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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.
क्लेम
सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लोगों को शराब पीने की सलाह दी है।
ट्विटर पोस्ट का आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वायरल क्लिप में मुख्यमंत्री, शराब पर आबकारी विभाग को फटकार लगाते हुए नज़र आ रहे हैं। वे कह रहे हैं कि लोगों को इतना शराब पिला दो कि वे सवाल ना कर पाए। साथ ही यह भी कह रहे हैं कि आबकारी अमला कहाँ है? शिवराज सिंह चौहान का यह वीडियो क्लिप बड़ी तेजी से सोशल मीडिया की सुर्ख़ियों में है। सोशल मीडिया के कई माध्यमों पर इसे तेजी से शेयर किया जा रहा है।
लोकनीति के लेख में दावा किया गया है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी इस वायरल क्लिप को शेयर किया था। हालाँकि अब दिग्विजय ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है।
आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।
फैक्ट चेक:
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा पूरे प्रदेश को शराब के नशे में डुबो देने वाली वायरल क्लिप की हकीकत जानने के लिए पड़ताल आरम्भ की। सबसे पहले वीडियो को invid टूल की मदद से कई कीफ्रेम्स में बदला। स्क्रीनशॉट की मदद से गूगल रिवर्स करने पर कोई ऐसा पुख्ता प्रमाण नहीं मिला जिससे वायरल क्लिप की हकीकत पता चल पाती।
कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर कई मीडिया रिपोर्ट्स के लिंक मिले।
प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब सूबे में कमलनाथ सरकार थी तब शराब को लेकर उन्होंने कई नए नियम बनाये थे। नए नियमों की शिवराज सिंह चौहान ने तीखे शब्दों में आलोचना की थी।
पत्रिका ने शिवराज सिंह चौहान के एक बयान को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। अपने शीर्षक ‘शिवराज सिंह चौहान ने किया बड़ा हमला, मदिरा प्रदेश न बनाएं कमलनाथ सरकार’ के हवाले से मौजूदा कांग्रेस सरकार को घेरते हुए शिवराज ने तीखे तेवर दिखाए थे। सरकार की शराब नीति पर बोलते हुए शिवराज चौहान ने कहा था कि ‘कमलनाथजी मध्यप्रदेश को मदिरा प्रदेश न बनाएं। हमारी सरकार के दौरान भी आबकारी विभाग के प्रस्ताव आते थे। लेकिन हमारी सरकार ने पूरी सख्ती के साथ और दुकानें खोलने को मना कर दिया था। नर्मदा तट के किनारे पांच किमी के दायरे में जो शराब दुकानें थीं वो बंद करा दी थीं। लेकिन, इस सरकार ने अजूबे तर्क दिए हैं कि केवल रेवेन्यू बढ़ाने के लिए यह खोले जा रहे हैं। फारेस्ट इलाकों के कोर एरिया में भी बार के लाइसेंस दिए जाने के फैसले किए जा रहे हैं, जितनी भी शराब दुकानें होंगी, उसके लिए अहाते खोले जाएंगे। तर्क भी अजीब है। चौहान ने कहा कि हर दुकान के साथ बार भी होगा। यह मेरी समझ से परे है। इससे लाभ होगा या लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।
करीब 5 महीने पहले, जब राज्य में कांग्रेस सत्तासीन थी तब सूबे के मुखिया कमलनाथ द्वारा पारित की गई नई शराब नीति का बीजेपी ने विरोध किया था।
कुछ अन्य कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें शिवराज सिंह चौहान द्वारा 12 जनवरी 2020 को किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। इस ट्वीट पोस्ट में उन्होंने एक वीडियो भी अटैच किया है। 2 मिनट 36 सेकंड के इस वीडियो में 1:55 मिनट से वायरल हो रही क्लिप को सुना और देखा जा सकता है। वीडियो में शिवराज ने कमलनाथ सरकार की नई शराब नीति का विरोध किया है।
शिवराज सिंह चौहान ने जब यह वक्तव्य दिया था तब जनवरी 2020 में कमलनाथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे। मार्च 2020 में शिवराज ने चौथी बार सूबे के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
हमारी पड़ताल में पता चला कि शिवराज सिंह का जो वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है असल में वह तब का है जब वे सूबे के मुख्यमंत्री नहीं थे। असल में वे कमलनाथ सरकार द्वारा नई शराब नीति के विरोध में एक रिपोर्टर को इंटरव्यू दे रहे थे।
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