Authors
An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.
राजस्थान के करौली में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि करौली में जिस मस्जिद से पत्थर फेंके गए थे उस पर बजरंग दल के लोगों ने भगवा झंडा लहराया.
वायरल हो रहे वीडियो में एक शख्स किसी मुस्लिम धार्मिक स्थल पर चढ़कर भगवा झंडा लहराते हुए नजर आ रहा है. नीचे भगवा झंडे लिए हुए कुछ और लोग भी हैं जो गाने पर डांस कर रहे हैं. वीडियो में जय श्रीराम के नारे भी सुने जा सकते हैं.
इस ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है,“बड़ी खबर राजस्थान से…करौली राजस्थान में जिस मस्जिद पर से फेंके गए थे पत्थर उसी मस्जिद पर चढ़कर बजरंग दल वालों ने लहराया भगवा…जय श्री राम.”. इसी कैप्शन के साथ वीडियो फेसबुक और ट्विटर पर जमकर वायरल हो रहा है. पत्रकार राणा अय्यूब ने भी इस वीडियो को करौली हिंसा का बताकर शेयर किया है.
दरअसल, 2 अप्रैल को राजस्थान के करौली में हिंदू नव वर्ष के दौरान सांप्रदायिक माहौल बिगड़ गया था. दैनिक भास्कर की एक खबर के अनुसार, हिंदू नव वर्ष के अवसर पर करौली में बाइक रैली निकाली जा रही थी. जब यह रैली एक मस्जिद के पास पहुंची तो मकानों की छतों से पथराव शुरू हो गया. हर तरफ अफरा-तफरी मच गई और इसी बीच कुछ नकाबपोश लोग लाठी, तलवार, सरिए व चाकू से अन्य लोगों पर हमला करने लगे. तनाव बढ़ गया और उपद्रवियों ने कई दुकानें जला दीं. पुलिसकर्मियों सहित घटना में 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इसके बाद प्रशासन को शहर में कर्फ्यू लगाना पढ़ा. इसी घटना से जोड़ते हुए वायरल वीडियो को शेयर किया जा रहा है.
Fact Check/Verification
इस वीडियो को कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें करौली जिले के कलेक्टर का एक ट्वीट मिला. इस ट्वीट में वीडियो के करौली के होने का खंडन किया गया है. ट्वीट में लिखा है कि यह वीडियो करौली का नहीं है और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी. करौली कलेक्टर के इस ट्वीट पर एक व्यक्ति ने कमेंट करते हुए आशंका जताई थी कि ये वीडियो गाजीपुर का है.
इसके बाद हमने दोबारा वीडियो को कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने की कोशिश की. सामने आया कि कई और भी लोगों ने वीडियो को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का बताया है. सैयद उजमा परवीन नाम की एक टि्वटर यूज़र ने भी वीडियो को 3 अप्रैल को शेयर किया था. उन्होंने लिखा था कि यह घटना गाजीपुर के गहमर कस्बे की है जहां पूर्व विधायक सुनीता सिंह के समर्थकों ने मस्जिद में घुसकर नमाजियों के साथ मारपीट की और शांति भंग करने का काम किया. लेकिन उजमा परवीन के इस ट्वीट पर गाजीपुर पुलिस ने जवाब में लिखा कि गहमर थाने में इस प्रकार की कोई घटना सामने नहीं आई है.
इसके बाद उजमा ने एक और ट्वीट करते हुए कुछ तस्वीरें शेयर कीं. उजमा ने ट्वीट में लिखा कि उन्होंने गहमर की इस मस्जिद के कुछ फोटो मंगवाए हैं जो इस बात का सबूत है कि वायरल वीडियो गहमर का ही है. उजमा द्वारा शेयर की गई तस्वीरों में जो मस्जिद दिख रही है वह वायरल वीडियो वाले ढांचे मेल खाती हैं.
इस बात को पुख्ता करने के लिए हमने गाजीपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक आरडी चौरसिया से बात की. उन्होंने हमें इस बात की पुष्टि कर दी कि वायरल वीडियो गहमर का ही है. पुलिस अधीक्षक चौरसिया के अनुसार, “यह घटना 2 अप्रैल की है जब गहमर में शोभा यात्रा का आयोजन हुआ था. इस दौरान जब रैली इस मस्जिद के पास से निकली तो कुछ युवा सीढ़ियों की मदद से मस्जिद पर चढ़ गए और भगवा झंडे के साथ जय श्री राम के नारे लगाने लगे. हमने इसको लेकर मामला दर्ज किया है और युवकों की पहचान की जा रही है”.
हमने पुलिस अधीक्षक से यह भी पूछा कि अगर यह वीडियो गहमर का ही है तो गाजीपुर पुलिस ने अपने ट्वीट में यह क्यों लिखा कि इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है. इस पर उनका कहना था कि शुरुआत में पुलिस को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन बाद में जांच में पता चला कि वीडियो गहमर का ही है.
न्यूजचेकर ने मामले को लेकर गाजीपुर में बीजेपी की पूर्व विधायक सुनीता सिंह के प्रतिनिधि अभिषेक पांडे से बात की. अभिषेक ने भी वीडियो को गहमर का ही बताया. अभिषेक का कहना था कि, “यह वीडियो गहमर में आयोजित हुई शोभा यात्रा के समय का ही है. लेकिन जिस तरह इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है वो गलत है. शोभा यात्रा सड़क से निकल रही थी और यह वीडियो एक बस्ती का है. जिन युवकों ने यह उपद्रव किया था वो काफी कम उम्र के हैं. उन्होंने यात्रा से अलग जाकर यह उपद्रव मचाया. इसको लेकर हमने सबके सामने इन युवकों की फटकार लगाई थी और माफी भी मंगवाई थी “.
Conclusion
यहां हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट हो जाता है कि मस्जिद पर भगवा लहरा रहे युवक का ये वीडियो करौली का नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का है. करौली में हुई हिंसा की आड़ में इसे गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
Result: False Context/False
Our Sources
Tweets of Karauli DM And Sayyad Uzma Parveen
Quotes of Ghazipur Rural SP RD Chaurasia And Representative of Former Ghazipur MLA
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