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चीन, जापान और अमेरिका में बढ़ रहे कोरोनावायरस के मामलों के साथ-साथ इसको लेकर भ्रामक जानकारियां भी बढ़ रही हैं. कोरोना के नए वेरिएंट “XBB ओमीक्रोन” को लेकर वाट्सऐप पर एक मैसेज फॉरवर्ड हो रहा है, जिसमें इस वेरिएंट के लक्षण और एहतियात के संबंध में चेतावनी दी गई है.
इस मैसेज में लिखा है, “नया वायरस कोविड XBB डेल्टा वेरिएंट की तुलना में पांच गुना अधिक खतरनाक है और इससे होने वाली मृत्यु की दर भी ज्यादा है. इस नए वेरिएंट के लक्षण खांसी या बुखार नहीं है. लक्षणों में जोड़ों का दर्द, सर दर्द, गर्दन दर्द, ऊपरी पीठ में दर्द, निमोनिया, भूख ना लगना शामिल है”.
सच जानने के लिए कई यूजर्स न्यूजचेकर की व्हाट्सएप टिपलाइन (+919999499044) पर इस दावे को भेज चुके हैं.
Fact check/Verification
खोजने पर पता चला कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वायरल हो रहे इस मैसेज को लेकर स्पष्टीकरण दिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक ट्वीट करते हुए इस मैसेज को फेक और भ्रामक बताया है.
XBB वेरिएंट का पता सबसे पहले 13 अगस्त 2022 को चला था. इस वेरिएंट की तीव्रता और पुनः संक्रमण के जोखिम को लेकर सबसे लेटेस्ट जानकारी अक्टूबर 2022 की इस रिपोर्ट में मौजूद है. डब्ल्यूएचओ ने इस वेरिएंट के सिंगापुर, भारत और कुछ अन्य देशों से लिए गए साक्ष्यों की जांच की थी. संस्था को ऐसा कोई सबूत नहीं मिला था जिससे यह कहा जा सके कि यह वेरिएंट बीमारी की गंभीरता को बढ़ाता है.
इसके अलावा, बता दें कि XBB ओमीक्रोन वेरिएंट का सब वेरिएंट है. रिसर्च के अनुसार, यह वेरिएंट, डेल्टा वेरिएंट से कम घातक है. यहां यह बात गलत साबित हो जाती है कि XBB वेरिएंट डाटा से पांच गुना ज्यादा खतरनाक है.
इस बारे में हमनें इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोगों के पूर्व प्रमुख डॉक्टर गंगाखेडकर से भी बात की. उन्होंने भी हमें यही बताया कि वायरल हो रहे मैसेज में लिखी बातें तथ्यहीन हैं.
डॉ गंगाखेडकर के अनुसार, “वायरल संदेश के विपरीत, XBB के लक्षण किसी भी अन्य ओमीक्रोन वेरिएंट के समान हैं. इस वेरिएंट की पहचान आसानी से की जा सकती है. XBB वेरिएंट से प्रभावित लोग हल्के बुखार, खांसी और शरीर में दर्द से पीड़ित होते हैं. लेकिन कैसे भी यह वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक नहीं है. XBB वेरिएंट से अस्पताल में भर्ती की दर और मृत्यु की दर बहुत कम है और यह वेरिएंट भारत के लिए नया नहीं है”.
डॉक्टर गंगाखेडकर आगे बताते हैं कि जब कोई जिनोम सीक्वेंसिंग का डाटा जारी होता है तो कुछ लोग इसका गलत अर्थ निकाल लेते हैं और सोशल मीडिया पर अनावश्यक भय पैदा करते हैं.
इसके अलावा, डब्ल्यूएचओ की अपडेट्स से यही पता चलता है कि वर्तमान में ओमीक्रोन ही “वेरिएंट ऑफ कंसर्न” की श्रेणी में है, खासकर इसका B.1.1.529, ना कि XBB वेरिएंट.
Conclusion
न्यूज़चेकर की जांच में इस बात की पुष्टि हो जाती है कि सोशल मीडिया पर कोरोना के XBB वेरिएंट को लेकर वायरल हो रहे इस मैसेज में गलत जानकारी बताई गई है.
Rating: False
Our Sources
Tweet by Ministry of Health and Family Welfare, on December 22, 2022
Tweet by Information & PR, Kathua, on December 22, 2022
Press note by WHO on October 22, 2022
Conversation with Dr R Gangakhedkar, former head of epidemiology and communicable diseases at the Indian Council of Medical Research
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