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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि बीजेपी विधायक अनिल उपाध्याय ने एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की.
सोशल मीडिया पर कई बार ऐसी भ्रामक और गलत सूचनाएं वायरल होती हैं जिनमें किसी और के द्वारा किये गए किसी अपराध को किसी अन्य पर मढ़ दिया जाता है. कुछ ऐसा ही वाकया सोशल मीडिया पर तब देखने को मिला जब एक काल्पनिक पात्र अनिल उपाध्याय के नाम पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि उसने एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की है. अनिल उपाध्याय एक ऐसा काल्पनिक पात्र है जिसके नाम पर आये दिन कई वीडियोज और तस्वीरें वायरल होती रहती हैं.
साल 2019 में रिपब्लिक टीवी ने भाजपा समर्थक मुन्ना पांडेय को कांग्रेस विधायक अनिल उपाध्याय बताया था. साल 2019 में ही कई सोशल मीडिया यूजर्स ने यह दावा किया था कि भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय हिरण के शिकार की बात कर रहा है. साल 2020 में यह दावा किया गया कि महिलाओं ने बदसलूकी के बाद भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय की निर्वस्त्र कर पिटाई कर दी. साल 2020 में ही एक बार फिर यही दावा किया गया कि भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय ने छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की जिसके बाद उसकी जमकर पिटाई कर दी गई. हालांकि ये सारे दावे गलत हैं क्योंकि अनिल उपाध्याय एक काल्पनिक पात्र है जिसके नाम पर तमाम तरह के दावे वायरल होते रहते हैं.
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को की-फ्रेम्स में बांटा और फिर एक की-फ्रेम की सहायता से गूगल सर्च किया. गूगल सर्च के परिणामों और डिफ़ॉल्ट कीवर्ड्स को देखकर हमें यह जानकारी मिली कि वायरल वीडियो में पुलिसकर्मी के साथ मारपीट करने वाला व्यक्ति भाजपा विधायक उपाध्याय नहीं बल्कि भाजपा पार्षद मनीष चौधरी है तथा वायरल वीडियो 2018 में हुई मारपीट का है.
गूगल सर्च से प्राप्त परिणामों में हमें पत्रिका द्वारा प्रकाशित एक लेख मिला जिसमें यह जानकारी दी गई है कि मेरठ से भाजपा के पार्षद मनीष चौधरी ने एक दारोगा के साथ मारपीट की.
इसी विषय पर प्रकाशित अपने दूसरे लेख में पत्रिका ने इस विषय पर विस्तृत जानकारी दी है.
पड़ताल के दौरान हमें India TV द्वारा इस घटना की जानकारी देते हुए एक वीडियो रिपोर्ट भी प्राप्त हुई. जिससे यह पुष्टि होती है कि यह घटना 2018 की है तथा वायरल वीडियो में दिख रहा व्यक्ति भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय नहीं बल्कि भाजपा पार्षद मनीष चौधरी है.
इसके बाद हमें इस विषय पर अन्य मीडिया संस्थानों द्वारा प्रकाशित लेख एवं रिपोर्ट्स भी प्राप्त हुई जो उपरोक्त जानकारी का समर्थन करती है.
https://scroll.in/latest/899045/meerut-bjp-councillor-arrested-for-beating-up-sub-inspector
इसके बाद हमें कांग्रेस नेता ओमवीर यादव द्वारा किये गए दावे के जवाब में मेरठ पुलिस द्वारा किया गया एक ट्वीट भी मिला जिसमे यह जानकारी दी गई है कि उक्त -घटना 2018 की है तथा “इस संबंध में दिनांक 19/10/2018 को थाना कंकरखेड़ा पर अभियोग पंजीकृत कर मनीष पार्षद और उसके साथी संदीप, अरुण तथा जॉनी जेल भेजे गए थे तथा आरोप पत्र न्यायालय को प्रेषित किया जा चुका है.”
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ़ हो जाती है कि वायरल वीडियो साल 2018 का है तथा वायरल वीडियो में दिख रहा व्यक्ति भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय नहीं बल्कि भाजपा पार्षद मनीष चौधरी है. हमारी पुरानी रिपोर्ट्स के आधार पर यह बात भी स्पष्ट हो जाती है कि भाजपा या कांग्रेस में अनिल उपाध्याय नामक कोई भी विधायक नहीं है अतः अनिल उपाध्याय एक काल्पनिक पात्र है जिसके नाम पर सोशल मीडिया पर तमाम फेक दावे किये जाते हैं.
Media Reports
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