Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
सोशल मीडिया पर टावर के आगजनी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो किसान आंदोलन के दौरान का है जहां मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी Jio के टावर को नाराज़ किसानों द्वारा आग के हवाले कर दिया गया।
Fact check / Verification
सिंघु सीमा पर पिछले कई हफ्तों से नए कृषि क़ानूनों और कॉर्परेट कंपनियों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। इसी कड़ी में किसानों ने Jio सिम का बहिष्कार किया है। जिसके बाद इंटरनेट पर किसानों द्वारा कई Jio कंपनी के टावरों को ध्वस्त करने वाले वीडियो भी खूब वायरल हुए हैं। ऐसा ही एक वीडियो ट्विटर पर शेयर हो रहा है जिसमें एक जलते हुए टावर को देखा जा सकता है।
इसी दावे की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल की। जहां सबसे पहले हमने यह जानने का प्रयास किया कि क्या मुकेश अंबानी का नाम दुनिया के प्रथम 10 अमीर लोगों की सूची से हट गया है? खोज के दौरान हमें Business Insider की वेबसाइट पर 21 दिसंबर साल 2020 को छपा एक लेख मिला। जहां इस बात की जानकारी दी गयी है कि इन दिनों मुकेश अंबानी दुनिया के अमीर लोगों की सूची पर 9वें स्थान पर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ महीने पहले मुकेश अंबानी दुनिया के 6वें सबसे अमीर इंसान थे। लेकिन मौजूदा रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश अब 9वें स्थान पर हैं, यह सत्य है कि दुनिया के 10 सबसे अमीर लोगों की सूची से मुकेश अंबानी का नाम हाल फिलहाल में नीचे फिसला है लेकिन वह अभी भी प्रथम 10 अमीर लोगों की सूची में शामिल हैं।
इसके बाद हमने वायरल वीडियो का सच जानने के लिए भी खोज की, चूँकि वायरल वीडियो के एक कोने में TikTok लिखा दिख रहा था इसलिए हमें वीडियो के पुराने होने की आशंका हुई। क्योंकि कुछ महीने पहले ही भारत में TikTok बैन कर दिया गया था।
जिसके बाद हमने वायरल वीडियो को InVid टूल की सहायता से कुछ कीफ्रेम्स में तोड़ा और फिर गूगल पर रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो क्लिप YouTube के एकBoopathi’s view नामक चैनल पर मिली। जिसे यूट्यूब पर 20 सितंबर साल 2017 को अपलोड किया गया था।
हालांकि यूट्यूब पर वीडियो के कैप्शन में कोई उचित जानकारी नहीं दी गई थी लेकिन वीडियो को गौर से सुनने पर हमने पाया कि पीछे से कोई व्यक्ति इस घटना को देहरादून के अंकित पुरम का बता रहा था। अधिक जानकारी के लिए हमने गूगल पर कुछ संबंधित कीवर्ड्स से खोजना शुरू किया जिसके बाद हमें जलते हुए टावर का वीडियो News18 की वेबसाइट पर 29 जून साल 2017 को छपे एक लेख में मिला।
लेख के मुताबिक यह घटना देहरादून के वसंत विहार थाना क्षेत्र के अंकित पुरम की है। जहां साल 2017 में एक शॉर्ट सर्किट के कारण इलाके में लगे मोबाइल टावर में आग लग गयी था।
Conclusion
हमें मिले तथ्यों से पता चला कि वायरल वीडियो का मौजूदा किसान आंदोलन से संबंध नहीं है। दरअसल वायरल वीडियो की घटना साल 2017 की है जहां देहरादून के अंकित पुरम में लगे एक मोबाइल टावर में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गयी थी।
Result: Misleading
Our Sources
https://www.youtube.com/watch?v=ZPu7RYIvc_E
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.