रविवार, नवम्बर 3, 2024
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खनन माफिया का पीछा करती पुलिस का वीडियो किसान रैली से जोड़कर सोशल मीडिया पर किया गया शेयर

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

सोशल मीडिया पर ट्रैक्टर का पीछा करती एक गाड़ी का वीडियो वायरल है। दावा किया गया है कि ट्रैक्टर रैली के दौरान एक किसान के ट्रैक्टर का यूपी पुलिस पीछा कर रही है। लेकिन बहादुर किसान ने पुलिस की गाड़ी को चकमा देते हुए ट्रैक्टर को पानी में घुसा दिया और पुलिस देखती रह गई।

https://www.facebook.com/742993469046703/videos/790114111583264

सोशल मीडिया में गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों द्वारा आयोजित रैली की चर्चा सुर्ख़ियों में रही। दिल्ली के कई इलाकों में इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच हिंसक झड़पें भी हुईं जिसमें कई किसान और पुलिसकर्मी घायल भी हो गए। इस रैली को लेकर सोशल मीडिया में फेक ख़बरों का बाजार भी गर्म रहा। आम लोगों से लेकर खास तक कई लोगों ने इस मौके पर फेक खबरें फैलाई। देश के कई नामी पत्रकारों ने भी इस अवसर पर फेक दावों की झड़ी लगा दी। हमारी टीम ने ऐसे ही कई दावों का पर्दाफाश भी किया है।

इस बीच एक ट्रैक्टर के पीछे भागती एक चार पहिया गाड़ी का वीडियो इस आशय के साथ वायरल हो गया कि पुलिस ट्रैक्टर रैली में शामिल होने जा रहे किसान को रोकने के लिए उसका पीछा कर रही है। वायरल वीडियो में साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि एक गाड़ी ( जिसे यूपी पुलिस का वाहन बताया गया है) ट्रैक्टर सवार का पीछा कर रही है। देखने से पता चलता है कि यह कोई ऐसी जगह है जहां कोई नदी मौजूद है और ट्रैक्टर सवार बार-बार पुलिस की गाड़ी को छकाकर पानी में ट्रैक्टर को दौड़ा रहा है। वायरल हुए दावे का आर्काइव यहां देखा जा सकता है। फेसबुक पर यह दावा तेजी से वायरल हुआ है।

Fact Check/Verification

सोशल मीडिया पर ट्रैक्टर का पीछा करती पुलिस के वायरल वीडियो का सच जानने के लिए पड़ताल शुरू की। सबसे पहले क्लिप को Invid टूल के माध्यम से कई कीफ्रेम्स में बदलते हुए एक कीफ्रेम को गूगल रिवर्स किया। गूगल रिवर्स करने पर हमें ऐसा कोई परिणाम प्राप्त नहीं हुआ जिससे ट्रैक्टर वाले वायरल वीडियो की प्रमाणिकता साबित हो पाती।

invid टूल की मदद से प्राप्त एक अन्य कीफ्रेम को कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें ABP Ganga का एक यूट्यूब वीडियो प्राप्त हुआ। यह वीडियो पिछले 21 जनवरी को अपलोड किया गया है। वीडियो के मुताबिक़ यह घटना उत्तराखंड की है जहां खनन माफिया पर छापेमारी करने पहुंची पुलिस को खनन माफिया ने चकमा दे दिया। पुलिस पीछे-पीछे घूमती रही और माफिया चकमा देते हुए फरार हो गया।

ट्रैक्टर रैली से सम्बंधित कई अन्य फेक दावों पर हमारी पड़ताल को यहाँ पढ़ा जा सकता है।

वायरल वीडियो पर की गई पड़ताल के दौरान Amar Ujala के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो प्राप्त हुआ। इस वीडियो को चैनल पर 22 जनवरी को अपलोड किया गया है। वीडियो की यह घटना उत्तराखण्ड के काशीपुर की बताई गई है। खबर के मुताबिक़ यह खनन माफिया का वीडियो है। वीडियो में काशीपुर के पुलिस अधीक्षक का बयान भी दिखाया गया है। पुलिस के मुताबिक़ सूचना पर खनन रोकने पहुंची पुलिस को चकमा देते हुए खनन माफिया फरार हो गया।

पड़ताल के दौरान हमें News18 का भी एक वीडियो मिला। इस वीडियो को भी यूट्यूब पर इसी महीने 23 जनवरी को अपलोड करते हुए इसे उत्तराखंड का बताया गया है।

Conclusion

हमारी पड़ताल में यह साफ़ हो गया कि ट्रैक्टर का पीछा करती पुलिस का वीडियो गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल है। वायरल वीडियो में दिख रही पुलिस की गाड़ी यूपी पुलिस की नहीं है। इस वीडियो का ट्रैक्टर रैली से भी कोई सम्बन्ध नहीं है। यह वीडियो उत्तराखण्ड का है जहां खनन माफिया को पकड़ने गई पुलिस को चकमा देते हुए माफिया फरार हो गया था।

Result- False

Sources

ABP- https://www.youtube.com/watch?v=HGSPw6QO_qw

News18- https://www.youtube.com/watch?v=iUrVGsSAUbk

Amar Ujala- https://www.youtube.com/watch?v=1jr01aFXAqk

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

JP Tripathi
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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