Fact Check
उदयपुर में 55 साल की उम्र में 17वें बच्चे को जन्म देने वाली महिला मुस्लिम नहीं, भ्रामक दावा वायरल
Claim
उदयपुर में 55 साल की उम्र में एक मुस्लिम महिला ने 17वें बच्चे को जन्म दिया.
Fact
यह दावा भ्रामक है. उदयपुर के आदिवासी क्षेत्र झाड़ोल में 17वें बच्चे को जन्म देने वाली महिला, रेखा कालबेलिया पत्नी कवरा कालबेलिया, मुस्लिम नहीं हैं.
राजस्थान के उदयपुर में एक महिला के 17वें बच्चे को जन्म देने की ख़बर को सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि 55 साल की मुस्लिम महिला ने 17वें बच्चे को जन्म दिया है.
हालांकि, हमारी जांच में यह सामने आया कि वायरल दावा ग़लत है, और उदयपुर में 17वें बच्चे को जन्म देने वाली महिला मुस्लिम नहीं है.
एक्स पर जितेंद्र प्रताप सिंह नामक यूज़र ने एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “मुस्लिम महिला ने 55 साल की उम्र में 17वें बच्चे को किया पैदा. डॉक्टर से कहा- ये सिर्फ चौथी डिलीवरी. उदयपुर का मामला. कबाड़ बीनकर कट रही पूरे परिवार की जिंदगी. मैं फिर से कह रहा हूं वह 2050 की तैयारी कर रहे हैं.” पोस्ट का आर्काइव यहां देखें.

एक्स और फ़ेसबुक पर कई अन्य यूज़र्स ने भी महिला के मुस्लिम होने का दावा किया है. इन पोस्ट्स को यहां, यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है.
Fact Check/Verification
वायरल दावे की जांच के लिए जब संबंधित कीवर्ड्स से सर्च किया, तो हमें कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. इन रिपोर्ट्स में महिला की पहचान रेखा कालबेलिया, उसके पति की पहचान कवरा कालबेलिया और उनकी एक बेटी की पहचान शीला कालबेलिया के रूप में की गई है.
55 साल की मुस्लिम महिला ने 17वें बच्चे को जन्म दिया?
एनडीटीवी राजस्थान की 27 अगस्त की रिपोर्ट में बताया गया है कि राजस्थान के आदिवासी इलाक़े झाड़ोल क्षेत्र के लीलावास गांव की रहने वाली रेखा कालबेलिया ने झाड़ोल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपने 17वें बच्चे को जन्म दिया. इस मौके पर बधाई देने वालों में सिर्फ़ पति और बच्चे ही नहीं, बल्कि उनके पोते-पोतियां और नाती-नातियां भी शामिल थे. रेखा के 17 बच्चों में से 7 लड़के और 4 लड़कियां जीवित हैं, जबकि 5 बच्चों की जन्म के बाद मृत्यु हो चुकी है. उनके कई बच्चों की शादी हो चुकी है और उनके भी 2 से 3 बच्चे हैं.

रिपोर्ट में रेखा की बेटी शीला कालबेलिया के हवाले से लिखा गया है कि उनके परिवार में हमेशा से ही बच्चे ज़्यादा रहे हैं.
ईटीवी भारत की रिपोर्ट में लिखा है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के वार्ड में जब लोगों को रेखा की 17वीं संतान के बारे में पता चला तो हर कोई चौंक गया. रेखा के परिजनों ने अस्पताल में शुरू में चार संतान होने की बात कही थी. रेखा के पति कवरा कालबेलिया भंगार एकत्रित कर आजीविका चलाते हैं.
रिपोर्ट में झाड़ोल सीएचसी के स्त्री रोग विशेषज्ञ रोशन दरांगी के हवाले से बताया गया है कि जब रेखा भर्ती हुई थी, तब परिजनों ने उसके चौथी संतान होने की बात कही थी. लेकिन बाद में पता चला कि यह उनकी 17वीं संतान है. ऐसे में अब रेखा और उसके पति को नसबंदी के लिए जागरूक किया जाएगा.
इसके अलावा, दैनिक भास्कर, आज तक, न्यूज़18 हिंदी, पत्रिका और टीवी9 भारतवर्ष समेत कई मीडिया आउटलेट्स ने इस मामले को कवर किया है. इनमें से किसी भी रिपोर्ट में महिला या उसके परिजनों के मुस्लिम होने का ज़िक्र नहीं है.
प्रसूता रेखा की पहचान की पुष्टि के लिए हमने झाड़ोल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्त्री रोग विशेषज्ञ रोशन दरांगी से संपर्क किया है. उनका जवाब मिलते ही स्टोरी को अपडेट किया जायेगा.
Conclusion
हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट है कि उदयपुर के आदिवासी क्षेत्र झाड़ोल में 17वें बच्चे को जन्म देने वाली महिला मुस्लिम नहीं हैं. सोशल मीडिया पर इस खबर को सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है.
Sources
NDTV Rajasthan report, August 27, 2025
ETV Bharat report, August 27, 2025
Dainik Bhaskar report, August 27, 2025
AajTak report, August 27, 2025
Patrika report, August 27, 2025
TV9 Bharatvarsh report, August 27, 2025
News18 Hindi report, August 27, 2025