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क्या पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे? जानिए वायरल दावे का क्या है सच

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim

Big breaking Kanpur encounter मामले में UP पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी की ख़बर आ रही है। औरैया में इंस्पेक्टर ऋषि कान्त ने विकास दुबे को मुठभेड़ मे मार गिराया-सूत्र

जानिए वायरल दावा

सोशल मीडिया पर एक WhatsApp सन्देश तेजी से फॉरवर्ड हो रहा है। जहां ब्रेकिंग न्यूज़ शीर्षक के साथ एक खबर को शेयर किया जा रहा है। खबर में लिखा है कि कानपुर में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के आरोपी कुख्यात हिस्ट्रीशीटर, विकास दुबे को औरैया में पुलिस के साथ हुई एक मुठभेड़ में इंस्पेक्टर ऋषि कान्त द्वारा मार गिराया गया है।

फैक्ट चेक

2 जुलाई की रात, कानपुर स्थित बिठूर इलाके के बिकरू गांव में यूपी पुलिस, विकास दुबे नामक कुख्यात अपराधी के घर दबिश करने गयी थी। लेकिन गांव में घुसते ही पुलिसकर्मियों पर विकास दुबे के गुर्गो द्वारा अंधाधुंध फायरिंग की गयी। इस घटना में सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा, एसओ महेश यादव, चौकी इंचार्ज अनूप कुमार, सब इंस्पेक्टर नेबुलाल और कॉन्स्टेबल सुल्तान सिंह, राहुल, जितेंद्र और बल्लू शहीद हो गए। इसी घटना पर कल से एक व्हाट्सअप फॉरवर्ड खूब शेयर किया जा रहा है। जहां एक घायल व्यक्ति की तस्वीर के साथ औरैया पुलिस के इंस्पेक्टर ऋषि कान्त द्वारा विकास दुबे का एनकाउंटर किये जाने का दावा किया गया है ।

वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने सबसे पहले दावे के साथ साझा की जा रही तस्वीर को गूगल पर खोजने का प्रयास किया।

गूगल पर मिले परिणामों से पता चला कि यह तस्वीर विकास दुबे की नहीं है। खोज के दौरान newsgangapur.com नामक वेबसाइट पर छपे लेख से पता चला कि प्रयागराज में आकाशीय बिजली गिरने से युवक की मृत्यु हो गयी थी।

प्रयागराज में बिजली गिरने से किसी व्यक्ति की मृत्यु होने की खबर की पुष्टि के लिए हमने कुछ अन्य कीवर्ड्स की मदद से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें आजतक की वेबसाइट पर 4 जुलाई 2020 को छपा एक लेख भी मिला। जहाँ यह बताया गया है कि प्रयागराज में बिजली गिरने से 6 लोगों की मृत्यु हो गयी।

वायरल तस्वीर के साथ शेयर किया जा रहा दावा गलत साबित होने पर हमने अपनी पड़ताल जारी रखी। अब व्हाट्सअप पर ब्रेकिंग न्यूज़ के शीर्षक के साथ शेयर किये जा रहे, ‘विकास दुबे का औरैया पुलिस के इंस्पेक्टर ऋषि कान्त द्वारा एनकाउंटर’ वाले दावे को गूगल पर कुछ स्क्रीनशॉट के माध्यम से खोजा। जहां हमने हाल ही में औरैया पुलिस के साथ किसी अपराधी के मुठभेड़ होने की खबरों को खंगाला। खोज के दौरान मिले परिणामों से यह पता चला कि औरैया में विकास दुबे के साथ कोई मुठभेड़ नहीं हुई है। हालांकि औरैया बाईपास पर एक लावारिस कार जरूर मिली है जिसपर शक के साथ दावा किया जा रहा है कि हो सकता है कि इसी कार से विकास दुबे भाग निकला हो।

इसके साथ ही हमें मीडिया रिपोर्टों से यह भी पता चला कि विकास दुबे की आखिरी लोकेशन औरैया के पास मिली है।


गूगल पर मिले परिणामों तथा मीडिया रिपोर्टों से विकास दुबे के एनकाउंटर की कोई जानकारी नहीं मिली। लिहाजा अब हमने वायरल पोस्ट में जिस औरैया पुलिस के इंस्पेक्टर ‘ऋषि कान्त’ द्वारा दुबे का एनकाउंटर किये जाने का दावा किया जा रहा था उनके बारे में जानकारी जुटाने के लिए खोजना शुरू किया।

पड़ताल में हमें अमरउजाला की वेबसाइट पर छपा लेख एक मिला। जहां से पता चला ‘ऋषि कान्त’ 1997 बैच के अफसर हैं, जिन्होंने अब तक कुल 22 एनकाउंटर किये हैं। इन्हीं के नाम से विकास दुबे के एनकाउंटर की खबर वायरल हो रही है।

इसके बाद हमने वायरल दावे की पुष्टि के लिए औरैया के एसपी ऑफिस से सीधा इस नंबर पर (9454400249) संपर्क किया। वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि यह एक फेक खबर है। साथ ही उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया में ऐसी कई भ्रामक ख़बरों को फ़ैलाने के लिए FIR दर्ज करवाकर विधिक कार्रवाई की जा रही है।

ट्वीट का लिंक यहाँ देखें।

पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स की मदद से खोजने के बाद हमें पता चला कि कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों को मारने वाले आरोपी का अभी तक एनकाउंटर नहीं हो पाया है और ना ही वह अभी तक पुलिस के हाथ लगा है। इसलिए वायरल हो रहा दावा गलत है।

Tools Used 

  • Google Search
  • Twitter Advanced Search
  • Reverse Image Search

Result: False


(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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