Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि एक युवती किसी मुस्लिम युवक से शादी करना चाहती थी उसके वृद्ध पिता ने युवती के चरणों में पगड़ी रखकर उससे निवेदन किया कि वह मुस्लिम युवक से शादी ना करे.
जीवन में पारिवारिक झगड़े स्वाभाविक होते हैं। लेकिन इन्हीं पारिवारिक मतभेदों को लेकर फेक न्यूज़ भी फैलाई जा सकती है. कुछ ऐसा ही वाकया राजस्थान के एक प्रेमी युगल के साथ हुआ। सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि राजस्थान के पाली में एक वृद्ध पिता ने अपनी बेटी को एक मुस्लिम युवक से शादी करने से रोकने के लिए उसके पैरों में अपनी पगड़ी रख दी. वायरल वीडियो को देखने पर इस बात की तस्दीक भी हो जाती है कि वृद्ध पिता ने सच में युवती के पैरों में अपनी पगड़ी रखी. लेकिन वायरल वीडियो को देखने पर कई सारे सवाल भी खड़े होते हैं मसलन, युवती और वृद्ध व्यक्ति क्या सच में पिता और पुत्री हैं? क्या सच में युवती किसी मुस्लिम युवक से शादी करना चाहती है जिसे रोकने के लिए वृद्ध व्यक्ति ने युवती के पैरों में अपनी पगड़ी रख दी या फिर मामला कुछ और ही है। इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढने के लिए हमने अपनी पड़ताल शुरू की।
Fact Check / Verification
पड़ताल के पहले चरण में हमने वीडियो को InVid टूल की सहायता से की-फ्रेम्स में बांटा और फिर एक की-फ्रेम की सहायता से गूगल सर्च किया। गूगल सर्च में हमें वायरल दावे से संबंधित कोई ठोस जानकारी नही मिल पाई। लेकिन हमें तमाम ऐसे ट्वीट्स और फेसबुक पोस्ट्स मिले जिनमे वायरल वीडियो को लेकर तमाम तरह के दावे किए जा रहे हैं। जिसे यहां देखा जा सकता है.
वायरल दावों के बीच हमें ‘Royal Raika’ नामक एक फेसबुक पेज पर कथित तौर पर वायरल वीडियो का सच बताया गया है. उक्त फेसबुक पेज द्वारा पोस्ट किये गए एक वीडियो में एक युवक यह दावा करता है कि वायरल वीडियो में दिख रही युवती और वृद्ध व्यक्ति सच में पिता-पुत्री हैं. युवक यह भी दावा करता है कि युवक और युवती दोनों ही ही देवासी समाज से हैं तथा सोशल मीडिया पर घटना को हिन्दू मुस्लिम का रंग देकर भ्रम फैलाया जा रहा है।
वायरल वीडियो के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने उक्त फेसबुक पोस्ट पर किये गए कमेंट से फेसबुक यूजर का नंबर निकालकर उनसे संपर्क किया. गौरतलब है कि उक्त यूजर अपने कमेंट में यह जानकारी दे रहे हैं कि वह उस युवक को जानते हैं जिससे शादी करने की जिद के कारण वायरल वीडियो में दिख रहे वृद्ध व्यक्ति युवती के चरणों में अपनी पगड़ी रख रहे हैं.
जब हमने कमेंट में दिए गए नंबर पर संपर्क किया तो हमें बताया गया कि युवक राजस्थान के पाली जिले के विरमपुरा गांव का रहने वाला है और देवासी समाज से ताल्लुक रखता है। हमें यह भी बताया गया कि युवक और युवती दोनों एक ही समाज के हैं और मामले को हिन्दू-मुस्लिम रंग देकर भ्रम फैलाया जा रहा है.
पाली पुलिस ने मामले में साम्प्रदायिक एंगल के दावे को बताया झूठ
इसके बाद हमने पाली पुलिस से संपर्क किया जहां एक उच्चाधिकारी ने हमें यह जानकारी दी कि यह मामला पुलिस प्रशासन के संज्ञान में है. उक्त अधिकारी ने पूरा मामला समझाते हुए हमें बताया कि युवती पहले से ही देवासी समाज के एक युवक के साथ विवाहित है तथा प्रेम प्रसंग के चलते अब देवासी समाज के ही दूसरे युवक से शादी करना चाहती है। जिसके लिए युवती के पिता सहमत नहीं हैं और इसी वजह से वह युवती से प्रार्थना कर रहें हैं कि वह दूसरी शादी ना करे. हमारे द्वारा मामले में हिन्दू-मुस्लिम एंगल की सूचना पर उन्होंने, बताया कि युवक और युवती दोनों ही हिन्दू समाज के हैं ऐसे में पूरे मामले में किसी भी तरह के हिन्दू-मुस्लिम एंगल की गुंजाईश ही नहीं है.
इसके बाद हमने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया जहां हमें सादड़ी थाना इंचार्ज ने मामले की पूरी जानकारी देते हुए बताया कि 29 अगस्त को सीता नामक युवती के लापता होने की रिपोर्ट लिखवाई गयी थी जिसके बाद पुलिस ने मामले की पड़ताल करना शुरू किया और 1 सितंबर को युवती से संपर्क स्थापित कर लिया गया। थाना इंचार्ज ने हमें यह भी बताया कि लड़की की उम्र 20 वर्ष है और वह लखाराम नामक युवक से प्रेम करती है और उसी के साथ जीवन निर्वाह करना चाहती है। थाना इंचार्ज ने हमें बताया कि सीता और लखाराम दोनो ही रबारी या देवासी समुदाय से आते हैं। हमारे द्वारा मामले में युवक को मुस्लिम बताये जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि युवक और युवती दोनो ही एक ही समुदाय से आते हैं ऐसे में युवक को मुस्लिम बताये जाने का दावा सरासर झूठा है।
हमारी पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित होता है क्योंकि युवक और युवती दोनो ही हिन्दू धर्म के हैं। मामले में किसी भी तरह के धार्मिक एंगल का दावा भ्रामक है।
Result: Misleading
Sources: Rajasthan Police
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें:9999499044या ई-मेल करें:checkthis@newschecker.in
Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.