक जानकारी के लिए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा से संपर्क किया। उन्होंने यूपीए सरकार के दौरान नए संसद भवन के निर्माण की लागत के दावों का खंडन किया। उन्होंने हमें बताया, “सोशल मीडिया में प्रसारित पोस्ट पूरी तरह से गलत है। यूपीए के समय में इस तरह के किसी भी परियोजना की लागत के बारे में विचार नहीं किया गया था।”
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट क्या है और इसकी अनुमानित लागत क्या है?
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, अभी इसकी फिनिशिंग का काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट की घोषणा साल 2019 में हुई थी और दिसंबर 2020 में पीएम मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत प्रधानमंत्री आवास, उप राष्ट्रपति भवन, एक कॉमन सेंट्रल सचिवालय बनाने के साथ ही राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक कॉरिडोर को नए सिरे से संवारा जा रहा है।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 20 हजार करोड़ रुपये है और इसका निर्मित क्षेत्र लगभग 65000 वर्ग किलोमीटर है।। लोकसभा की एक बहस के दौरान संसद में सांसद Dr T. Sumathy (A) Thamizhachi Thangapandian ने बताया था कि अकेले संसद भवन के निर्माण में 971 करोड़ की लागत का अनुमान है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नए संसद भवन के निर्माण की लागत लगभग 29 प्रतिशत बढ़ने की बात भी की गई है। हालांकि, हम स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।
Conclusion
इस तरह निष्कर्ष निकलता है कि यूपीए सरकार के दौरान नए संसद भवन के निर्माण की लागत को लेकर भ्रामक दावा किया जा रहा है।
Result- Partly False
Our Sources
Report by India Today , Dated, July 14, 2012
Report by NDTV India Dated, March 31, 2023
Report by Time of India , Dated: December 28, 2015
Report by NDTV , Dated: January 20, 2022
Report Published on Dainik Bhaskar on March 31, 2022
Central Vista | Aatmanirbhar Bharat | Make In India
Parliament Report on Heritage Management
LokSabha Debate on Central Vista Project in February 2021
Conversation with Pawan Khera, Chairman, Media & Publicity Dept. All India Congress Committee
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in
Authors
An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.