Authors
सोशल मीडिया पर एक मैसेज शेयर कर यह दावा किया गया है कि ‘कसाब की फांसी रुकवाने के लिए अखिलेश यादव ने भी किया था दया याचिका पर साइन।’
ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले, सभी राजनीतिक पार्टियों द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का दौर जारी है। यूपी की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने अपने सबसे बड़े नेता और स्टार प्रचारक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मैदान में उतार दिया है। यूपी में मोदी के निशाने पर मुख्य विपक्षी पार्टी, सपा के मुखिया अखिलेश यादव हैं। अभी हाल ही में यूपी के गोरखपुर में हुई रैली के दौरान पीएम मोदी, अखिलेश और समाजवादी पार्टी की लाल टोपी पर निशाना साधते नजर आए थे। इससे जुड़ी खबर को यहां पढ़ा जा सकता है।
पीएम मोदी (PM Modi) द्वारा अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर जुबानी हमला करने के बाद, अब सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव, मोदी और बीजेपी समर्थकों के निशाने पर हैं। सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा एक मैसेज शेयर कर यह दावा किया गया है कि ‘कसाब की फांसी रुकवाने के लिए अखिलेश यादव ने भी किया था दया याचिका पर साइन।’
वायरल दावे को ट्विटर पर कई अन्य यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है।
ट्वीट्स का आर्काइव वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है।
वायरल दावे को फेसबुक पर भी कई यूजर्स द्वारा पोस्ट किया गया है।
फेसबुक पोस्ट्स को यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
फेसबुक पर वायरल संदेश को कितने लोगों ने पोस्ट किया है, यह जानने के लिए हमने CrowdTangle टूल पर कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमने पाया कि 3 दिन के अंदर वायरल संदेश को 294 से अधिक बार शेयर किया गया है, जिसे कुल 161,424 इंटरैक्शंस (रिएक्शन, कमेंट, शेयर) प्राप्त हुए हैं।
Fact Check/Verification
क्या सच में अजमल कसाब की फांसी रुकवाने के लिए अखिलेश यादव ने भी किया था दया याचिका पर साइन? इसका सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। इसके लिए हमने कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से संबंधित कई मीडिया रिपोर्ट्स प्राप्त हुईं।
theyouth.in और The Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को आर्थिक मसलों पर सलाह देने के लिए बनी राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) के दो सदस्यों ने, मुंबई हमले के गुनहगार अजमल आमिर कसाब को बचाने के लिए दया याचिका पर हस्ताक्षर किया था। कसाब की फांसी की सजा मांफ करने के लिए जिन 203 लोगों ने राष्ट्रपति के पास अर्जी भेजी थी, उनमें एनएसी के दो सदस्य अरुणा रॉय (Aruna Roy) और हर्ष मंदर (Harsh Mander) भी शामिल थे, लेकिन कसाब की फांसी की याचिका पर अखिलेश यादव ने भी हस्ताक्षर किया था, लेख में इसका कहीं जिक्र नहीं मिला। बतौर रिपोर्ट, मुंबई के वकील युग चौधरी ने यह दया याचिका तैयार की थी।
इसके अलावा हमें वायरल दावे से संबंधित 28 जनवरी, 2013 को अमर उजाला द्वारा प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। प्राप्त लेख में ऐसा कहीं नहीं लिखा गया है कि कसाब की फांसी रुकवाने के लिए अखिलेश यादव ने भी किया था दया याचिका पर साइन।
पड़ताल के दौरान ही हमें PDFCOFFEE.COM वेबसाइट प्राप्त हुई, जहां कसाब की फांसी रोकने के लिए दया याचिका पर हस्ताक्षर करने वाले लोगों की एक सूची प्रकाशित की गई है। लिस्ट में एनएसी के सदस्य अरुणा रॉय और हर्ष मंदर का नाम भी शामिल है। प्राप्त लिस्ट में अखिलेश यादव का नाम शामिल नहीं है। प्राप्त वेबसाइट में भी वकील युग मोहित चौधरी का नाम है, जिन्होंने अजमल कसाब की दया याचिका को तैयार किया था।
अबतक की पड़ताल में मिली जानकारी की पुष्टि के लिए न्यूजचेकर ने कसाब की दया याचिका तैयार करने वाले अधिवक्ता, युग मोहित चौधरी (Yug Mohit Chaudhry) से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “सोशल मीडिया पर गलत संदेश शेयर किया गया है। अखिलेश यादव द्वारा कसाब की दया याचिका पर हस्ताक्षर नहीं किया गया था।”
इसके अलावा हमने यूपी सपा के प्रवक्ता सुनील यादव (Sunil Yadav) से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया “अखिलेश यादव ने ऐसी किसी भी दया याचिका पर हस्ताक्षर नहीं किया है।”
अखिलेश यादव को लेकर वायरल हुए कई अन्य फेक दावों का फैक्ट चेक
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह साफ हो जाता है कि सोशल मीडिया पर शेयर किया गया ‘कसाब की फांसी रुकवाने के लिए अखिलेश यादव ने भी किया था दया याचिका पर साइन’ दावा गलत है। अखिलेश यादव द्वारा कसाब की दया याचिका पर हस्ताक्षर नहीं किया गया था।
Result: False
Our Sources
Media Report:
Yug Mohit Chaudhry, Lawyer
Sunil Yadav, Spokesperson, U.P. Samajwadi Party
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in